31 जनवरी तक छप्पन भोग, गणगौर, पूजा, शालिग्राम एवं सागर स्वीट्स में कूपन दिखाए और मिष्ठान पाए
वर्क्स जनरल ऑफिस ग्राउंड में प्रस्तावित आमसभा में कर्मचारी की नहीं होगी गिनती
संविधान संशोधन के दस्तावेज पर 51 फीसद कर्मचारियों ने हस्ताक्षर कर दिया तो फिर बन जाएगा काम
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
13 दिसंबर को टाटा वर्कर्स यूनियन की आमसभा टाटा स्टील के कारखाना के भीतर आयोजित की गई है. इसमें यूनियन के संविधान में संशोधन के लिए साधारण सदस्यों के बहुमत की स्वीकृति की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. वर्क्स जनरल ऑफिस ग्राउंड में आमसभा होनी है. कर्मचारियों को आमसभा में शिरकत करने के लिए आमंत्रित किया गया है.

यूनियन के साधारण सदस्य 10 हजार से अधिक है जबकि इसकी तुलना में मैदान बहुत छोटा. आमसभा में आने वाले कर्मचारियों की गिनती नहीं की जाएगी. यूनियन नेतृत्व ने यह व्यवस्था की है कि कमेटी मेंबर अपने अपने विभागों में जाकर कर्मचारियों से दस्तखत कराएंगे.
उसी वक्त उन्हें 400 रुपए के मिठाई का कूपन दिया जाएगा. दस्तावेज पर कर्मचारियों का दस्तखत संविधान संशोधन के उनकी स्वीकृति माना जाएगा. आमसभा के बाद कर्मचारियों के सारे दस्तखत को श्रम एवं नियोजन विभाग में दिखाया जाएगा. यह बताया जाएगा कि यूनियन के सदस्यों ने संविधान संशोधन के लिए सहमति दी है और बाकायदा अपना हस्ताक्षर भी किया है.
पिछले दो दशक की बात करे तो टाटा वर्कर्स यूनियन में तीन बार आमसभा बुलाई जा चुकी है. रघुनाथ पांडेय और आर रवि प्रसाद ने आमसभा बुलाई थी. यूनियन के संविधान में संशोधन किया गया था. अब तीसरी बार संजीव कुमार चौधरी के कार्यकाल में आमसभा हो रही है. ऐसी व्यवस्था की गई है कि कर्मचारियों से दस्तखत कराना आसान हो। आमसभा में कर्मचारी जाते है तो उनके लिए पानी की बोतलों की व्यवस्था रहेगी.
मिठाई कूपन में कर्मचारियों के नाम, सेक्शन और पर्सनल नंबर दर्ज है. 31 दिसंबर तक छप्पन भोग, गणगौर, शालिग्राम, पूजा और सागर स्वीट्स की किसी भी आउटलेट से कर्मचारी कोई भी मिठाई ले सकेंगे. हां, कूपन उसी को मिलेगा जो दस्तखत करेगा. यूनियन के 10 हजार से अधिक सदस्य हैं. सिर्फ मिठाई बांटने में ही यूनियन के 40 से 45 लाख रूपये खर्च हो जाएंगे. टेंट और पानी बोतल का खर्च अलग। दोपहर साढ़े 3 बजे से आमसभा होनी है. कर्मचारी टाटा स्टील के किसी गेट से आमसभा के लिए जा सकते है.उन्हें सिर्फ अपना गेटपास दिखाना होगा.
ऑफिस बेयरर्स ने बैठक कर आमसभा की तैयारियों की समीक्षा की
टाटा वर्कर्स यूनियन के ऑफिस बेयरर्स की गुरुवार को चमरिया गेस्टहाउस में बैठक हुई. इसमें आमसभा की तैयारियों की समीक्षा की गई. तय हुआ कि विभागों के प्रभारी पदाधिकारियों के जरिए कमेटी मेंबरों तक कूपन पहुंचाया जाएगा. कूपन बांटने के बाद कमेटी मेंबरों से कर्मचारियों के दस्तखत के कागजात लिए जाएंगे. सारे दस्तावेजों को व्यवस्थित करने के बाद उसे श्रम विभाग में दिखाया जाएगा. बैठक में अध्यक्ष संजीव कुमार चौधरी उर्फ टुन्नू, महामंत्री सतीश कुमार सिंह, शैलेश कुमार सिंह, अमोद दुबे, शाहनवाज आलम, अजय चौधरी, राजीव चौधरी, नितेश राज एवं श्याम बाबू शामिल हुए.
संविधान में होगा यह बदलाव
अभी तक टाटा स्टील के कुल कर्मचारियों की संख्या को 214 से भाग दिया जाता रहा है, जो आंकड़ा आता है, उसे आधार मान कर कमेटी मेंबर की सीट तय होती रही है. अब यूनियन नेतृत्व चाहता है कि 50 कर्मचारियों को आधार मान कर कमेटी मेंबर की एक सीट निर्धारित की जाये. कॉमन वेज स्ट्रक्चर में कर्मचारियों की अधिकतम संख्या 8275 निर्धारित की गई है. मान लिया जाये कि अगले चुनाव में 10 हजार कर्मचारी कारखाना में होंगे तो 50 से भाग देने के आधार पर कमेटी मैंबर की सीट 200 होगी. जैसे जैसे कर्मचारी कम होते जाएंगे, कमेटी मेंबरों की सीट कम होती जाएगी. हां, किसी भी हालत में यह संख्या 160 से नीचे नहीं आएगी.
यूनियन में अभी तक यह व्यवस्था है कि कमेटी मेंबरों का बहुमत चाहे तो को ऑप्शन के जरिए किसी गैर कर्मचारी को यूनियन का सदस्य बना सकता है. यूनियन नेतृत्व का आकलन है कि यूनियन के पास 45 करोड़ की नकदी है, 50 करोड़ की अचल संपत्ति है. ग़लत इरादे से बाहरी तत्व धन बल आदि के जरिए यूनियन में को ऑप्शन के सहारे आ सकते है. प्रस्ताव दिया गया है कि सिर्फ पूर्व कर्मचारी ही को ऑप्शन के दावेदार हो सकते हैं.
भारत सरकार ने श्रम कानूनों में बदलाव किया है. इसके तहत ट्रेड यूनियन का कार्यकाल अधिकतम पांच साल हो सकता है. यूनियन नेतृत्व चाहता है कि पांच साल का कार्यकाल को लागू करने के अलावा नए श्रम कानून को आत्मसात कर लिया जाये. गौरतलब है कि इंटक ने राष्ट्रीय स्तर पर नए श्रम कानूनों का विरोध किया है. इसे श्रमिक विरोधी करार दिया है. टाटा वर्कर्स यूनियन के कई शीर्ष पदाधिकारी इंटक के राष्ट्रीय पदाधिकारी भी है. टाटा वर्कर्स यूनियन इंटक से संबद्ध भी है. इंटक जिस बात को गलत बता रहा है, टाटा वर्कर्स यूनियन का शीर्ष नेतृत्व उसे अपनाने के लिए अलबलाया हुआ है.
टाटा वर्कर्स यूनियन के वर्तमान संविधान में यह प्रावधान है कि कमेटी मैंबर के रिटायर होने अथवा मृत होने पर 15 दिन के भीतर उप चुनाव होना चाहिए. एकाध बार को छोड़ ऐसा हुआ नहीं है। संविधान में उप चुनाव कराने की अवधि बढ़ा कर छह माह करने का प्रस्ताव है.
यूनियन में ऑफिस बेयरर और कमेटी मेंबर के चुनाव के लिए प्रस्तावक और अनुमोदक की संख्या भी घटाने की बात है. अब तीन प्रस्तावक और तीन अनुमोदक किए जाने का प्रस्ताव है. गलत लिख जाने से ऑफिस बेयरर का नामांकन रद्द नहीं किया जाएगा.


