फ़तेह लाइव,डेस्क
जब भी भारत में क्रिकेट की बात होती है, एक नाम सबसे पहले ज़ुबान पर आता है – विराट कोहली। सिर्फ एक क्रिकेटर नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों के दिल की धड़कन। आज हम बात कर रहे हैं उस शख्स की, जिसने मेहनत, संघर्ष और जुनून से अपने लिए वो मुकाम हासिल किया, जहां पहुँचने का सपना हर युवा देखता है। दिल्ली के एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे विराट ने सिर्फ 3 साल की उम्र में क्रिकेट बैट थाम लिया था। उनके पिता प्रेम कोहली ने उनके जुनून को पहचाना और उन्हें भेजा वेस्ट दिल्ली क्रिकेट अकादमी, जहाँ कोच राजकुमार शर्मा ने उनकी नींव मजबूत की।
विराट ने घरेलू क्रिकेट में तेजी से तरक्की की – अंडर-15, फिर अंडर-17 और फिर अंडर-19 टीम में उन्होंने जगह बनाई। 2008 में विराट ने अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारत को चैंपियन बनाया, और इसी साल उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा – श्रीलंका के खिलाफ। शुरुआत में उतार-चढ़ाव आए, लेकिन विराट रुके नहीं। 2009 के इमर्जिंग प्लेयर्स टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन कर उन्होंने दुनिया को दिखा दिया कि वह आने वाले समय के सबसे बड़े सितारों में से एक हैं।
2011 वर्ल्ड कप जीत, फिर 2014 में टेस्ट टीम की कप्तानी, और 2017 में सभी फॉर्मेट्स में कप्तान बनना – यह सब उनके करियर की ऊँचाइयों को दर्शाता है। विराट ने सिर्फ बल्ले से नहीं, फिटनेस से भी दुनिया को चौंका दिया। उन्होंने अपनी डाइट, रूटीन, और लाइफस्टाइल में ऐसा बदलाव किया कि वह आज दुनिया के सबसे फिट एथलीट्स में गिने जाते हैं। निजी जीवन की बात करें तो 11 दिसंबर 2017 को उन्होंने बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा अनुष्का शर्मा से शादी की। अब उनकी एक प्यारी सी बेटी और एक बेटा है – वामिका और अकाय .
विराट कोहली को मिल चुके हैं देश के सर्वोच्च खेल सम्मान – अर्जुन अवॉर्ड, पद्मश्री, और राजीव गांधी खेल रत्न। लेकिन विराट सिर्फ एक क्रिकेटर नहीं हैं – वो एक ब्रांड, एक आइकॉन, और एक प्रेरणा हैं। आज उनके पास खुद का फुटबॉल क्लब, टेनिस टीम और रेसलिंग टीम है। वह Audi, Puma, Myntra, Manyavar, American Tourister जैसे कई बड़े ब्रांड्स के ब्रांड एंबेसडर हैं। उन्होंने Virat Kohli Foundation के ज़रिए कई बच्चों और जरूरतमंदों की ज़िंदगी बदली है। एक लड़का, जिसने गली क्रिकेट से शुरुआत की, आज भारतीय क्रिकेट की पहचान बन चुका है। विराट कोहली की कहानी हमें सिखाती है – अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता।