- बिष्टुपुर में सम्मान समारोह के दौरान छात्रों ने सौंपा मांग पत्र, कहा – सत्र के बीच में संस्थान बदलना अनुचित
- राज्यभर में छात्रों में आक्रोश, संगठनों ने दी सड़कों पर उतरने की चेतावनी
फतेह लाइव, रिपोर्टर
झारखंड सरकार द्वारा डिग्री कॉलेजों से इंटरमीडिएट की कक्षाएं बंद कर प्लस टू स्कूलों में स्थानांतरित करने के फैसले ने छात्रों में गहरा असंतोष पैदा कर दिया है. इसी के विरोध में मंगलवार को बिष्टुपुर के माइकल जॉन सभागार में आयोजित जिला स्तरीय प्रतिभा सम्मान समारोह में भाग लेने पहुंचे शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का छात्रों ने घेराव किया. 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों ने शिक्षा मंत्री को घेरकर उन्हें एक मांग पत्र सौंपा, जिसमें आग्रह किया गया कि उन्हें वर्तमान संस्थानों से ही अपनी पढ़ाई पूरी करने दी जाए. छात्रों ने शांति पूर्वक विरोध जताया और बताया कि यह नियम 2026 से लागू होना है, लेकिन वे पहले से कॉलेज में नामांकित हैं, ऐसे में बीच सत्र संस्थान बदलने से उनकी पढ़ाई बाधित होगी.
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सत्र के बीच बदलाव छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ : विद्यार्थियों की आपत्ति
प्रदर्शनकारी छात्रों का आरोप है कि शिक्षा मंत्री ने उनकी समस्याएं गंभीरता से नहीं सुनीं और जल्दबाज़ी में कार्यक्रम स्थल से निकल गए. छात्राओं ने कहा कि उन्हें ऐसा लग रहा है कि सरकार उनकी आवाज़ अनसुनी कर रही है, जिससे उनका भविष्य अधर में लटक गया है. छात्रों ने स्पष्ट कहा कि वे जहां से पढ़ाई शुरू कर चुके हैं, वहीं से परीक्षा तक जारी रखना चाहते हैं. प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों ने यह भी कहा कि सरकार को इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए, क्योंकि सत्र के बीच में अचानक कॉलेज बदलने से मानसिक दबाव और पढ़ाई दोनों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा.
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छात्रों की चेतावनी – नहीं मानी मांगें तो होगा बड़ा आंदोलन
इस फैसले के विरोध में केवल जमशेदपुर ही नहीं, बल्कि पूरे झारखंड के छात्र आंदोलनरत हैं. विभिन्न छात्र संगठनों ने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यदि इस फैसले को जल्द वापस नहीं लिया गया, तो वे सड़कों पर उतर कर उग्र आंदोलन करेंगे. छात्रों का कहना है कि शिक्षा नीति को लेकर पारदर्शिता होनी चाहिए और वर्तमान छात्रों को इस निर्णय से मुक्त रखा जाए.