राजीव राम की कहानी इस खबर में पढ़िए, तस्वीरें भी क्या बोलती हैं सच
रेल प्रबंधन को आम यात्रियों की सुरक्षा की नहीं है परवाह
Charanjeet singh.
दक्षिण पूर्व रेलवे जोन के टॉप वन स्टेशन टाटानगर जहां रेल मंत्री आ चुके हैं. प्रधानमंत्री को भी आना था. वैसी चर्चित स्टेशन की मेन रेलवे पार्किंग इन दिनों नए ठेकेदार राजीव राम की गुंडागर्दी को लेकर चर्चा में बनी हुई है. सीनियर डीसीएम ने इस पर अपना बयान दिया था कि यह सब कुछ जोन में हो रहा है और रेलवे बोर्ड से पारित हुआ है. जानकारी के अनुसार इन ऑन कंपनी जिसने एक महिला मेसर्स इन ऑन (राजीव राम की पत्नी) के नाम से टाटानगर पार्किंग को टेक ओवर किया है.
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उसके ठेकेदार राजीव राम ने 5 जून से इसकी कमान संभाली है. पार्किंग के विवादों में रहने के बाद कई परोक्ष या अप्रोक्ष रूप से बयान आ रहे हैं. इन सब के बीच नई जानकारी मिली है कि दिल्ली में झारखंड के एक बदनाम चेहरे सुधीर दुबे ने पार्किंग ली है. सुधीर दुबे के नाम पर पार्किंग कर्मियों को धमकी देने का वीडियो वायरल सबसे पहले फतेह लाइव कर चुका है. यहां टाटानगर में अगर फिर कभी प्रधानमंत्री का दौरा हुआ तो ऐसे आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों की बदौलत कोई बड़ी घटना घट सकती है, जिसकी जिम्मेदारी सीकेपी मंडल प्रशासन की होगी.

रेलवे ठेकेदार ने अब स्टेशन पार्किंग के बाहर भी गुंडागर्दी चालू कर दी है. बाहर ऑटो वालों से अवैध वसूली करने वाले यादव नामक शख्स को इन ऑन के स्टॉफ बना लिया है. इससे रेल प्रशासन की नाक में दम होना चालू हो गया है. बाहर की दुकानों तक उसके गुर्गो ने हाथ पांव मारना शुरू कर दिया है, जिससे लोगों में भय व्याप्त है, लेकिन डीएसपी भोला प्रसाद का भला हो जिसने अपने ऊपर आने पर उसकी औकात बता दी.
अब बात करें राजीव राम की, जिन्होंने अपनी पत्नी के नाम पर टेंडर लिया है तो इसमें बागबेड़ा थाना के एक पूर्व सेवनिवृत्त थानेदार जितेंद्र ठाकुर भी उन्हें समाजसेवी बता रहे हैं. जो डीएसपी से रिटायर्ड हुए हैं और आज भी कदमा में एक टाटा कंपनी के क़्वार्टर में रहते हैं. उन्होंने थाना की बोलेरो पर भी कब्जा कर रखा है. उनका भी यहां योगदान है. इसकी हर जगह अलोचना हो रही है कि उस अधिकारी को अपराधी के साथ क्यों आना पड़ा, वगैरह-वगैरह.
उनके कार्यकाल की बागबेड़ा और क्षेत्र में अलग छाप थी. सूत्र बताते हैं कि उनकी भी झारखण्ड पुलिस के कार्यकाल की अवैध कमाई इस समाजसेवा (पार्किंग) के धंधे में लगी है, जो रात में एक चक्कर स्टेशन में लगाते हैं.

खैर, राजीव राम की बात करें तो उन्होंने एक वायरल वीडियो में साबित कर दिया था कि वह सुधीर दूबे के चेले हैं. जज तक को मारकर उनका कुछ नहीं बिगड़ा. आगे बहुत कुछ स्टेशन में होने वाला है, जैसा कि रोजाना चल भी रहा है.
राजीव राम ने समाजसेवी बताते हुए कई घोषणायें की हैं कि वह कंप्यूटरीकृत सिस्टम लगाएंगे. कैमरे लगाएंगे, लेकिन यह टेंडर नियमावली में ही है. बताया जाता है कि उन्होंने ड्राप लाइन में पौधे लगाए थे, उसे रेल प्रशासन ने हटवा दिया.
अब रही बात तो समाजसेवी को अपने पीछे रायफल धारी रखने की क्या जरूरत है. उनका लाइसेंस जांच का विषय है. जिला प्रशासन के लिए आने वाले दिनों में चुनौती बनने वाला है. राजीव राम की कुछ ऊपर दी गई तस्वीरें मुंह बोलती फतेह लाइव पेश कर रहा है.
बहरहाल, रायफल दिखाकर फुटपाथी लोगों को तंग करने के मामले में अगर उच्च स्तरीय जांच हो जाये तो रेल और पुलिस प्रशासन के होश उड़ने वाले हैं. स्टेशन में महिलाओं को नौकरी देकर रखना उनकी अपराधिक मंशा की पोल खोलता है.
ऐसे में 65 हजार की वसूली करना (ठेकेदार के बोल अनुसार) (चाहिए 80 हजार)और अब तक उस रेंज में ना पहुंचना पार्किंग में अवैध कमाई कर पूरी करने की मंशा है.
जैसा कि पहले भी फतेह लाइव खबर दे चुका है कि मेडिकल ग्राउंड में मौका देकर रेलवे के राजस्व को एक बड़ा नुकसान पहुंचाने का काम सीकेपी रेल प्रशासन ने किया है, जिसकी जांच विजलेंस से ऊपर सीबीआई, ईडी करेगी तो नया राज खुल सकता है. सूत्रों के अनुसार अभी एडवांस सिक्योरिटी मनी भी जमा नहीं हुई है. ऐसे में ऑनलाइन बीडिंग में पैसे जमा करने की तारीख ख़त्म होने के दो दिन बाद डीआरएम के विशेषाधिकार का प्रयोग कर ठेकेदार को काम दिया गया है. इसकी शिकायत विजिलेंस को भी की गई है.
रेलवे पार्किंग में बिजली भी चोरी की
सूत्रों के अनुसार रेलवे पार्किंग लिए एक माह से ज्यादा समय बाद भी कम्प्यूटरीकृत सिस्टम, वैध रूप से बिजली लेने में पार्किंग ठेकेदार नाकाम हुए हैं. इससे यह साफ जाहिर होता है कि सब कुछ रेल मंडल प्रशासन के रहमो करम पर हो रहा है. रेलवे हाई मास्क के जंक्शन बॉक्स से चोरी छुपे बिजली जलाकर अपना कार्यालय रात के अंधेरे में बनाया जा रहा है, जबकि बिजली मीटर मेसर्स इन ऑन के नाम पर लागू नहीं हुआ है.
राजीव राम की अपराधिक गतिविधि देखें और पढ़ें…
राजीव राम की कहानी यहां एसडी सिंह से शुरू हुई. गणेश महाली तक गई. फिर सीतारामडेरा में फायरिंग में नाम आया, लेकिन उससे इतर राजीव राम का नाम आर्म्स सप्लायर के रूप में देश के चर्चित राज्य उत्तर प्रदेश में आ चुका है. 2019 में बलिया के नरही पुलिस ने हथियारों के जखीरे के साथ गिरफ्तार किया था. इसके अलावा 2020 में बोकारो के एक व्यवसायी राजू गुप्ता की हत्या और व्यापारी सुरेश पर फायरिंग करने के मामले में अपराधियों को पैसा और आर्म्स देने का खुलासा हुआ था, जिसमें राजीव राम अपराधी घोषित हुए थे.
अब सवाल उठता है कि मंडल प्रशासन के अधिकारी अपनी अवैध कमाई के लिए अपराधिक चरित्र के व्यक्ति को टेंडर कैसे दे रहे हैं? जिससे टाटानगर स्टेशन के नाम पर एक बड़ा धब्बा लग सकता है और लग भी रहा है यह कहना गलत नहीं होगा.