जाहेरडांगरी महोत्सव के लिए तैयार संथाल समाज के युवा
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
साल 2025 पौष पूर्णिमा मास के अंतिम महीने के दस्तक के साथ ही आदिवासियों के संथाल समुदाय की विशेष पूजा जाहेरडांगरी की शुरुआत होने वाली है और यह 2 दिसंबर से आरम्भ होगी । इस पूजा की शुरुआत आदिकाल से ही चली आ रही है। जब विश्व के अन्य समुदाय की कोई आधारशिला विकसित ही नहीं हुई थी, तब से हर पांच साल के अंतराल पर इस विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है जिसे संथाली भाषा में जाहेरडांगरी के नाम से जाना जाता है।
सारजमदा मौजा के पुड़सी पिंडा माझी बाबा लेदेम मुर्मू ने कहा कि पूर्वजों के अनुसार संथाल समुदाय में रोजगार के लिए परिवार के अन्य सदस्य घर से दूर रहते हैं और इस परिवार और अन्य संबंधों में एकता बनी रहे और इस अटूट बंधन को बनाए रखने के लिए इस विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। अमूमन, यह पूजा पाठ से संबंधित है इसलिए जाहेरथान में ही बलि चढ़ाने की प्रथा हैं और उसके बाद पूजा पाठ किया जाता है। यह विश्व के सबसे बड़े पूजा में से एक माना जाता है।
भिन्न भिन्न गाँव वाले अपनी सुविधानुसार इसकी तिथि तय करते हैं। सारजमदा के राजेश मार्डी ने बताया कि सभी गाँव वाले अपनी बेटी, दामाद एवं बहनों के साथ साथ रिश्तेदारों को इस जाहेरडांगरी के लिए विशेष रूप से आमंत्रित करते हैं। विशेष मांस का व्यंजन तैयार कर सभी को सामुहिक रुप से दिया जाता है। मेहमान नवाज़ी में किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो, इसलिए पेय पदार्थ “हड़िया” का भी विशेष इंतजाम रहता है। सभी अपनी अपनी पारंपरिक परिधान में नाचते गाते हैं और खुशियाँ मनाते है।
कब कहाँ होगा जाहेरडांगरी का आयोजन एक नजर में देखें
1 दिसंबर – बुरुडीह (राजनगर)
3 दिसंबर – मोरंडा (बहलदा), कालापानी (ओड़िशा)
4 दिसंबर – शोले (तिरिंग), रायपहाड़ी (मुसाबनी)
5 दिसंबर – गम्हरिया (राजनगर), बाघुड़िया (गालूडीह), धोबनी (जादुगोड़ा) कुईलीसूता (मुसाबनी) पांडुपानी, भागाबांदी (ओड़िशा)
6 दिसंबर – करनडीह, बैतालपुर (घाटशिला) सांजाड़, टियासारा (राजनगर)
7 दिसंबर – सोलगाडिया (राजनगर)
8 दिसंबर – छोटा लुपुंग (सराईकेला)
12 दिसंबर – रिचितुका (राजनगर), चिरुगोड़ा, धिरोल (पोटका) माटीगोड़ा (जादुगोड़ा) लोंदाबासा (बहलदा)
13 दिसंबर – सारजमदा (जाकता मैदान), छोलागोड़ा, तालसा, जोन्ड्रागोड़ा, घुड़ा, बुरसाडीह, गोविंदपुर, रोड़ा कोचा (राजनगर)
14 दिसंबर – पांडुगितिज, पुंडडुंगरी (राजनगर)
15 दिसंबर – फुलझरी (कोवाली)
16 दिसंबर – काशीडीह (नारगा), कुमडीह, केशरसोरा (राजनगर), भुटका (पोटका)
18 दिसंबर – दुबराज (राजनगर)
21 दिसंबर – तेड़गा (राजनगर)
