- ग्वालियर और मुरैना के आरोपी हत्या मामले में दोषी पाए गए, तेनुघाट कोर्ट में सुनाई गई सजा
फतेह लाइव, रिपोर्टर
तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के जिला जज प्रथम अनिल कुमार ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के मोरार निवासी दीपेंद्र यादव और मुरैना जिले के घोस गांवा निवासी राजदीप सिंह को हत्या के मामले में सिद्ध दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई. यह मामला उत्तर प्रदेश के हापुड़ निवासी कुलदीप सिंह बाना द्वारा दर्ज कराए गए हत्या के मामले से संबंधित है, जिसमें आरोप था कि 9 दिसंबर 2019 को झारखंड विधानसभा चुनाव ड्यूटी के दौरान चतरो चट्टी थाना क्षेत्र स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय कुर्कनालो क्लस्टर में आरोपी दीपेंद्र यादव और राजदीप सिंह के बीच झड़प हुई थी. इसके बाद दीपेंद्र यादव ने सहायक उप निरीक्षक पूर्णानंद भुईयां और कंपनी कमांडर साहुल हरसन को गोली मारी, जिससे वे घायल हो गए और बाद में उनकी मौत हो गई.
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आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में सशक्त अभियोजन पक्ष की बहस
घटना के बाद दीपेंद्र यादव और राजदीप सिंह मौके से भाग गए, लेकिन भागने के दौरान दीपेंद्र यादव घायल हो गए. वहीं, राजदीप सिंह के हाथ में भी एके-47 राइफल देखी गई. दोनों आरोपी अत्यधिक शराब के प्रभाव में थे. इस हत्याकांड के बाद चतरो चट्टी थाना में मामला दर्ज किया गया. जमानत पर आरोपियों की सुनवाई हुई और न्यायालय में गवाहों और दोनों पक्षों के वकीलों के बहस के बाद जिला जज प्रथम अनिल कुमार ने मामले में निर्णय लिया. उन्होंने हत्या का दोष सिद्ध होने पर दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
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कोर्ट का निर्णय: दोषियों को मिली सजा, सशक्त न्याय व्यवस्था की जीत
सजा सुनाए जाने के बाद दीपेंद्र यादव और राजदीप सिंह को तेनुघाट जेल भेज दिया गया. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक विजय कुमार साहू ने सशक्त बहस की. उनके प्रयासों से कोर्ट में दोषियों को सजा दिलवाने में सफलता मिली. यह मामला एक बार फिर यह साबित करता है कि कानून और न्याय व्यवस्था अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करती है, और समाज में न्याय की उम्मीद को बनाए रखती है.