फतेह लाइव, रिपोर्टर.






































सरायकेला-खरसावां की एक कंपनी जो दिवालिया हो गई हो, जिसे बैंक ने अपने कब्जे में ले लिया हो और उस कंपनी के बंद प्लांट में लगातार 5-6 सालों से चोरी होती रहे. इतना ही नहीं उस कंपनी का लंबे अंतराल के बाद भी ऑक्सन न हो, तो ये एक बड़े घोटाले की ओर संकेत करता है. झारखंड में लातेहार और खरसंवा की बंद पड़ी अभिजीत कंपनियों की ये कहानी पुरानी नहीं है.
स्क्रैप माफिया, चोर और पुलिस की संलिप्तता से कंपनी के बड़े-बडे़ और लाखों रुपए के महंगें-महंगे पार्ट्स अंदर ही अंदर रात के अंधेरे में बेच डाले गए. आए दिन चोर और स्क्रैप माफियाओं द्वारा देर रात वहां तैनात सिक्योरिटी गार्ड से सेटिंग कर बड़े पैमाने पर हजारों टन स्क्रैप छोटी-बड़ी कंपनियों में लाकर गला दिया गया.
गत रविवार को भी गुप्त सूचना पर आदित्यपुर में स्क्रैप लदे 10 चक्का ट्रक 4709 को पकड़ा तो गया, लेकिन मामला दर्ज करने के बजाए तीन दिनों तक लीपापोती होती रही.
अहले सुबह अंधेरे में जमशेदपुर और सरायकेला-खरसंवा जिले के टाल और गोदाम में चोरों और दलालों द्वारा स्क्रैप चुराकर बेचना तो आम बात है. यह सालों से जारी है और परिणाम यह है कि जिस बंद कंपनी के बाहर सुरक्षा के लिए भारी भरकर सिक्योरिटी तैनात है. वह अंदर से 70% तक कैसे खाली हो गई?
सूत्रों की मानें तो दर्जनों बीघा में फैली अभिजीत कंपनी के रक्षकों और भक्षकों ने मिलकर 5-6 सालों में अधिकांश तांबा, पीतल और लोहे के बड़े-बड़े पार्ट्स,चैनल और जंग लगे एंगल बेच डाले गए हैं. अगर लातेहार और सरायकेला-खरसंवा में अभिजीत कंपनी के मामले की सीआईडी या सीबीआई जांच हुई तो न जाने कितने अधिकारी, चोर, दलाल और स्क्रैप माफियाओं का जेल जाना तय है.
*फतेह लाईव* को एक ऐसा वीडियो मिला है, जिसमें कंपनी के अंदर ही चोरों की टोली एक जले हुए विशालकाय ट्रांसफार्मर का वीडियो बना रही है. सूत्र बताते हैं कि यह वीडियो 8 महीने पुराना है. जब खरसंवा की अभिजीत कंपनी में दो दिनों तक धुआं उठता नजर आया था. कारण कि ट्रांसफार्मर के अंदर का महंगा तांबा निकालने के लिए चोरों ने केरोसिन तेल डालकर आग लगा दी थी. दो दिन जलने के बाद ट्रांसफार्मर का सारा रबड़ गल गया और फिर चोरों ने उसे कोलाबिरा के एक कंपनी में ऊंची कीमत पर बेच दिया.
तांबे की बिक्री के बाद ट्रांसफार्मर का वीडियो बनाकर जमशेदपुर के कुछ स्क्रैप माफियाओं को भेजा गया जब सौदा तय हुआ. तब गैस कटर से काट कर पिक अप वैन में लादकर उसे भी जमशेदपुर में बेच दिया गया.
अगले अंक तक जारी……………..