महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने कहा- एक-एक कार्यकर्ता बाबूलाल मरांडी के साथ, सरकार की हर साजिश होगी नाकाम
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी द्वारा हेमंत सोरेन सरकार पर उनके और उनके परिवार के खिलाफ साजिश रचने तथा अप्रिय घटनाओं की आशंका के लगाए गए आरोप को जमशेदपुर भाजपा ने अत्यंत गंभीर, चिंताजनक और लोकतंत्र को कलंकित करने वाला बताया है। भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने इस मुद्दे पर हेमंत सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कड़े शब्दों में निंदा की है और श्री मरांडी के साथ चट्टान की भांति खड़े होने और पूर्ण समर्थन की घोषणा की है। सोमवार को जारी प्रेस-विज्ञप्ति में जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने कहा कि झारखंड के माटी पुत्र बाबूलाल मरांडी जनता के सच्चे हितैषी हैं जिन्होंने राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार अपनी आवाज बुलंद की हैं।
हेमंत सोरेन सरकार के शराब माफिया घोटाले, अवैध खनन, जेएसएससी-जेपीएससी परीक्षा में धांधली, ग्रामीण विकास योजनाओं में लूट, खनिज संपदाओं का दोहन और भ्रष्टाचार की पोल खोलकर उन्होंने हेमंत सरकार की नींदें उड़ाई है। सुधांशु ओझा ने कहा कि बाबूलाल मरांडी के निडरता और जनसेवा की भावना से घबराई हेमंत सरकार अब उनके और उनके परिवार के खिलाफ साजिश रचने की घिनौनी हरकत पर उतर आई है। प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने जब से सरकार के भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और अकर्मण्यता के खिलाफ मोर्चा खोला है, तब से यह सरकार बौखला गई है और उन्हें डराने के लिए अब साजिशों का सहारा लेने पर उतारू हो गयी है। कहा कि बाबूलाल मरांडी का जीवन झारखंड की जनता के लिए समर्पित रहा है। उन्होंने हमेशा गरीबों, आदिवासियों और वंचितों के हक के लिए संघर्ष किया है।
जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि बाबूलाल मरांडी अथवा उनके परिवार व उनके समर्थकों को किसी भी तरह के नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई, तो पूरे प्रदेश के कार्यकर्ता के साथ जमशेदपुर भाजपा और झारखंड की जनता इसका करारा जवाब देने को तैयार है। भाजपा के एक-एक कार्यकर्ता अपने नेता बाबूलाल मरांडी के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं। उनकी लड़ाई हम सब कार्यकर्ताओं की भी लड़ाई है और उनकी इस लड़ाई में कदम से कदम मिलाकर हम आगे बढ़ेंगे। हेमंत सरकार की तानाशाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारा संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक झारखंड की जनता को इंसाफ नहीं मिल जाता।