फतेह लाइव, रिपोर्टर.
सरायकेला-खरसावां जिले के खरसावां थाना अंतर्गत सालों से बंद पड़ी अभिजीत कंपनी को स्क्रैप माफिया और पुलिस के गठजोड़ से रोजाना खाली किया जा रहा है.यह कोई नया मामला नहीं है बल्कि यह 7-8 वर्षों से लगातार हो रहा है.जब मीडिया इस पर कोई खबर या स्टोरी चलाती है तो पुलिस खानापूर्ति के लिए एक दो छोटे-छोटे वाहन एक दो टन स्क्रैप लदा हुआ पकड़ कर अपनी पीठ थपथपा लेती है और उसमें भी विभिन्न थानों में दर्जनों प्राथमिकी ऐसी हैं जिसमें या तो सरगना का नाम ही गायब है या तो वे फरार बताए जा रहे हैं.इस सुनियोजित चोरी में पकड़े गए छोटे-मोटे चोर और कुछ टन माल आईवाश के लिए होता है ताकि सबको लगे कि पुलिस की मिलीभगत नहीं है.
खरसावां समेत जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में स्क्रैप के छोटे-बड़े लगभग 50 से भी ज्यादा स्क्रैप गोदाम व टाल हैं.इंडस्ट्रीयल एरिया होने के कारण भारी वाहनों का काफी आवागमन होता है क्या ओवरलोड क्या अंडरलोड क्या एक नंबर क्या दो नंबर सब तरह के वाहनों से मैनेज होकर काम चलता है.जिस थाना क्षेत्र से दो नंबर मालवाहक वाहन रोजाना गुजरते हैं वहां हर महिने पासिंग चार्ज 10 से 20 हजार रुपए बांटे जा रहे है.
वैसे तो इंडस्ट्रियल एरिया में चोरी आम बात है लेकिन हम बात अगर अभिजीत कंपनी की करें तो यह वर्षों से बंद पड़ी है जहां एक सिक्योरिटी गार्ड इंचार्ज बबलू नामक व्यक्ति का ही सिक्का चलता है जो भिखारी से राजा बन गया है क्योंकि चोरों को इंट्री इसी के परमिशन से दी जाती है.यह सब सेटिंग से खुलेआम है और देखा जाए तो मामला तो यह सीबीआई जांच का है कि आखिर यहां वर्षों से चोरी कौन,कैसे और क्यों करवा रहा है?आखिर कंपनी को हर महिने चोरों द्वारा लाखों-लाख का नुक़सान होने के बावजूद खामोशी क्यों छायी रहती है?

फिलहाल तो यह उच्चस्तरीय जांच का विषय है और अगर सीबीआई न सही कम से कम सीआईडी जांच ही ईमानदारी से हुई तो न जाने कितने अधिकारी और कितने बड़े घरानों के स्क्रैप चोर जेल जाएंगे जो कि राज्य में आश्चर्यजनक साबित होगा.
मुख्यमंत्री के गृह जिले में एक ईमानदार पुलिस अफसर की 10 मार्च को पोस्टिंग हुई और उन्हें लगातार गुप्त सूचनाएं प्राप्त होती रहीं, फिर कल रविवार की रात ही आदित्यपुर में 25 टन स्क्रैप लदा 10 चक्का ट्रक पकड़ा.वाहन तो डीएसपी ने पकड़ लिया लेकिन जाली कागजात दिखाने और पैरवी के साथ सेटिंग-गेटिंग का खेल भी शुरू हो गया है.सूत्र बताते हैं कि ट्रक संख्या 4709 के जिस स्क्रैप को पकड़ा गया है वह माल दो दिन पहले ही अभिजीत कंपनी से देर रात चोरी कर छोटे-छोटे वाहनों से खरसांवां के गांव से समाहरणालय के पास होते हुए अंदर के रास्ते आदित्यपुर के किसी तिवारी टाल में जमा किया गया था.इस चोरी के माल को बागबेड़ा के किसी अमन गुप्ता नामक चोरों के सरगना द्वारा तिवारी टाल को रोजाना थोड़ा-थोड़ा करके बेचा जा रहा था.जब इसकी पक्की सूचना डीएसपी को मिली तो कल रात 10.00 बजे आदित्यपुर मधुबन होटल से कुछ दूरी पर मेन रोड पर उक्त ट्रक को पकड़ लिया गया.जब डीएसपी ने कागजात मांगे तो जीएसटी बिल वाला एक कागज टाटा स्टील में भेजने का दिखाया गया.इस पर अधिकारी ने जब पूछा कि यह माल कहां से लाए हो तो इस पर गाड़ी का ड्राइवर और खलासी जवाब नहीं दे पाएं और स्क्रैप माफिया भी घंटों तक गायब रहा.
डीएसपी आदित्यपुर पुलिस को वाहन सौंपने के बाद लौट गए और आदित्यपुर थाना प्रभारी को पूरी जानकारी इकट्ठा करने का टास्क दिया गया.फिलहाल गाड़ी आदित्यपुर थाना के कब्जे में टीओपी के पास कल रात से ही खड़ी है.खबर लिखे जाने तक मामला दर्ज नहीं किया गया है.
वैसे तो यह कोई नई बात नहीं है बल्कि आदित्यपुर,सरायकेला,गम्हरिया और कांड्रा के दर्जनों स्क्रैप व्यापारी दो नंबर चालान और बिल बनाकर ऐसे ही लाखों टन स्क्रैप प्रति वर्ष विभिन्न कंपनियों में खपा देते हैं जो चंद घंटों में मेल्टिंग भी हो जाता है.थानों को मोटी रकम मंथली के रूप में मिलती है और जो मर्जी चाहे माल इधर-उधर करते रहिए कोई देखने वाला नहीं.
बिहार का चांद और नरेडी बन गया लखपति
सूत्रों की मानें तो बिहार के एक जिले से जुगसलाई में आकर बसे मोहम्मद चांद नामक चर्चित चोर खांटी लखपति बन गया है.वह वर्षों से अभिजीत कंपनी का माल चुराकर आदित्यपुर के एसके नरेडी नामक व्यक्ति की कोलाबिरा स्थित एक कंपनी में बेच रहा है.इस धंधे में पुलिस और बबलू गार्ड के अलावा आस-पास के थानों को पासिंग चार्ज भी मिल रहा है.मंथली बेसिस पर सभी को फायदा हो रहा है और सुबह-सुबह 3.00-4.00 बजे के बीच कंपनी के अंदर बिहार नंबर के पिक अप गाडियां रोजाना 50-60 टन स्क्रैप चुरा कर नरेडी के गोदाम में गिरा रहीं हैं.खरसंवा में चांद की तूती बोलती है और इससे संबंधित एक वीडियो भी हमें मिला है जिसमें चांद वीडियो बनाने वाले को खुलकर गाली-गलौज कर रहा है.
तांबा,पीतल,एलुमिनियम से लेकर लोहे के चैनल तक काट रहे चोर
कंपनी के अंदर कुछ वर्षों पहले भारी मात्रा में तांबे और पीतल के बड़े बड़े पार्ट्स चोरी कर जमशेदपुर के बर्मामाइंस स्थित लाल बाबा में किसी सिंह बंधुओ,तिवारी,नरेडी और कई माफियाओं चोरी कर बड़े पैमाने पर स्क्रैप बेचे जा रहे थे.चोरों ने सैकड़ों एकड़ में फैली अभिजीत कंपनी के न जाने कितने ही करोड़ के माल को झारखंड और बंगाल के दुर्गापुर तक माफियाओं के हाथों फर्जी बिल बनाकर बेचा होगा.सूत्र बताते हैं कि अब तो हालात यह है कि अभिजीत कंपनी में केवल लोहे के बड़े-बड़े स्ट्रक्चर ही बचे हैं जिसे चोर रोजाना रात 12.00 से सुबह 2.00 बजे तक काट रहे हैं.सुबह यह चोरी के बाद माल को दूसरी जगह शिफ्टिंग का काम बड़े ही सुनियोजित तरीके से होता है और सबको सबका हिस्सा भी मिलता है इसलिए तो इतना बड़ा मामला ठंडे बस्ते में रहता जाता है.
पिक्चर अभी बाकी है अगले अंक में कुछ और भी जानकारी दी जाएगी.


