- टाटानगर में यार्ड में चोरी को लेकर एएसआई जेएन बाउरी और कांस्टेबल किये गये निलंबित
- स्क्रैप उठाव को लेकर दो टाल संचालकों के बीच हुआ था टकराव, आरपीएफ ने करायी थी सुलह
फतेह लाइव रिपोर्टर.
कोल्हान में स्क्रैप चोरी और उठाव की बात हो और रेलवे का नाम नहीं आये यह असंभव है. सरायकेला-खरसावां में अभिजीत कंपनी की सुनियोजित चोरी से शुरू हुए स्क्रैप के खेल में मालामाल होने वालों में शहर के कई टाल संचालक भी शामिल हैं, जिनकी कमाई का बड़ा जरिया आज भी रेलवे से उठने वाला चोरी का स्क्रैप ही है. आलम यह है कि इन टाल संचालकों ने तो बकायदा अपना एरिया और यार्ड तक बांट रखा है कि कहां का माल कहां जायेगा. जब रेलवे स्क्रैप की बात हो और आरपीएफ का नाम न आये यह भी असंभव है. अभी सप्ताह भी पहले ही रेलवे यार्ड से चोरी के आरोप में आरपीएफ के एएसआई जेएन बाउरी और एक कांस्टेबल को निलंबित किया गया है.
रेलवे की चोरियों में सबसे दिलचस्प बात यह होती है कि हमेशा छोटी मछली को ही निवाला बनाकर निगल लिया जाता है और कार्रवाई की आंच कभी प्रभारियों तक नहीं पहुंच पाती. जबकि यह सभी जानते है कि बिना आरपीएफ के आकाओं की जानकारी में यहां से एक पत्ता भी हिला पाना संभव नहीं है. चाहे स्टेशन परिक्षेप में लगने वाली अवैध दुकानें हो, या स्टेशन चलने वाले अवैध वेंडर या रेलवे यार्ड क्षेत्र से उठाया जाने वाला स्क्रैप. आरपीएफ के जानकारों का ही यह मानना है कि वर्तमान प्रभारी के कार्यकाल में जेम्को, गोविंदपुर से लेकर गम्हरिया तक अवैध टॉल खुल गये जो कभी बंद करा दिये गये थे. FORCE लिखी बाइक पर चलने वाला एक टाल संचालक आरपीएफ के नाम पर हर टाल से वसूली करता है.
यहां मेन यार्ड, मार्सलिंग यार्ड, सलगाझड़ी यार्ड के अलावा कंपनी से निकलने वाले गुड्स रैकों से प्लेट तोड़ने का काम धड़ल्ले से स्थानीय गिरोह कर रहे हैं. मुख्य रूप से यही प्लेट अलग-अलग स्क्रैप टालों में रात के अंधेरे में धड़ल्ले से पहुंचाया जा रहा है जहां से उसे 30मिनट के अंतर डिस्मेंटल कर दूसरे लोकेशन पर भेज दिया जाता है. रेलवे का माल मुख्य रूप से तीन टाल तक पहुंचाया जाता रहा है. इसमें कोलाबीरा से आगे के टाल का संचालन अशोक यादव व मन्नू मिलकर करते है. इसमें सहयोग दीपक गुप्ता करता है.
इसके अलावा मेन यार्ड से निकाला जाने वाला माल जेम्को चौक तीन खंबा स्थित दिलीप जायसवाल के टाल में पहुंचाया जाता है. मार्सलिंग और सलगाझुड़ी से उठाया गया माल अशोक यादव व मन्नू और दिलीप जायसवाल के टाल में जाता है. अशोक यादव का टाल भी जेम्को चौक पर ही है. वहीं लाल बाबा हरिजन बस्ती में शराब भट्ठी के पीछे वरुण सिंह के टाल में मार्सलिंग यार्ड और ट्यूब लाइन से गुजरने वाली मालगाड़ी रैकों से तोड़ा गया प्लेट और एन बाक्स का चैनल तोड़कर निकाला गया माल पहुंचाया जाता है.
बताया जाता है कि मन्नू और दिलीप के बीच माल उठाव को लेकर बीते दिनों विवाद हो गया था. सूत्रों का कहना है कि इस मामले में समझौता आरपीएफ पोस्ट प्रभारी द्वारा कराया गया इसके बाद सहमति बनी की एक दिन माल मन्नू तो दूसरे दिन दिलीप के टाल में जायेगा. इसके बाद शांति से काम फिर से शुरू हो गया है. सूत्रों की माने तो मेन यार्ड से लोहा और स्कैप का माल महिला कैयर टेकर उमा की निगरानी में निकाला जाता जाता है जो सुनियोजित तरीके से दिलीप जायसवाल के टाल तक पहुंचा दिया जाता है. वहीं जुगसलाई व लाल बाबा में उत्तम जायसवाल का टाल भी शामिल है. कोविड स्पेशल से चोरी 56 बैटरी की रिकवरी इसके टाल से की गयी थी. आरपीएफ की मिलीभगत से इसने हाईकोर्ट से एंटीसिपेट्री बेल ले ली थी. यह बताया जाता है कि जुगसलाई में इसने रेलवे की बड़ी जमीन पर भी कब्जा कर रखा है.
रेलवे स्क्रैप की चोरी और एन बाॅक्स तोड़कर निकाले जाने वाले लोहा से ही अधिकांश टाल संचालकों का धंधा चल रहा है ओर ये लोग मालामाल हो रहे हैं. इसका पता इन टाल संचालकों की रहन-शहन और शान-शौकत को देखकर चल जाता है. इन टाल संचालकों का निबंधन और माल उठाव के कागजात की जांच से ही साफ हो जाता है कि रेलवे क्षेत्र में खुले इन स्क्रैप टालों में बड़े स्तर पर चोरी का स्क्रैप पहुंचाया जा रहा है. इसका खुलासा बीते दिनों चाेरी की घटना के बाद आरपीएफ एएसआई और कांस्टेबल के निलंबन से साफ हो गया है.
हाल में ही राजेंद्र की गिरफ्तारी और फिर सेटिंग-गेटिंग में उसकी रिहाई ने पूरे स्क्रैप कारोबार में वर्दी के सुनियोजित नेटवर्क का खुलासा कर दिया है. रेलवे एन बाक्स व बैगन से प्लेट तोड़कर चोरियों का खुलासा कैरेज एंड वैगन विभाग की रिपोर्ट से हो सकता है जो आने वाले रैक में इसे गायब होने का ब्योरा दर्ज करता है.