- आगे की कार्रवाई पर सबकी नजरें, डॉ सिंह का निलंबन वापस होता है या डॉ चौधरी के अवैध निर्माण पर गरजता है बुलडोजर
जमशेदपुर. एलोपैथी चिकित्सकों के प्रतिनिधि संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की जमशेदपुर इकाई से जुड़े ऊर्जावान व रसूखदार दो डॉक्टरों पर शासन का हंटर चला है. यह इन दिनों पूरे महकमे में चर्चा का विषय बना हुआ है और अगली कार्रवाई पर सबकी नजरें टिकी हैं . ये दो डॉक्टर है आईएमए के उपाध्यक्ष डॉ मृत्युंजय सिंह और सचिव डॉ सौरव चौधरी.
शहर से लेकर राज्य भर में डॉक्टरों की सर्किल में यह माना जाता रहा है कि दोनों महत्वाकांक्षी हैं और संगठन के जरीय अपनी सक्रियता और प्रतिभा का परचम लहराना चाहते है. इसलिए संगठन पर पकड़ को लेकर दोनों के बीच हमेशा से ही कड़ी प्रतिस्पर्द्धा रही है जिसमें अहम की लड़ाई का एंगल भी प्रतिध्वनित होता रहा है.
डॉक्टरी सर्किल में डॉ चौधरी को पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता से जोड़कर देखा जाता है तो डॉ मृत्युंजय सिंह की गणना एक अन्य पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक के प्रबल समर्थक के रूप में होती है. पूर्व में कई मामलों में दोनों ने अपने सियासी संबंधों का बेहतर उपयोग अपने लक्ष्य को हासिल करने में किया है, इसलिए दोनों का संगठन पर प्रभाव बढ़ा और सदस्यों के बीच दबदबा भी कायम हुआ.
लेकिन पिछले दिनों घटनाक्रम ऐसा हुआ कि दोनों को शासन के स्तर से जोर का झटका लगा. डॉ मृत्युंजय सिंह को सरकार ने निलंबित कर दिया जबकि डॉ सौरव चौधरी का परिवार हाई कोर्ट के आदेश चल रही जांच के बीच नक्शा विचलन के लपेटे में आ गया है.
अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी है कि डॉ सिंह का निलंबन वापस होता है या सरकार की वक्र दृष्टि उन पर और तीखी होती है उसी तरह डॉ चौधरी के अवैध निर्माण पर बुलडोजर गरजता है या वे अपने इस संकट को टलवाने में सफल हो पाते हैं.
दरअसल छतरपुर अनुमंडल अस्पताल में कार्यरत्त डॉ मृत्युंजय सिंह को कार्य स्थल पर लगातार अनुपस्थित रहने और उपस्थिति पंजी में अनाधिकृत रूप से उपस्थिति दर्ज करने का आरोप पाया गया है. यही नहीं उन पर जमशेदपुर स्थित आदित्यपुर के एक मेडिकल स्टोर में निजी प्रैक्टिस करने का भी आरोप भी साबित होने की बात विभागीय कार्रवाई रिपोर्ट में दर्ज की गयी है.
वहीं दूसरी ओर आईएमए के वर्तमान सचिव डॉ सौरव चौधरी नक्शा विचलन के आरोपों का सामना कर रहे हैं. न्यू बाराद्वारी स्थित होल्डिंग नंबर 89 पर बिना स्वीकृत नक्शा के ही कराये जा रहा था. उनके अवैध निर्माण को सील करने के बाद तोड़ने का आदेश जमशेदपुर अक्षेस प्रशासन द्वारा देने की बात सामने आयी है. यही नहीं प्रशासन के उनके ऊपर भी भारी भरकम जुर्माना भी लगाया है, लेकिन दिलचस्प रूप से अब तक अवैध निर्माण को तोड़ने अथवा तुड़वाने की प्रक्रिया नहीं शुरू की गयी है.
दोनों डॉक्टरों के बीच प्रतिस्पर्द्धा के बीच बन्ना गुप्ता और सरयू राय की प्रशासन पर पकड़ की भी लिटमस टेस्ट होने की बात डॉक्टरी सर्किल में सुनी जा रही है. यदि बुलडोजर गरजा तो इसका संदेश यह जायगा कि बन्ना गुप्ता की या तो पकड़ कमजोर हुई है या डॉक्टर चौधरी पर उनकी कृपा दृष्टि कम हो गयी है. यही बात भी डॉ मृत्युंजय सिंह के संबंध में सरयू राय से जोड़कर लोग देख रहे हैं. अब देखना है कि शहर के बीच चौधरी के अवैध निर्माण पर बुलडोजर कब गरजता है.