- ओनेरेक्स, चोको और इसकफ का कर रहे इस्तेमाल, शरीर के लिए है नुकसानदेह
फतेह लाइव, रिपोर्टर
कसमार प्रखंड में मेडिकल स्टोर्स में मिलने वाले खांसी और कफ सिरप का युवा वर्ग नशे के रूप में इस्तेमाल कर रहा है. विशेष रूप से ओनेरेक्स, चोको और इसकफ जैसे सिरप का प्रयोग बढ़ा है, जो सर्दी-खांसी से राहत दिलाने के लिए बाजार में उपलब्ध हैं, लेकिन अब यह नशे के रूप में प्रयोग हो रहे हैं. कसमार के एमबीबीएस डॉक्टर पवन कुमार के अनुसार, इन सिरपों का सेवन शराब के समान नशा पैदा करता है. यह नशा शराब से सस्ता और अधिक प्रभावी माना जाता है, क्योंकि इसके सेवन से लगभग दो सौ मिली लीटर शराब जितना नशा होता है. इस नशे का सबसे बड़ा खतरनाक पहलू यह है कि यह बच्चों द्वारा आसानी से उपलब्ध कराया जा सकता है, और बिना डॉक्टर की पर्ची के मेडिकल स्टोर वाले इसे बेच देते हैं.
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बच्चों के लिए बन रही समस्या, सिरप का नशे के रूप में बढ़ता चलन
यह नशा पूरी तरह से स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, और बच्चों तथा युवाओं में इसके बढ़ते प्रचलन को लेकर स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं. डॉक्टर पवन कुमार के अनुसार, इस तरह की दवाओं का सेवन किडनी की समस्या, मानसिक स्वास्थ्य में गिरावट और याददाश्त कमजोर होने जैसे गंभीर परिणाम ला सकता है. इसके साथ ही, ये दवाएं मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं, जो आगे चलकर मानसिक विकार का कारण बन सकती हैं. बावजूद इसके, कसमार में मेडिकल स्टोर्स पर यह सिरप बिना पर्ची के बिक रहे हैं, और स्वास्थ्य विभाग का इस पर कोई ध्यान नहीं है.
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स्वास्थ्य विभाग की नीतियों में बदलाव की जरूरत, कार्रवाई की मांग
इसके अलावा, स्थानीय बाजार में सिरप की कीमतों में भी अप्रत्याशित बढ़ोतरी देखी जा रही है. तीन से चार साल पहले जो ओनेरेक्स सिरप 90-100 रुपये में मिलती थी, वह अब 195 रुपये में बिक रही है. दवा दुकानदार इस सिरप को अधिक कीमत पर बेच रहे हैं, और इसका उपयोग नशे के लिए हो रहा है. कसमार थाना क्षेत्र के धधकिया स्थित ठाकुर तालाब, प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय के आसपास, फार्मटांड, मोचरो, शाहिद और अन्य सुनसान इलाकों में यह सिरप खुलेआम बिक रही है. यहां तक कि स्कूल जाने वाले बच्चे, टेंपो ड्राइवर और अन्य युवा वर्ग के लोग इसे नशे के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं.
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सस्ती शराब और सिरप का नशा कर रहे युवा, प्रशासन पर उठे सवाल
कसमार के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. प्रफुल्ल कुमार महतो ने इस नशे के बढ़ते प्रचलन पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि आजकल युवा पीढ़ी बड़ी मात्रा में खांसी और कफ वाली दवाओं का नशे के रूप में इस्तेमाल कर रही है, जो कि बेहद खतरनाक है. उन्होंने चेतावनी दी कि ओनेरेक्स और कोरेक्स जैसे सिरप का अत्यधिक सेवन शरीर को गंभीर नुकसान पहुँचा सकता है. साथ ही, डॉ. महतो ने मेडिकल स्टोर्स से यह आग्रह किया कि बिना डॉक्टर की पर्ची के किसी भी दवा को न बेचा जाए, क्योंकि यह न केवल भारत सरकार के नियमों का उल्लंघन है, बल्कि युवा पीढ़ी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.