फतेह लाइव, रिपोर्टर.
गर्मी का मौसम आते ही जमशेदपुर व आसपास के क्षेत्र में जल संकट गहराता जा रहा है. अगर हम बात बागबेड़ा वृहद ग्रामीण जलापूर्ति योजना की करें तो 2015 में इसकी आधारशिला रखी गई और 2024 तक भी इसके पूरा होने की कोई संभावना नहीं है, जिसे लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने विशाल पदयात्रा निकाली.
जानकारी के अनुसार 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बागबेड़ा वृहद ग्रामीण जलापूर्ति योजना की नींव रखी थी. 3 साल में इस योजना को पूर्ण हो जाना था, पर 2024 तक यह योजना अधर में लटकी हुई है, जिसके चलते लाखों लाख लोग बूंद बूंद पानी को तरस रहे हैं. स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि भूमिगत जल भी नीचे चला गया है.
गर्मी का मौसम आने से पहले ही लोग बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. इसे लेकर कई बार आंदोलन किया गया पर निष्कर्ष शून्य निकला. थक हार कर ग्रामीणों ने एक बार फिर आंदोलन का रूप अख्तियार किया है. आकर्षित ग्रामीणों ने हाथों में बाल्टी और तख्तियां लेकर पूरे पश्चिमी कीताडीह पंचायत में पदयात्रा किया.
जिला प्रशासन और सरकार से जल्द से जल्द इस और ध्यान देकर इस योजना में तेजी लाने की मांग. जानकारी देते हुए पूर्व जिला परिषद किशोर यादव ने बताया कि 2015 को इस योजना की नींव रखी गई. पीएचडी विभाग और कार्यपालक एजेंसी के सुस्त रवैये से अब तक कार्य पूरा नहीं हुआ. लोग बूंद बूंद पानी को तरस रहे हैं उन्होंने कहा कि कई बार आंदोलन किया गया, पर किसी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ा. उन्होंने कहा कि अगर जल्द से जल्द कार्य में तेजी नहीं लाई गई तो मजबूरन सड़क से सदन तक की लड़ाई लड़नी पड़ेगी. जिप उपाध्यक्ष पंकज सिन्हा भी पदयात्रा में शामिल हुए और ग्रामीणों का साथ दिया.