भाजपा ने अपने पूरे कार्यकाल में इसको साबित भी किया है
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
झारखंड कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता संजय पांडे ने बयान जारी कर कहा कि आज भाजपा के नेता जिस प्रकार से झारखंड में वादों एवं घोषणाओं की झड़ी लगाई हुए हैं। जनता इनकी बातों को, उनके वादों को, उनके इरादों को और उनके क्रियाकलापों को अच्छी तरह से समझती है। आज भाजपा के नेता नरेंद्र मोदी जी के वादो और गारंटी को बढ़ा-चढ़ा कर दिखा रहे हैं, न सिर्फ झारखंड की जनता बल्कि पूरे देश के लोग मोदी जी के वादों और गारंटी से अवगत है और अच्छी तरह से समझते हैं कि मोदी जी की गारंटी सिर्फ टीवी में अखबार में दिखाई और सुनाई पड़ता है, लेकिन जमीन पर नहीं होता। इसके कितने सारे उदाहरण समय-समय पर मीडिया एवं सोशल मीडिया के माध्यम से जनता के बीच आया है। इसका जवाब न भाजपा के नेता दिए हैं और ना ही मोदी जी।
भाजपा का नेता को यह बताना चाहिए कि मोदी जी के वादे 2 करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष, सभी के खाते में 15 लख रुपए, 100 स्मार्ट सिटी, किसने की आए तो नहीं करना, आदर्श ग्राम योजना, उज्ज्वला योजना के नाम पर सिलेंडर बांटकर गैस का दाम दोगुना से अधिक कर देना जैसे अनेक बातों, वादों और गारंटी को समझी और परखी हुई है। इसलिए भाजपा के नेता इस मुगालते में ना रहे की झारखंड की जनता उनके चकाचौंध भारी प्रचार और लच्छेदार बातों में आएंगी।
भाजपा की पिछली सरकारों ने रोजगार के नाम पर युवाओं को, सुविधा के नाम पर महिलाओं और बुजुर्गों को हम लोग हाय दुगनी के नाम पर किसानों को और बाहरी भीतरी का बात करके आदिवासियों को लगातार ठगने का काम किया है। आज हेमंत सोरेन की सरकार ने दो बार आदिवासियों की आत्मा सरना धर्म कोड को पारित करके भेजा लेकिन केंद्र के लोग उसपर कुंडली मारकर बैठे हैं। ओबीसी के आरक्षण को 27% से घटकर 14% भाजपा ने किया और अब जब महागठबंधन की सरकार उसे 27 परसेंट करने का बिल भेजा तो भाजपा के लोग उसे रोक कर रखें हैं। एससी एसटी के आरक्षण को बढ़ने के बिल को भी रोक कर रखा है। आखिर यह किस मुंह से झारखंड के लोगों का हित और विकास की बात करते हैं। जब उनके उत्थान के लिए भेजे गए, सभी विधेयक को रोक रखा है।
झारखंड की जनता समझ चुकी है कि भाजपा और भाजपा के नेता सिर्फ वादे के शेर हैं। धरातल पर ये सिर्फ झारखंड की संपदा को लूटने के लिए सरकार में आना है। झारखंड की जल, जंगल और जमीन पर पूँजीपतियों का कब्जा दिलाने के लिए झारखंड में सरकार बनना चाहते हैं। लेकिन अब झारखंड के लोग इनके झांसे में आने वाले नहीं हैं, और 2024 में हेमंत सोरेन जी के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनाने के लिए संकल्पित है।