• आदिवासी संस्कृति और प्रकृति प्रेम के संग झूम उठा कैंपस

फतेह लाइव, रिपोर्टर

BIT सिंदरी में आयोजित सरहुल महोत्सव ने आदिवासी संस्कृति के रंगों और उत्साह से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया. कार्यक्रम की शुरुआत विधि-विधानपूर्वक पूजा स्थल पर प्रार्थना और प्रवचन के साथ हुई. इस पावन अवसर पर बीआईटी कल्चरल सोसाइटी के प्रोफेसर इंचार्ज डॉ. अजय उरांव, प्रोफेसर उपेंद्र प्रसाद, प्रोफेसर डी.के. तांती, प्रोफेसर राजीव वर्मा, डॉ. जीतू कुजूर समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे. अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया और उन्हें अखड़ा ले जाया गया, जहां आदिवासी परंपराओं का जीवंत प्रदर्शन हुआ. माहौल तब और भी रौनक से भर गया जब प्रोफेसर अजय उरांव ने खुद मांदर गले में टांगकर बजाया और सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया.

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आदिवासी परंपराओं के रंगों से गूंज उठा कैंपस

पूजा के दौरान पाहनो (पुजारी) ने सरहुल की पारंपरिक पूजा विधि-विधानपूर्वक संपन्न कराई, जिससे श्रद्धा और भक्ति का वातावरण बना. प्रोफेसर अजय उरांव ने झारखंडवासियों को सरहुल पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पर्व हमें प्रकृति से जुड़ने और उसकी रक्षा करने का संदेश देता है. डॉ. जीतू कुजूर ने सरहुल के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला, जबकि डॉ. उपेंद्र प्रसाद ने सरहुल और ईद की शुभकामनाएं दीं. कार्यक्रम का समापन दोपहर 1 बजे हुआ, जिसमें सभी ने प्रसाद ग्रहण किया और सामूहिक उल्लास का आनंद लिया.

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