आदिवासी कुड़मी की ऐतिहासिक प्रमाणिकता की गाथा है पुस्तक

         

फतेह लाइव, रिपोर्टर.

आदिवासी कुड़मी समाज के केंद्रीय महासचिव सुनील कुमार गुलियार जी द्वारा लिखित “बृहद छोटा नागपुर के आदि बुनियाद” नामक पुस्तक झारखंड के महामहिम राज्यपाल संतोष गंगवार को भेंट दी गई. इस पुस्तक के अंतर्गत बृहद छोटा नागपुर के आदिवासी कुड़मियों के साथ क्या-क्या षड्यंत्र की गई है. इस बृहत छोटा नागपुर के कौन सबसे पुराना आदिवासी है, जनजाति, अनुसूचित जनजाति, और आदिवासी में क्या अंतर है. इसकी पूरी व्याख्या की गई है. इस पुस्तक के अंतर्गत सीएनटी एक्ट 1908 के पूर्व किस एक्ट के तहत कुड़मयों के जमीन की सुरक्षा दी गई थी? सीएनटी एक्ट की उत्पत्ति कैसे हुई? किन लोगों के लिए बनाई गई थी? सीएनटी एक्ट1908 में कब-कब छेड़छाड़ की गई है? इन सभी बातों का जिक्र की गई है.

आदिवासी कस्टम क्या है? पैतृक संपत्ति में महिलाओं को हिस्सेदार क्यों नहीं बनाया जाता है? इन सभी बातों का भी उल्लेख है. संविधान लागू होने के साथ ही आदिवासी की जनसंख्या को कम क्यों दिखाया गया? आदिवासियों का धर्म का कॉलम को क्यों हटाया गया? जिस जनजाति को 1950 के पूर्व आदिवासी नहीं माना जाता था उन्हें भी एसटी सूची में क्यों डाला गया? इन सभी बातों का उल्लेख इस पुस्तक में की गई है. यह पुस्तक सभी लोगों के लिए उपयोगी साबित होगी. महामहिम को यह पुस्तक भेंट देते समय साथ में उच्च न्यायालय के अधिवक्ता हरेंद्र कुमार महतो, अधिवक्ता अहिल्या महतो जी एवं आदिवासी कुमी समाज के पदाधिकारी मणिलाल महतो उपस्थित थे.

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