- भक्तों ने तीन दिन व्रत रखकर किया बाबा भोलेनाथ की पूजा-अर्चना
फतेह लाइव, रिपोर्टर
जमशेदपुर के राजनगर प्रखंड अंतर्गत एदल गांव में शिव पूजा कमेटी एवं ग्रामीणों ने इस वर्ष भी शिव गाजन पर्व बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया. तीन दिनों के कठिन व्रत के बाद गुरुवार शाम को करीब 360 भक्तगण बाबा भोलेनाथ की पूजा के लिए गांव के नजदीकी तालाब में नहाकर जाम डाली लेकर शिव मंदिर पहुंचे. एदल गांव के शिव पूजा कमेटी के पुजारी संजीत मुखर्जी और अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि लगभग 300 साल पहले इसी तालाब में बाबा भोलेनाथ का अबीर भाव हुआ था. तब राजा के शासनकाल में विधिवत शिव मंदिर की स्थापना की गई थी, जहाँ से यह परंपरा चली आ रही है. भक्तों का मानना है कि सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने पर मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
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शिव गाजन पर्व की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता
इस पर्व में आसपास के दर्जनों गांवों से भारी संख्या में भक्त शामिल होते हैं जो भक्ति और श्रद्धा से बाबा भोलेनाथ की पूजा करते हैं. पूजा के साथ-साथ गांव की छऊ नृत्य मंडली ने भी अपने प्राचीन नृत्य से समा बांधा. छऊ नृत्य में रामायण और महाभारत कालीन दृश्य प्रस्तुत किए गए, जो रातभर चलता रहा और दर्शकों को पारंपरिक कला-संस्कृति का आनंद दिया. यह आयोजन स्थानीय सामाजिक जीवन और सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है.
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छऊ नृत्य : एदल गांव की सांस्कृतिक धरोहर
इस पर्व के दौरान गांव में अच्छी बारिश हुई, जिसे स्थानीय लोग सुख-शांति और समृद्धि का संकेत मानते हैं. बाबा भोलेनाथ की पूजा-अर्चना के बीच क्षेत्र के लोग एकजुट होकर सामाजिक मेलजोल और धार्मिक आस्था का आदान-प्रदान करते हैं. इस तरह का आयोजन गांव और आसपास के इलाकों में विश्वास और सौहार्द्र बढ़ाने में भी सहायक होता है. शिव गाजन पर्व ने एदल गांव की सामाजिक और धार्मिक पहचान को मजबूती दी है.