• एडीजे-5 की अदालत का फैसला, भाजपा नेता अमित अग्रवाल समेत सभी को राहत
  • अदालत के फैसले से कार्यकर्ताओं में खुशी, बताया लोकतंत्र की जीत

फतेह लाइव, रिपोर्टर

गत 12 जून को साकची थाना के समक्ष जन सुविधा मंच के बैनर तले हुए शांतिपूर्ण आक्रोश प्रदर्शन को लेकर दर्ज एफआईआर की सुनवाई में मंगलवार को एडीजे-5 मंजू कुमारी की अदालत ने अहम फैसला सुनाया। अदालत ने भाजपा नेता अमित अग्रवाल समेत सभी 18 आरोपियों को अग्रिम जमानत दे दी। बचाव पक्ष के अधिवक्ता प्रकाश झा ने तर्क दिया कि प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण था और सरकारी कार्य में किसी तरह की बाधा नहीं डाली गई। उन्होंने बताया कि प्रदर्शन के दौरान किसी प्रकार का उग्र व्यवहार नहीं किया गया, न ही सड़क जाम हुई और न ही थाने के अंदर घुसकर कोई हंगामा किया गया।

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शांतिपूर्ण आंदोलन पर दर्ज हुआ था एफआईआर, अवैध धंधों के खिलाफ किया था विरोध

जन सुविधा मंच के सदस्यों ने 12 जून को साकची थाना के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था। मंच के संयोजक अमित अग्रवाल ने बताया कि यह प्रदर्शन क्षेत्र में बढ़ती अनैतिक गतिविधियों, अवैध कारोबार, नशाखोरी, चोरी, अतिक्रमण और आपराधिक घटनाओं के खिलाफ था। उन्होंने कहा कि सदस्यों ने हाथों में तिरंगा लेकर पूरी गरिमा के साथ लोकतांत्रिक अधिकार का पालन करते हुए प्रदर्शन किया। इसके बावजूद थाना प्रभारी आनंद मिश्रा ने दुर्भावनावश मंच के सदस्यों पर केस दर्ज कर दिया। अग्रवाल ने एफआईआर को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि लोकतंत्र में ऐसी आवाजों को दबाना अनुचित है।

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लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला बताकर जताई नाराजगी, सत्य की जीत का जताया भरोसा

अमित अग्रवाल ने कहा कि मंच को न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है और अंततः सत्य की ही जीत होगी। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण आंदोलन करना हर नागरिक का अधिकार है और मंच भविष्य में भी जनहित के मुद्दों पर आवाज उठाता रहेगा। अदालत के फैसले से मंच के सदस्यों में खुशी का माहौल है। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों की जीत बताया।

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