- झामुमो प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने आरएसएस और भाजपा पर साधा निशाना
- झामुमो ने भाजपा से मांगा जवाब– संविधान के मूल सिद्धांतों से छेड़छाड़ क्यों?
फतेह लाइव, रिपोर्टर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा संविधान से “सेक्युलर” और “सोशलिस्ट” जैसे शब्दों को हटाने की मांग पर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह भारत की आत्मा पर सीधा प्रहार है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा को बौद्धिक मार्गदर्शन आरएसएस से मिलता है और वही धर्मनिरपेक्षता पर हमला कर रही है.
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झामुमो ने कहा– धर्मनिरपेक्षता भारत की आत्मा, उसे नहीं मिटाया जा सकता
षाड़ंगी ने कहा कि आरएसएस का यह बयान बाबा साहेब आंबेडकर और जयप्रकाश नारायण जैसे जननायकों का अपमान है, जिन्होंने भारत को धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी राष्ट्र के रूप में परिभाषित किया. उन्होंने मांग की कि प्रधानमंत्री और भाजपा के शीर्ष नेता इस विषय पर देश की जनता के समक्ष स्पष्ट प्रतिक्रिया दें.