Jamshedpur.
शहर के प्रमुख गुरुद्वारों में एक चर्चित टिनप्लेट गुरुद्वारा के प्रधान पद को लेकर चुनाव होने वाला है. 26 को 1483 मतदाता गुप्त मतदान करके अपना नया प्रधान चुनेंगे. चुनाव में 36 घंटे शेष बच गये हैं. लेकिन उसके पूर्व प्रधानगी को लेकर दोनों धड़ों में चुनाव प्रचार के दौरान जो आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेजी से चल रहा है. उसने समाज की साख को तार-तार कर दिया है. चुनाव में संविधान नाम की कोई चीज ही नहीं दिख रही है. यह कहना भी गलत नहीं होगा कि संविधान की खुलेआम धज्जियां उड़ रही है. इस सब पर नजर रखने की जिम्मेदारी नियमता सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की है, लेकिन उसके प्रमुख से लेकर अन्य नुमाइंदे इसे लेकर चुप्पी साधे बैठे हैं. सीजीपीसी के पदाधिकारियों के लिए यह कहना भी गलत नहीं होगा कि वहां के चुनाव के बाद से ही फोटो शूट करने का दौर चल रहा है. जबकि भगवान सिंह ने भी सीजीपीसी की सेवा मिलने परह समाज में सुधार लाने, कौम में एका बनाने पर काम करने का दावा किया था. कुल मिलाकर देखा जाये तो टिनप्लेट के चुनावी शोर में भी आने वाली पीढ़ी के लिए कुछ अच्छा संदेश नहीं जाता. दोनों धड़े चुनाव जीतने के लिए वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए साम-दाम, दंड-भेद का दौर खुलेआम चला रहे हैं. जिस तरह के आरोप-प्रत्यारोप उम्मीदवारों पर या उनके समर्थकों पर लग रहे हैं. पहले उससे क्लिन चिट लेने की जरूरत है. तभी समाज के गुरुद्वारों के संविधान की रक्षा हो सकती है. अन्यथा दूसरे समाज में सिख समाज की छवि तो बदनाम होगी ही. आने वाली पीढ़ी के लिए भी यह अच्छे संकेत नहीं होंगे. बहरहाल, चुनाव के पूर्व गुरदयाल खेमे ने जहां प्रेसवार्ता कर 500 वोटों से अपनी जीत का दावा किया. वहीं उसके बाद विपक्ष ने भी उनपर अपनी भड़ास निकाली और जीत का दावा किया. (नीचे पढ़िये किसने क्या कहा)
गुरदयाल बताएं कौन बेचता है अफीम : सुरजीत
इलाके में नशा मुक्ति अभियान चलाएंगे, बिल्ला सुरजीत की जोड़ी से घबरा गए हैं विरोधी
टीनप्लेट गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी प्रधान पद के उम्मीदवार सरदार सुरजीत सिंह खुशीपुर ने इलाके के मतदाताओं से शेर चुनाव चिन्ह पर वोट डालने की अपील की है. उन्होंने दावा किया कि मतदाताओं का भरपूर समर्थन मिल रहा है और एकतरफा उनकी जीत है. उनके अनुसार इलाके की संगत और मतदाता जानते हैं कि गुरदयाल सिंह के परिवार का अफीम विक्रेता के साथ क्या रिश्ता है. उन्होंने कहा कि अब ऐसे लोग प्रधानगी करेंगे, जिनका संबंध गैरकानूनी नशा व्यापार से है, जबकि सिख पंथ में नशा पूरी तरह से वर्जित है. सुरजीत सिंह ने कहा कि अब तो पुलिस के साथ मिलकर इलाके में नशा मुक्ति अभियान चलाया जाएगा. वहीं उन्होंने विरोधियों को निशाने पर लेते हुए कहा कि नवरात्र जैसे पवित्र मौके पर भी इनके चुनाव शिविर में शराब पानी की तरह बहाया जा रहा है, जबकि मंदिर पचास गज की दूरी पर है.
विरोधियों द्वारा गबन लगाए आरोप के जवाब में सुरजीत सिंह ने कहा कि तब गुरचरण सिंह बिल्ला उनके विरोधी थे और तब उन्होंने एफ आई आर दर्ज कराई थी और पुलिस जांच में वे बेदाग साबित हुए. यही कारण है कि आज गुरचरण सिंह बिल्ला उनके साथ हैं . फिर चुनाव के समय में ही यह गबन का मामला कहां से आ गया है, जबकि वह पिछले कई सालों से गुरुद्वारा कमेटी के महासचिव है. किसी प्रधान ने उनके खिलाफ किसी तरह का आरोप नहीं लगाया है. वास्तव में बिल्ला और उनकी जोड़ी से विरोधी घबरा गए हैं और अनाप-शनाप आरोप लगा रहे हैं. रही बात बिल्ला की तो उन पर किसी प्रकार की देश विरोधी गतिविधियों का आरोप नहीं लगा है और ना ही कोई मामला उनके खिलाफ है.
सुरजीत सिंह ने कहा कि चुनाव बाद स्कूली शिक्षा में बड़ा बदलाव करेंगे. इलाके के बच्चे अंग्रेजी स्कूल में अच्छी पढ़ाई हासिल कर सके. इसका पूरा प्रयास टीम के साथ मिलकर करेंगे. वहीं उन्होंने कहा कि संगत को गुरु घर से जोड़ा जाएगा और इसके लिए सामाजिक एवं पंथिक कार्य किए जाएंगे और आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटियों की शादी तथा बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था की जाएगी.
दारू बेचने वाले मंजीत पंथ विरोधी : बिल्ला
टीनप्लेट गुरुद्वारा कमेटी के पूर्व प्रधान गुरचरण सिंह बिल्ला ने विरोधियों द्वारा एक करोड रुपए हेराफेरी का आरोप लगाए जाने का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि वे अपना पूरा हिसाब दे चुके हैं. यह हिसाब उन्होंने उस समय के साकची गुरुद्वारा कमेटी के उपाध्यक्ष सुखविंदर सिंह राजू के सामने दिया था.
रही बात मनजीत सिंह गिल द्वारा आरोप लगाने की, तो वह एक नंबर का झूठा इंसान है. वह पंथ विरोधी सिख विरोधी है. उसके नाम से बीयर बार का लाइसेंस चलता है और दारू बेचने वाला गुरु घर का भला कैसे सोच सकता है?
सिख पंथ में जातिवाद का कोई स्थान नहीं है और यदि कोई जातिवादी है तो वह गुरु गोविंद सिंह का खालसा नहीं हो सकता है. असल में शेर चिन्ह पर चुनाव लड़ रहे सुरजीत सिंह खुशीपुर की जीत तय होने और गुरदयाल सिंह की हार देखकर उनके संगीसाथी घबरा गए हैं और इस तरह के घटिया आरोप लगाने लगे हैं.
अब चोर-चोर मौसेरे भाई हुए, अफीम बेचता हूं प्रमाण कर दें उम्मीदवारी छोड़ दूंगा: गुरदयाल, मंजीत बोले नशा मुक्ति अभियान बाद में चलायें बिल्ला, पहले वह मेडिकल करालें सिद्ध हो जाएगा कि वह अफीम खाते हैं उनसे समाज की नौजवान पीढ़ी को खतरा
10 नंबर बस्ती झूला मैदान में शुक्रवार को प्र्धान पद के उम्मीदवार गुरदयाल सिंह (तराजू छाप) ने अपने समर्थकों के साथ प्रेस कांफ्रेंस की. उन्होंने इलाके के मतदाताओं को बेहतर कल के लिए तराजू छाप पर वोट करके उन्हें विजयी बनाने की घोषणा की. इसके साथ ही गुरुद्वारा, स्कूल आदि के विकास के साथ-साथ संगत के विकास का खाका भी उन्होंने साझा किया. विपक्ष के सुरजीत सिंह के आरोप पर गुरदयाल सिंह ने कहा कि वह इस मामले में कुछ ज्यादा नहीं बोलना चाहते. अगर कोई साबित कर देगा तो वह उम्मीदवारी से त्यागपत्र दे देंगे. वहीं, सीनियर वाइस प्रेसीडेंट मंजीत सिंह गिल ने कहा कि बिल्ला सुरजीत नशा मुक्ति अभियान बाद में चलाएं. पहले मेडिकल करा लें. उसी में साफ हो जाएगा कि बिल्ला अफीम खाते हैं. उनसे इलाके की नौजवान पीढ़ी को खतरा है. उन्होंने कहा कि चोर चोर मौसेरे भाई हो गए हैं. उन्हें पंजाब सरकार की पुलिस भी खोजती है. पूर्व प्रधान सुखदेव सिंह, कुलवंत सिंह खलैरा व अन्य ने उनके कोरे चिट्ठे खोले और कहा कि 2005 के बाद से ही गुरुद्वारा में संगत के दान को केवल लूटा गया. स्कूल के दस्तावेज गायब किये गए, जो स्कूल के भविष्य के लिए काफी खराब है. बिल्ला ने ट्रेलर बेच दिया था और एक महिला की उस सदमे में मौत हो गई. कई लोगों को उनके द्वारा चूना लगाया गया. प्रेस वार्ता में दलजीत सिंह फौजी, जसबीर सिंह पदरी, दलजीत सिंह दल्ली, नानक सिंह, गुरदीप सिंह, श्याम सिंह, अमरजीत सिंह अंबा आदि शामिल थे.