वीआरएस और ईएसएस का पहली बार आया नया अवतार एसएसएस
पहली बार टाटा स्टील के किसी डिवीजन विशेष के लिए लाई गई ऐसी योजना
जिन कर्मचारियों की उम्र 40 साल, उन्हें सेवानिवृति तक बेसिक और डीए
छह साल की अवधि या 60 साल की उम्र तक क्वार्टर रखने की भी सुविधा
जॉब फॉर जॉब भी, मगर वार्ड को टाटा स्टील की जगह टीएसटीएसएल में रोजगार
जॉब फॉर जॉब के लिए सेवा अवधि साढ़े 55 से बढ़ा कर साढ़े 59 साल भी की गई
एनएस थ्री ब्लॉक को छोड़ 3 से 30 नवंबर तक हर कर्मचारी दे सकते आवेदन
फतेह लाइव रिपोर्टर.
टाटा स्टील में पहली बार बहुत कुछ हुआ है. वीआरएस और ईएसएस की जगह एसएसएस (स्पेशल सेपरेशन स्कीम) लाई गई है. पहली बार ही है जब टाटा स्टील के जमशेदपुर प्लांट के बजाय सिर्फ ट्यूब डिवीजन के कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने के एवज में आकर्षक प्रस्ताव दिया गया है. हां, यह प्रस्ताव यह संदेश भी जरूर छोड़ गया है कि भविष्य में टाटा स्टील के जमशेदपुर प्लांट के बजाय डिवीजन या विभागों के लिए वीआरएस, ईएसएस या एसएसएस जैसी योजना लाई जा सकती है.
टाटा स्टील के जमशेदपुर प्लांट के कर्मचारियों के लिए अब तक लाई गई वीआरएस या ईएसएस से ट्यूब डिवीजन के लिए आई एसएसएस में तनिक बदलाव है. पहली नजर में लगता है कि नौकरी छोड़ने के एवज में पहले की योजनाओं की तुलना में कुछ ज्यादा ही देने का ऑफर है. अब जॉब फॉर जॉब को लीजिए. ईएसएस स्कीम में जॉब फॉर जॉब के लिए कर्मचारियों की सेवा अवधि साढ़े 55 साल निर्धारित की गई थी. हां, बच्चे या परिवार के सदस्यों की नौकरी टाटा स्टील में ही लगती थी. ट्यूब डिवीजन के कर्मचारियों के लिए सेवा अवधि बढ़ा कर साढ़े 59 साल कर दी गई है, यानी सेवानिवृत्त होने के महज छह माह पहले वे अपनी नौकरी अपने बच्चे या परिजन को दे सकते हैं.
उसके बदले में टाटा स्टील की जगह उसकी सहयोगी कंपनी टीएसटीएसएल में नियुक्ति होगी. पहले की योजनाओं की तुलना में नौकरी छोड़ने वाले कर्मचारियों की सेवानिवृति की उम्र तक मासिक पेंशन राशि भी बढ़ा दी गई है. सरल भाषा में कहा जाय तो ट्यूब डिवीजन का कोई कर्मचारी 56 साल की उम्र में अपनी नौकरी किसी स्वजन को जॉब फॉर जॉब में देता है तो उसे सेवानिवृति की उम्र 60 साल तक हर महीने पेंशन राशि मिलती रहेगी. न्यू सीरीज के कर्मचारियों को जॉब फॉर जॉब में 40 से 49 साल तक 20 हजार, 50 से 54 तक 22 और 55 से 60 साल तक 25 हजार रुपए हरेक माह बतौर पेंशन दिए जाएंगे. ओल्ड सीरीज के कर्मचारियों के लिए पेंशन की यही राशि बढ़ा दी गई है. 40 से 49 साल तक 40 हजार, 50 से 54 तक 45 और 55 से 60 तक 50 हजार रुपए हरेक माह पेंशन के रूप में दिए जायेंगे. हां, जॉब फॉर जॉब के बाद स्वजन के लिए ऐसी किसी स्कीम या सीधे ट्रेड अप्रेंटिस के जरिए टाटा स्टील का रास्ता हमेशा के लिए बंद.
टाटा स्टील प्रबंधन ने एसएसएस का जो सर्कुलर निकाला है उसमें सब कुछ साफ है. यह योजना उन्हीं कर्मचारियों के लिए है जिनकी उम्र 40 साल हो चुकी है या जो कंपनी में 10 साल सेवा दे चुके हैं. ब्लॉक थ्री में आने वाले एनएस 7 से एनएस 9 के कर्मचारियों को इस योजना के दायरे से बाहर रखा गया है. योजना के दस्तावेज पर दस्तखत करते है तो वर्तमान बेसिक और डीए की छह महीने की राशि एकमुश्त मिलेगी. इसके बाद योजना के तहत 40 से 49 साल की उम्र में एसएसएस लेते है तो उन्हें सेवा काल के अंतिम महीने के बराबर बेसिक और डीए की राशि उनकी सेवानिवृति तक हरेक माह मिलती रहेगी.
50 से 54 साल तक बेसिक और डीए का 1.1 गुना और 55 से 60 तक बेसिक और डीए का 1.2 गुना रकम हरेक माह बैंक खाते में रिटायरमेंट की तारीख तक आती रहेगी. खैर, ट्यूब डिवीजन में शुरू हुई इस कवायद ने यह सवाल जरूर पैदा कर दिया है कि अब डिवीजन या टाटा स्टील के विभाग विशेष के लिए एसएसएस जैसी योजना लाने पर टाटा वर्कर्स यूनियन के शीर्ष नेतृत्व की भी सहमति है या नहीं. चर्चा यह भी है कि टीएमएच, सीआरएम बारा, स्पोर्ट्स या सिक्यूरिटी जैसे कारखाना के बाहर के विभागों में भी निकट भविष्य में ऐसी कोई योजना लांच हो सकती है?
कभी यूके की कंपनी के साथ संयुक्त उद्यम था ट्यूब डिवीजन
1954 में टाटा स्टील और यूके की स्टीवर्ट और लॉयड्स ने मिलकर इंडियन ट्यूब कंपनी लिमिटेड (आईटीसी) की स्थापना की. 1985 में आईटीसी का टाटा स्टील में विलय हो गया और इसने ट्यूब्स डिवीजन का रूप ले लिया. 5.50 लाख टन की विनिर्माण क्षमता है. भारत में एक प्रमुख वेल्डेड स्टील ट्यूब बनाने की छवि है. भारतीय ट्यूब उद्योग में यह शीर्ष स्थान पर है. 2030 तक से तीन गुना बढ़ाने का लक्ष्य है. इसकी पहुंच अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी है.
किसी के मन में सवाल उठ सकते है कि इतना कुछ है तो कर्मचारियों की संख्या में कमी करने की इतनी कवायद क्यों हो रही है. जवाब है कि शुरुआत से ट्यूब डिवीजन में मानव संसाधन अधिक था. कालांतर में इस उद्योग में प्रतिस्पर्धा बढ़ती गई. उत्पादन लागत कम करने के लिए बहुत पहले ही बहुत सारे कार्य आउटसोर्स किए जा चुके है. पिछले 15 सालों से ट्यूब डिवीजन में कर्मचारियों की संख्या कम करने की दिशा में कंपनी लगातार प्रयासरत है.


