फतेह लाइव, रिपोर्टर.
जमशेदपुर में साकची थाना की पुलिस की कार्यशैली पर एक भुक्तभोगी युवक ने सवाल उठाये हैं. जानकारी के अनुसार जमशेदपुर के साकची थाना क्षेत्र में गत 16 मार्च की रात नीलकमल होटल के पास मुख्य सड़क पर एक चर्चित दुकान काकू बैटल शॉप में मारपीट की घटना हुई थी. इस मामले में गोलमुरी नामदाबस्ती निवासी सूरज पूरन ने एक मामला साकची थाना में दर्ज कराया था. आरोप था कि इस घटना में उसके चार दांत टूट गए. नाक टूट गया और सर भी फट गया.
इस बाबत थाना में मामला दर्ज होने के बाद कोर्ट गया, जहां सभी आरोपियों की जमानत गत 17 अप्रैल को जिला जज की अदालत से खारिज हो गई. इस घटना के बाद आरोपी की दुकान बंद थी, लेकिन जमानत नामंजूर होने के बाद उक्त दुकान खुलेआम संचालित हो रही है. रात भर वहां सभी आरोपी डेरा डाले रहते हैं, लेकिन साकची पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर रही है. भुक्तभोगी न्याय की उम्मीद लेकर कई बार थाना के चक्कर काट चुके हैं.
एसएसपी से लगाएंगे फरियाद
भुक्तभोगी सूरज पूरन के बड़े भाई कमल पूरन जो घटना के वक्त भाई के साथ मौके पर अपना बकाया पांच हजार लेने आया था, जहां पूर्व घात लगाए आरोपियों ने उनपर हमला किया. उसके अनुसार वह मामले को लेकर साकची थाना प्रभारी आनंद मिश्रा की शिकायत एसएसपी पियूष पांडे से करेंगे. कमल पूरन का आरोप है कि आरोपियों के प्रलोभन को लेकर उनकी गिरफ्तारी जमानत खारिज होने के बाद भी नहीं हो रही है.
खैर इस दुकान के रात भर खुले रहने से वहां रहने वाले लोग भी परेशान है. लोगों की अड्डेबाजी के कारण स्थानीय वाशिंदे अपने घर की महिलाओं को वहां से लेकर जाने में कतराते हैं. इसकी शिकायत जेएनएसी, टाटा स्टील को करने की तैयारी कई हो रही है. राजनीतिक दल भी इसकी शिकायत करने का मन बना चुके हैं
सूरज पूरन के अधिवक्ता बीरेंद्र सिंह ने भी इस मामले को लेकर कहा कि 17 अप्रैल को आरोपियों की जमानत जिला जज के यहां से खारिज हो गई है. फिलहाल, हाईकोर्ट में उनके द्वारा कोई बेल के लिए याचिका दायर नहीं की गई है.
इस पूरे घटनाक्रम के बावजूद भी आरोपियों को खुली छूट देना साकची थाना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है. खैर आपको बता दें कि भुक्तभोगी दोनों भाइयो को बकाया राशि देने के लिए बुलाकर मारपीट करने वाले आरोपित अजय सिंह, अभिषेक और अंशुल समेत 7-8 अन्य लोग हैं, जो खुलेआम दुकान खोल रहे हैं, इससे पीड़ित की मर्यादा को ठेस पहुंच रही है. अब तक साकची पुलिस से वह उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उन्हें कब न्याय मिलेगा.