• गर्भवती पत्नी की हत्या मामले में दोष साबित होने पर जिला जज द्वितीय सूर्य मणि त्रिपाठी ने सुनाया निर्णय

फतेह लाइव, रिपोर्टर

तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के जिला जज द्वितीय सूर्य मणि त्रिपाठी ने कसमार थाना क्षेत्र के जम्हर गांव निवासी छत्रू कुमार महतो को दहेज हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए 10 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. यह फैसला 2021 में दर्ज मामले पर आया है, जिसमें मृतका संगीता देवी के पिता विश्वनाथ महतो ने अभियुक्त और उसके परिजनों पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने और मारकर हत्या करने का आरोप लगाया था. पीड़िता की शादी 15 जुलाई 2020 को हुई थी और महज 14 महीनों के भीतर ही 20 सितंबर 2021 को उसकी हत्या कर दी गई.

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गर्भवती बेटी की हत्या के बाद टूटा परिवार, दोषी को मिली सजा से मिली आंशिक राहत

मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच में तेजी लाई गई और अभियुक्त के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत किए गए. मृतका सात माह की गर्भवती थी और फोन पर पिता को मारपीट की जानकारी देने के कुछ ही घंटों बाद उसकी मौत हो गई थी. गले पर दबाव के निशान थे, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि उसकी हत्या की गई थी. अभियुक्त का किसी अन्य महिला से अवैध संबंध भी सामने आया, जिससे यह मामला और भी जघन्य हो गया.

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अवैध संबंध और दहेज की मांग बना बेटी की मौत का कारण

अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक विजय कुमार साह और सूचक के अधिवक्ता बिनोद कुमार गुप्ता ने जोरदार बहस की. न्यायालय ने गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त छत्रू कुमार महतो को भारतीय दंड संहिता की धारा 304B के तहत दोषी पाया और 10 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई. सजा के बाद आरोपी को तेनुघाट जेल भेज दिया गया.

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