- कक्षा में जाकर छात्रों से पूछा सवाल, बताया शिक्षा का असली उद्देश्य
- व्यवस्थाओं की बारीकी से जांच, खामियों पर जताई नाराजगी
- प्राथमिक विद्यालय का भी किया निरीक्षण, मिड-डे मील की गुणवत्ता पर जताई नाराजगी
- विद्यालय परिसर की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश
फतेह लाइव, रिपोर्टर
शिक्षा को केवल औपचारिकता न मानते हुए बुधवार को उपायुक्त अजय नाथ झा ने उत्क्रमित उच्च विद्यालय द्वारिका (चास) का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने शिक्षक की भूमिका निभाते हुए कक्षा-8 में जाकर छात्रों से संवाद किया। कक्षा में उस समय यूरोप में राष्ट्रवाद के उदय से संबंधित अध्याय पढ़ाया जा रहा था। उपायुक्त ने छात्रों से फ्रांस की क्रांति और भारत की आजादी की तारीखों के बारे में सवाल किए, जिनका बच्चों ने सही जवाब दिया। उन्होंने प्रसन्नता जताते हुए छात्रों को 26 जनवरी 1950 की महत्ता और इस तारीख को संविधान लागू करने के पीछे का इतिहास भी विस्तार से समझाया। इसके बाद वे कक्षा-9 में पहुंचे, जहां अंग्रेजी में ‘विंड’ पाठ पढ़ाया जा रहा था। उन्होंने छात्रों से कहा कि उनका व्यक्तित्व हवा जैसा होना चाहिए—जो दिखाई न दे लेकिन सबको महसूस हो। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल परीक्षा पास करना नहीं बल्कि एक बेहतर नागरिक बनना और समाज में सकारात्मक प्रभाव डालना है।
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छात्रों को शिक्षा के साथ व्यक्तित्व निर्माण का भी दिया मंत्र
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने विद्यालय की व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा की और कई खामियों पर नाराजगी जताई। उन्होंने बताया कि फरवरी 2025 से अब तक किसी शिक्षा अधिकारी द्वारा विद्यालय का निरीक्षण नहीं किया गया, जिसे प्रशासनिक उदासीनता बताया और इस पर शीघ्र संज्ञान लेने की बात कही। उपायुक्त ने पुस्तकालय की स्थिति पर असंतोष जताया और इसे एक सप्ताह के भीतर बेहतर बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने तहसील कचहरी के ऊपरी तल पर पुस्तकालय को व्यवस्थित करने के निर्देश दिए और बीडीओ/सीओ तथा मुखिया को समन्वय कर कार्य सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि विद्यालय आने वाले कल की नींव होते हैं, इसलिए सभी शिक्षक अपने कर्तव्यों को राष्ट्र सेवा समझकर पूरी निष्ठा से निभाएं। उपायुक्त ने कहा कि विद्यालय में बेहतर शैक्षणिक वातावरण बनाने की पूरी संभावना है और शिक्षक बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण के लिए प्रेरित रहें।
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शिक्षकों से अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहने की अपील
उपायुक्त ने निरीक्षण के क्रम में प्राथमिक विद्यालय भूईयां द्वारिका चास टू का भी दौरा किया। वहां उन्होंने कक्षा-3 की छात्रा डॉली कुमारी और कक्षा-4 की छात्रा अनु कुमारी से संवाद किया और उनकी कॉपियां देखीं। निरीक्षण के दौरान मिड-डे मील की गुणवत्ता जांची, जो संतोषजनक नहीं पाई गई। इस पर उपायुक्त ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि सभी विद्यालयों में एमडीएम में हरी सब्जियों की अनिवार्य उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और पौष्टिक भोजन दोनों ही बच्चों के समग्र विकास के लिए जरूरी हैं। उपायुक्त ने कहा कि विद्यालय केवल पढ़ाई का स्थान नहीं, बल्कि भावी नागरिकों के निर्माण की प्रयोगशाला हैं और शिक्षक तथा शिक्षा अधिकारी इस जिम्मेदारी को गंभीरता से लें।
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गुणवत्तापूर्ण मिड-डे मील के लिए शिक्षा विभाग को निर्देश
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने विद्यालय परिसर के मुख्य द्वार पर जलजमाव देख मुखिया को जमीन पर मिट्टी भरने और बीडीओ को कार्य की निगरानी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विद्यालयों की भौतिक स्थिति को भी सुधारना उतना ही जरूरी है जितना शिक्षा का स्तर बेहतर बनाना। मौके पर प्रखंड विकास पदाधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार, अंचलाधिकारी दिवाकर दूबे, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार सिंह, नोडल पदाधिकारी पंकज दूबे, परियोजना पदाधिकारी माणिकचंद प्रजापति समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।