लंबे समय से भीतर ही भीतर जमे गुबार को कमेटी मेंबरों ने खुलकर निकाला बाहर, नेतृत्व की घेराबंदी
कमेटी मेंबर शुभम का तबादला, वेज रिवीजन में विलंब, ट्रेड अप्रेंटिस बंद होने, ट्यूब में भय, महिला के दर्द जैसे मसले खूब उठे
टुन्नू चौधरी के हमराही कहे जाने वाले कमेटी मेंबरों के भी टूट गया सब्र का बांध, बोले कि सम्मान बचाइए
यूनियन नेतृत्व पर तंज कसा कि जब देश भर में जातिवाद तो यहां जात पात को काहे गलत कहा जाये
टुन्नू बोले कि मैं, सतीश और शैलेश वेज की वार्ता के भागीदार रहे हैं, जो भी वेज किया उसे सुनना पड़ा
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
टाटा वर्कर्स यूनियन की सोमवार को माइकल जॉन ऑडिटोरियम में कमेटी मीटिंग हुई. सभी कमेटी मेंबरों को एनी अदर मैटर (किसी भी मसले) पर बोलने का अवसर मिला. कमेटी मेंबरों ने बोलना शुरू किया तो 9 घंटे गुजर गए सुबह साढ़े 9 बजे जो बैठक शुरू हुई, उसकी समाप्ति के वक्त शाम के साढ़े 6 बज रहे थे. कमेटी मेंबरों के अलावा टाटा वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारियों ने लंबे अरसे के बाद अपना गला साफ किया.
कमेटी मेंबर शुभम सिंह पर अनुशासनिक कार्रवाई के तहत जमशेदपुर प्लांट से बाहर तबादला, और कमेटी मेंबरों के खिलाफ इरादतन कार्रवाई कराना, ट्यूब डिवीजन में भयभीत कर कर्मचारियों से जबरन एसएसएस दिलाना, वेज रिवीजन में अनावश्यक विलंब, महिला कर्मचारियों के काम की अवधि बढ़ कर 11 घंटे होने समेत अन्यान्य समस्याएं, ट्रेड अप्रेंटिस बंद होने, यूनियन के सम्मान में तेजी से पतन जैसे कई मसले पर कमेटी मेंबरों के भीतर का पुराना गुबार बाहर आ गया. बोले तो खूब बोले. इतना बोले कि यूनियन नेतृत्व की बोलती बंद हो गई.
यूनियन नेतृत्व पर तंज कसा गया कि जब देश भर में जातिवाद की बात हो रही है। बिहार चुनाव में जातिवाद हुआ. पीएम जाति की बात कह रहे है तो इस यूनियन का नेतृत्व ऐसा कर रहा है तो उसे काहे गलत कहा जाए. सबकी खूब सुनने के बाद यूनियन अध्यक्ष संजीव कुमार चौधरी उर्फ टुन्नू चौधरी ने कहा कि कमेटी मेंबर की नौकरी जाने की स्थिति थी. तबादला जरूर हुआ लेकिन नौकरी बचाई गई. जहां तक महिला कर्मचारियों की तकलीफ की बात है तो इस मसले पर शीर्ष प्रबंधन से बातचीत की जाएगी. कोशिश होगी कि उनसे जुड़े सारे मसले का त्वरित समाधान निकाला जाये. वेज रिवीजन के मसले पर टुन्नू चौधरी ने कहा कि यूनियन के शीर्ष तीन पदाधिकारी किसी न किसी वेज वार्ता में शामिल रहे हैं.
वे डिप्टी प्रेसिडेंट के नाते पीएन सिंह के साथ वेज की वार्ता में भाग लिए है. महामंत्री के तौर पर सतीश सिंह पूर्व अध्यक्ष आर रवि प्रसाद के साथ वेज की वार्ता किए हैं. डिप्टी प्रेसिडेंट शैलेश सिंह भी रघुनाथ पांडेय के साथ ग्रेड रिवीजन की वार्ता कर चुके हैं. अनुभव यही है कि वेज का समझौता करने के बाद यूनियन नेतृत्व को सुनना ही पड़ा है. उन्होंने कहा कि वेज रिवीजन पर पहली बैठक हो चुकी है. जल्द ही प्रबंधन से फिर बातचीत की जाएगी. कमेटी मेंबरों ने जो भी सुझाव दिए हैं, उन्हें प्रबंधन के सामने जरूर शिद्दत से रखा जाएगा. कमेटी मेंबरों को टारगेट किए जाने के मुद्दे पर संजीव चौधरी का जवाब था कि कभी जानबूझ कर किसी के खिलाफ कुछ नहीं किया गया. कोशिश हो रही है कि कमेटी मेंबरों को प्रत्येक दिन 2 घंटे का फ्री टाइम मिले ताकि वे कर्मचारियों का काम कर सके. प्रबंधन से इस मसले पर बातचीत हो रही है.
सतीश बोले कि अध्यक्ष चाहे तो किसी को भी वेज रिवीजन की वार्ता में ले जाने को स्वतंत्र
पिछला वेज समझौता हुआ तो आज कमेटी मेंबर गुलाब और संजय को मासिक 70 हजार का लाभ
टाटा वर्कर्स यूनियन के महामंत्री सतीश सिंह ने पूर्व यूनियन अध्यक्ष आर रवि प्रसाद के साथ पिछला वेज समझौता किया था. सीआरम के कमेटी मेंबर गुलाब चंद्र यादव और आरएमएम के संजय कुमार सिंह ने टिप्पणी की थी कि पिछला वेज समझौता से कोई फायदा नहीं हुआ. सतीश सिंह पूरी रौ में दिखे। बोले कि इस यूनियन में अध्यक्ष सर्वोपरि हैं. महामंत्री होने के बावजूद उन्हीं के हस्ताक्षर से वे भी ड्यूटी से रिलीज है. अगर किसी को लगता है कि उनके नहीं होने से वेज रिवीजन का प्रस्तावित समझौता और बढ़िया हो सकता है तो वे सहर्ष तैयार है. यूनियन अध्यक्ष किसी भी ऑफिस बेयरर्स के साथ जाकर वार्ता कर सकते है.
याद रखिए, इस यूनियन में पहले भी यूनियन अध्यक्ष अकेले समझौता किए है और वो मान्य भी है. उन्होंने कहा कि गुलाब चंद्र यादव और संजय कुमार सिंह कई सालों से लगातार पिछले वेज रिवीजन की आलोचना करते रहे है. यूनियन परिसर से लेकर चाय दुकान तक. पिछला वेज रिवीजन लंबित होने की तिथि से आज तक के आंकड़े सुनाते हुए उन्होंने कहा कि दोनों को मासिक 72 से 75 हजार रुपए का लाभ हो रहा है. खुद पूछ लीजिए सब लोग. उन्होंने कहा कि अभी ओल्ड सीरीज के वेतन में सकना 3500 तो न्यू सीरीज के वेतनमान में सालाना 1500 की औसत बढ़ोत्तरी हो रही है. खाई चौड़ी है.
ओल्ड सीरीज के वेतनमान को बेहतर बनाए रखते हुए इस खाई को पाटना बड़ा काम है. उन्होंने कहा कि एनएस ग्रेड के कर्मचारियों की यूनियन में भागीदारी की सदैव कोशिश रही है. उन्हें मौका मिला तो अपने कोटे से दो लोगों को ऑफिस बेयरर का चुनाव लड़वाया. एक जीता और एक हारा. भविष्य में उनके नेतृत्व को और आगे बढ़ाया जाएगा. डिप्टी प्रेसिडेंट शैलेश सिंह ने कहा कि वेज में क्या होगा, कहना मुश्किल है. इतना जरूर है कि संजीव चौधरी उर्फ टुन्नू का पूरा सहयोग किया जाएगा. उनका कहना था कि वे पहले जब ऑफिस बेयरर थे तो सीताराम जैसे लोग पदाधिकारी थे. वे क्या सुझाव देते. अभी जो ऑफिस बेयरर हैं, वे पढ़े लिखे हैं. इससे यूनियन को लाभ होगा.

