- संयुक्त सचिव जनजातीय कार्य मंत्रालय की अध्यक्षता में अभियान की तैयारियों पर चर्चा, विभागीय पदाधिकारियों को मिली दिशा-निर्देश
फतेह लाइव, रिपोर्टर
जमशेदपुर के समाहरणालय सभागार में जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त सचिव बृजनंदन प्रसाद की अध्यक्षता में धरती आबा जनभागीदारी अभियान की तैयारियों को लेकर बैठक आयोजित की गई. यह अभियान 15 से 30 जून तक चलेगा और इसका उद्देश्य जनजातीय बहुल गांवों में शिविर लगाकर केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ योग्य लाभुकों तक पहुंचाना है. बैठक में परियोजना निदेशक आईटीडीए दीपांकर चौधरी के साथ आपूर्ति, कल्याण, जनसंपर्क, समाज कल्याण, शिक्षा, विद्युत, पेयजल, कृषि समेत कई विभागों के पदाधिकारी उपस्थित थे. संयुक्त सचिव ने कहा कि इस अभियान के तहत आधार कार्ड पंजीकरण, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत कार्ड, पीएम किसान सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड, पीएम जनधन योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, पीएम नेशनल डायलिसिस प्रोग्राम, पीएम आवास योजना सहित अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ लाभुकों तक पहुंचाया जाएगा.
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बैठक में बृजनंदन प्रसाद ने सभी विभागीय पदाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने विभाग के माध्यम से जनजातीय बहुल आबादी वाले क्षेत्रों में कंवर्जेंस के जरिए योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करें. उन्होंने यांत्रिकी विभागों को आधारभूत संरचना से जुड़ी योजनाओं जैसे सड़क, हॉस्टल, आंगनबाड़ी और मल्टीपर्पस ट्राइबल मार्केटिंग सेंटर की निविदा प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण कर कार्य प्रारंभ करने का निर्देश दिया. इस अभियान के तहत लगभग 35 से अधिक योजनाओं को ग्रामीण लाभार्थियों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. यह अभियान प्रधानमंत्री जनजातीय सशक्तिकरण मिशन और धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान के साथ मिलकर सरकारी योजनाओं की पहुंच और प्रभाव को बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है.
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परियोजना निदेशक आईटीडीए दीपांकर चौधरी ने सभी विभागीय अधिकारियों को ग्राम स्तरीय शिविरों में सक्रिय भागीदारी के निर्देश दिए. उन्होंने बताया कि अभियान का मुख्य उद्देश्य जमीनी स्तर पर जनजातीय पहचान सुनिश्चित करना और विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG) को सशक्त बनाना है. इस अभियान के माध्यम से विभिन्न प्रखंडों में ग्राम स्तर पर आयोजित शिविरों में सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ ग्रामीण जनता तक पहुंचाया जाएगा. इससे न केवल योजनाओं की पहुंच बढ़ेगी, बल्कि जनजातीय समाज के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जाएगी.