इन्हीं क़्वार्टरों के मलबे में दबे नाबालिगों के मामले नहीं है थाना में दर्ज? या फिर हो रहा जानों से खिलवाड़

फतेह लाइव, रिपोर्टर.

जमशेदपुर शहर की शान टाटा स्टील प्रबंधन अपनी विस्तारीकरण योजना को अमली जामा पहनाने में पुरजोर से लगी हुई है. इसी कड़ी में बर्मामाइंस क्षेत्र को खाली कराया जा रहा है. गत कई माह से यहां प्रबंधन टाटा स्टील के क़्वार्टर खाली करा रही है. वर्तमान में केपीएस स्कूल के सामने मुख्य सड़क और क्लब हॉउस के आसपास के क़्वार्टरों पर बिना कोई सेफ्टी के, बिना बुलडोजर लगाए उन्हें जमींदोज करने की प्रक्रिया 15 दिनों से चल रही है. इस नजारे को देखकर कंपनी प्रबंधन और स्थानीय थाना पर अपराधी गठजोड़ की दास्तां उजागर हो रही है.

क़्वार्टर तोड़ने उसके मलबे को समेटने की एक प्रक्रिया होती है, जिसका नियम का पालन यहां नहीं दिख रहा है. देश की नामी कम्पनियों में शुमार प्रबंधन क्या इस तरह की लापरवाही उजागर कर सकता है. इस तरह की हेराफेरी अक्सर सरकारी विभागों में देखी जा सकती है, लेकिन वहां भी एक प्रक्रिया चलती है. गत छह माह पहले बर्मामाइंस से जेम्को को जोड़ने वाली सड़क के ऊपर क़्वार्टरों में इसी खेल को लेकर दो बच्चे मलबे में दब गए थे. क्या वह घटना को भुलाकर स्थानीय थाना या प्रबंधन किसी की जान लेने के लिए यह खेल करवा रहा है?

सूत्रों के अनुसार इस गोरखधंधे में स्थानीय कई सफेद पोश माफिया आमने सामने हैं. खुलेआम ट्रक, ऑटो से मलबे की ढुलाई और उससे होने वाली कमाई का दो रुपया थाना तक बांध दिया गया है. ये सफेद पोश अगर आमने सामने हो जाएं तो पुलिस बीच बचाव के लिए खड़ी है, ऐसी चर्चा बनी हुई है. इन सफेद पोश के आलावा भी छोटे मोटे स्थानीय नेता इसमें हाथ साफ करने से पीछे नहीं है. गत दिनों कैरेज कॉलोनी के विवाद में ये छोटे नेता बदमाशों को संरक्षण देते भी देखे गए हैं.

बहरहाल, मामला जो भी हो खुलेआम टिस्को कंपनी की गढ़ में चल रहे अवैध खेल को लेकर प्रबंधन की बदनामी निश्चित है. सूत्रों के अनुसार प्रबंधन के स्थानीय जिम्मेदार भी मामले को वरीय अधिकारियों को संज्ञान में दे चुके हैं. उसके बावजूद खुलेआम खेल का चलना विभिन्न जिम्मेदारो की कार्यशैली पर खुद सवाल करता है.

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