राज्य के प्रधान एवं मुख्य सचिव को पत्र लिखकर आरटीआई कार्यकर्ता ने कराया ध्यान आकृष्ट
कहा – अब तो चुनाव है, इसके बाद जनता की भीड़ को झेलने में असमर्थ होंगे अधिकारी
चरणजीत सिंह.
पूर्वी सिंहभूम जिला सहित पूरे झारखण्ड राज्य के अंचल कार्यालयों में हो रहे दाखिल-खारिज, सीमांकन, परिशोधन, दाखिल-खारिज अपीलवाद ऑनलाईन के कार्यों में राज्य की जनता को बेहाल कर दिया है. पूर्व के कार्य निष्पादन व्यवस्था को समाप्त कर झारनेट के माध्यम से संचालित किया जाना राज्य के राजस्व का नुकसान कर जन कल्याण के कार्यों में बाधा पहुंचाने की प्रक्रिया को समाप्त करने का अनुरोध आरटीआई कार्यकर्ता कमलेश कुमार ने किया है. इस बाबत उन्होंने राज्य के प्रधान और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर ध्यान आकृष्ट कराते हुए पुरानी व्यवस्था को अविलंब बहाल करने की मांग की है, ताकि जनता के कार्यों का निपटारा हो सके. इसके साथ ही राष्ट्रपति को भी ट्विट करते हुए उनसे भी इस पर अविलंब संज्ञान लेने का अनुरोध किया है और सरकार को उचित आदेश कराने की मांग की है.
शिकायतकर्ता के मुताबिक झारखण्ड राज्य गठन के बाद राज्य के अंचल कार्यालयों में भूमि से संबंधित कार्यों में राजस्व वसूली सुलभ कार्य संचालन को समाप्त कर झारभूमि को जब से झारनेट के माध्यम से संचालित करना अनिवार्य किया गया है, तब से पूर्वी सिंहभूम जिला सहित पूरे झारखण्ड के अंचल कार्यालयों में झारभूमि से जुड़ी हुई सारी सेवायें जैसे- दाखिल-खारिज, सीमांकन, परिशोधन, दाखिल खारिज अपीलवाद ऑनलाइन सभी महत्वपूर्ण कार्य ठप्प हो गये हैं.
अंचल कार्यालयों में झारनेट से कार्य संचालित किये जाने वाले कार्यों में बाधा पहुंचाकर राज्य के नागरिकों के साथ घोर अन्याय कर प्रताड़ित करने का एक प्रक्रिया है, क्योंकि झारनेट का क्रियाकलाप संदेह एवं गैर जिम्मेदारी के रूप में कार्य किया जाता है, क्योंकि झारनेट प्रायः खराब रहने के कारण हजारों लाखों आवेदन उल्लेखित कार्यों का निष्पादन नहीं हो पा रहा है, बल्कि लंबित रखा गया है.
राज्य के नागरिकों के आवेदन पर कार्य नहीं किया जाना ससमय अपने सेवा नागरिकों के बीच नहीं दिया जाना राज्य के जनता के साथ घोर अन्याय है. उक्त अन्याय को दूर करने हेतु तत्काल प्रभाव से झारनेट कार्य प्रणाली व्यवस्था को समाप्त किया जाना लोकतंत्र की रक्षा हेतु अति आवश्यक है तथा इसके पूर्व किये जा रहे कार्य संचालन प्रणाली से कार्य आरंभ करने का आदेश राज्य के सभी अंचल कार्यालय को भेजा जाये.
लॉग आउट होने की हो रही समस्या
ज्ञात हो कि झारनेट को झारभूमि के साथ जोड़ा गया है. तब से प्रक्रिया शुरू होते ही स्वयं लॉग आउट (Log Out) हो जा रहा है तथा किसी भी लॉगेन से फारवर्ड नहीं हो रहा है, जिसके चलते सारी सेवायें ठप्प हो गई हैं, क्योंकि झारनेट के द्वारा जहां-जहां झारभूमि पोर्टल चल रहा है. वहां की स्थिति खराब है, जिसमें सुधार की संभावना भविष्य में नहीं दिख रही है.
पहले यह थी व्यवस्था
पहले जो सिस्टम था वो वाईफाई को मोबाईल से भी कनेक्ट किया जाता था तथा दूसरे नेटवर्क से जोड़ने पर साइड खुल जाता था, लेकिन सरकार के द्वारा झारनेट को लाया गया था, ताकि सारे चीज सिक्यूएर (Secure) रहे, लेकिन इससे झारनेट काफी धीमा (Slow) हो गया. अगर झारनेट का स्पीड बढ़ा दिया जाये, तो काम तेजी से हो सकता है.
आरटीआई कार्यकर्ता ने ये भी कहा
झारखण्ड राज्य भारत देश का एक राज्य है तथा भारतीय संविधान के अन्तर्गत राज्य में जन प्रतिनिधियों का चुनाव कर अपने हित की रक्षा हेतु भेजा जाता है. उसमें कुछ मंत्री होते हैं तो कोई मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री होते हैं, किन्तु उनके कार्यक्षेत्र संविधान में प्रदत्त शक्ति के अधीन ही कार्य करने का क्षेत्र अधिकार प्राप्त है. उक्त प्रतिनिधियों का नाकारात्मक कार्यों को आईएएस जिलाधीश से लेकर अन्य सभी पदधारकों को अपने-अपने क्षेत्र में नियंत्रण करने का अधिकार प्राप्त है. राजतंत्र में अपनाये गये नीति-निर्धारण करने वाले जन प्रतिनिधियों के द्वारा लिये गये निर्णय जो राज्य के जनताओं का अहित करता हो तथा राज्य में लूट-खसोट की व्यवस्था के तहत उल्टा-पुल्टा कार्य करता हो उन्हें रोकने का कार्य किया जाना विधिमान है.
राज्य के जनकल्याण हेतु इस मांग को पूरा करना जरूरी
आरटीआई कार्यकर्ता कमलेश कुमार ने कहा कि अभी तो चुनाव का समय है. जनता की भीड़ कार्यालय में नहीं हो रही है, लेकिन कुछ दिनों बाद चुनाव खत्म होते ही यह बहुत बड़ा विस्फोट का कारण बन सकता है. अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक को इसकी चिंता भी सता रही है.
उपरोक्त अधिकारियों से मांग की है कि पूर्वी सिंहभूम सहित पूरे झारखण्ड राज्य के अंचल कार्यालयों में झारनेट को झारभूमि के माध्यम से संचालित करना अनिवार्य किया गया है. तब से झारभूमि से जुड़ी हुई सारी सेवायें जैसे दाखिल-खारिज, सीमांकन, परिशोधन, दाखिल-खारिज अपीलवाद, ऑन लाईन सभी सेवायें ठप्प हो गये हैं. उसे पूर्व की भांति झारखण्ड पोर्टल को अन्य इंटरनेट सेवा प्रदान कम्पनियों से नियमित रखने हेतु राज्य के सभी अंचल अधिकारियों को आदेश पारित किया जाय तथा राज्य के जन कल्याण कार्य हेतु इसे अति आवश्यक समझा जाय.
पूरे झारखंड में झारनेट की समस्या : सीओ
अंचल कार्यलय में पिछले 20 से 22 दिनों से झारनेट की समस्या है. साइट नहीं खुलने के कारण लोगों का कार्य नहीं हो पा रहा है. जमशेदपुर ही नहीं पूरे झारखंड में यह साइट ठप है. इसका कोई और विकल्प नहीं होने से कार्य का निष्पादन नहीं हो पा रहा है. इसे लेकर कई बार उच्च अधिकारियों को भी पत्राचार किया है. मनोज कुमार, अंचल अधिकारी, जमशेदपुर