कहा – सच की लड़ाई जारी रहेगी, मंटू बोले अधूरे काम पूरे करेंगे
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
जमशेदपुर के साकची गुरुद्वारा की प्रधानगी को लेकर गर्म मिजाज में चल रही राजनीति ने मंगलवार को नया मोड़ उस वक्त लिया, जब कार्यकारी प्रधान निशान सिंह के गर्मजोशी के साथ नामांकन लेने की खबर आई. फतेह लाइव में यह खबर प्रकाशित होने के बाद रात को विपक्ष ने भी अपने पत्ते खोल दिए. गुपचुप तरीके से चुनाव कमेटी और कार्यकारी प्रधान निशान सिंह की गतिविधियों का विरोध जारी रखते हुए विपक्ष के दो लोगों ने भी नामांकन पत्र खरीदने की बात कही. पूर्व प्रधान हरविंदर सिंह मंटू और वरीय उपाध्यक्ष सुखविंदर सिंह राजू ने 51-51 हजार देकर नामांकन पत्र लिया है. इस खुलासे के बाद विरोधियों को भी एक झटका लगा है कि आगे विपक्ष की चाल क्या होगी. बहरहाल, गुरुद्वारा कमेटी के चुनाव में नामांकन करने का शुल्क 51 हजार किये जाने पर सिख समाज के आलावा अन्य लोगों में भी यह चर्चा का विषय बना हुआ है.
सोशल मीडिया के ग्रुप इसी बहस में लगे हुए हैं कि सीजीपीसी चुनाव के दौरान कम से कम यह शुल्क 5 लाख या गुरुद्वारों की संख्या के हिसाब से उससे ज्यादा होना चाहिए. खैर यह तो एक बहसबाजी है. विपक्ष के प्रबल दावेदार हरविंदर सिंह मंटू ने नामांकन पत्र खरीदने की बात स्वीकारते हुए कहा कि संगत के भरपूर समर्थन के साथ उन्होंने और एक साथी ने नामांकन पत्र ले लिया है. वह चुनाव कमेटी की गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं. साकची गुरुद्वारा के अधूरे कामों को वह चुनाव जीतकर पूरा करेंगे, जिससे संगत का और भी विश्वास उनपर बढ़ेगा. इससे पूर्व उन्होंने अपनी मांगों को एसडीओ और सीजीपीसी के पास रखा. विपक्ष के गुट का दावा है कि बुधवार को उनके दो, सीजी पीसी के प्रधान व महासचिव और विरोधी निशान सिंह और चुनाव कनवीनर रोमी को बैठक के लिए बुलाया है.
इसकी जानकारी लेने के लिए चुनाव संयोजक सतिन्दर सिंह रोमी को फोन किया गया, उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया. इस पूरी घटनाक्रम के साथ साकची का चुनाव और भी दिलचस्प और गर्म माहौल में बनते हुए देखा जा रहा है.