- सीतारामडेरा थाना क्षेत्र में उधार लौटाने में नाकाम दोस्त के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत
फतेह लाइव, रिपोर्टर
सीतारामडेरा थाना क्षेत्र के चिरंजीव नंदी ने अपने मित्र राहुल खां डुमरिया से 10 मई 2024 को कोर्ट परिसर में 1.50 लाख रुपये नगद उधार दिए थे. राहुल ने तीन महीने के अंदर पूरा पैसा लौटाने का आश्वासन दिया था, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी उसने पैसा वापस नहीं किया. शुरुआत में राहुल ने बातचीत भी की, लेकिन बाद में वह टालमटोल करने लगा और लगातार बहाने बनाने लगा. चिरंजीव ने कहा कि उन्होंने यह पैसा मित्रता और मानवीय भावना के कारण दिया था, लेकिन अब वे उसकी मंशा पर संदेह करते हैं. वे आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं और उक्त राशि की तत्काल जरूरत है. चिरंजीव ने धोखाधड़ी की लिखित शिकायत सीतारामडेरा थाना में दर्ज कराई है.
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पुलिस ने दर्ज की प्राथमिकी, जांच जारी
सीतारामडेरा थाना प्रभारी ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. उन्होंने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच जारी है और आरोपी राहुल खां से पूछताछ की जाएगी. यदि आरोपी जवाब देने में असमर्थ रहा तो उसके खिलाफ गिरफ्तारी की प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है. कानूनी विशेषज्ञ अधिवक्ता अजय मिश्रा ने बताया कि यदि कर्ज लेने वाला जानबूझकर भुगतान नहीं करता है, तो यह भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत अपराध माना जाता है. उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट में कर्ज दिए जाने का स्थान और गवाह उपलब्ध होने से पीड़ित को न्याय मिलने की संभावना बढ़ जाती है.
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मित्रता और विश्वास पर उठे सवाल, लिखित करार की जरूरत
कानूनी जानकारों का कहना है कि ऐसे मामले समाज में मित्रता और आपसी विश्वास की नींव पर सवाल उठाते हैं. पैसों के लेन-देन को बिना लिखित करार के करना आज के समय में जोखिम भरा हो सकता है, चाहे वह करीबी दोस्त ही क्यों न हो. चिरंजीव ने कहा कि उनका दिया हुआ विश्वास उनकी सबसे बड़ी कमजोरी साबित हुआ है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि राहुल खां को जल्द ही पूछताछ के लिए नोटिस भेजा जाएगा और यदि वह उपस्थित नहीं होता है तो कानूनी कार्रवाई तेज कर दी जाएगी. इस घटना से यह सीख मिलती है कि वित्तीय लेन-देन में सावधानी बरतना और लिखित समझौता करना आवश्यक है.