• इंडस्ट्री 4.0 और बियोंड : औद्योगिक और शैक्षिक क्षेत्र की साझेदारी पर जोर

फतेह लाइव, रिपोर्टर

बीआईटी सिंदरी के उत्पादन और औद्योगिक अभियंत्रण विभाग द्वारा 5 मई 2025 से पांच दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी का विषय था “स्मार्ट एंड सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग: इंडस्ट्री 4.0 एंड बियोंड”. इस संगोष्ठी का आयोजन हाइब्रिड मोड में किया गया, जिसमें देशभर के शोधकर्ता, शिक्षाविद, और उद्योग विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित कर की गई, जिसमें पोटका के एच.यू.आर.एल सिंदरी संयंत्र प्रमुख गौतम माज़ी, विभागाध्यक्ष प्रो. प्रकाश कुमार, डीन एकेडमिक्स प्रो. डी.के. तांती, ट्रेनिंग प्लेसमेंट अधिकारी प्रो. घनश्याम, और अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे. यह कार्यक्रम अकादमिक और औद्योगिक क्षेत्र के बीच बेहतर साझेदारी के उद्देश्य से आयोजित किया गया.

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संगोष्ठी में स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग और ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग पर चर्चा

मुख्य अतिथि गौतम माज़ी ने स्मार्ट और हरित विनिर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि इस तरह की पहल औद्योगिक क्षेत्र और शैक्षिक संस्थानों के बीच की दूरी को कम करती हैं. विशिष्ट अतिथि सुनील कुमार (निदेशक, तकनीकी शिक्षा, झारखंड) ने कार्बन फुटप्रिंट को घटाने और स्वचालित प्रणालियों को अपनाने की आवश्यकता पर चर्चा की. प्रो. डी.के. सिंह (कुलपति, झारखंड तकनीकी विश्वविद्यालय), प्रो. पंकज राय (निदेशक, बीआईटी सिंदरी) और अन्य प्रमुख व्यक्तियों ने इंडस्ट्री 1.0 से लेकर 4.0 तक के विकास क्रम की चर्चा की और भविष्य में इंडस्ट्री 5.0 की दिशा में आगे बढ़ने की आवश्यकता पर जोर दिया, जहां मानव और मशीन का संतुलन बनाकर सस्टेनेबिलिटी को प्राथमिकता दी जाएगी.

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तकनीकी सत्र में विशेषज्ञों ने स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर अपने विचार साझा किए

संगोष्ठी के पहले तकनीकी सत्र में दीपक जैन (सेल रांची) ने स्टील इंडस्ट्री के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर चर्चा की, जबकि दूसरे सत्र में आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के प्रो. सोमनाथ चट्टोपाध्याय ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और इंटरनल कंबशन इंजन की तुलना की. उन्होंने बताया कि कैसे स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग और ऑटोमेशन EV इंडस्ट्री में बदलाव ला रहे हैं. तीसरे सत्र में उज्वल मित्रा (निदेशक, प्रिंट वर्ल्ड वाइड) ने 3D प्रिंटिंग के बारे में अपने विचार प्रस्तुत किए. कार्यक्रम के समापन पर संगोष्ठी के समन्वयक डॉ. सुमंतो मुखर्जी ने धन्यवाद ज्ञापन किया. संगोष्ठी में देशभर से 35 उत्कृष्ट शोधपत्र प्रस्तुत किए जाएंगे, जो नवाचार और तकनीकी उत्कृष्टता को बढ़ावा देंगे.

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