फतेह लाइव, रिपोर्टर

गुवा क्षेत्र के ठाकुरा गांव के बच्चे जान जोखिम में डाल कर रेलवे ट्रैक पार कर पढ़ने के लिए स्कूल जाते हैं. ज्ञात हो कि ठाकुरा गांव से गुवा बाजार आने के लिए डीएमएफटी फंड द्वारा वर्ष 2010 में सांसद गीता कोड़ा के प्रयास से ठाकुरा गांव के ग्रामीणों के लिए आने जाने के लिए एक पुलिया का निर्माण कराया गया था. परंतु यह पुलिया ठाकुरा गांव के ग्रामीण गुवा बाजार जाने के लिए काफी लंबी दूरी तय कर गुवा बाजार आते हैं. ठाकुरा गांव से रेलवे द्वारा बनाया गये ओवरब्रिज पार कर गुवा आने में लोगों को मात्र 5 मिनट का समय लगता है. परंतु डीएमएफटी फड द्वारा बनाया गया पुलिया से पार कर गुवा बाजार आने में लगभग 45 मिनट का समय लग जाता है.

इसे भी पढ़ें : Chaibasa : सेल के बंद पड़े क्वार्टर से हो रही लोहे और स्क्रैप की चोरी

इसी दूरी को कम करने को लेकर स्कूली बच्चे भी जान हथेली पर लेकर रेलवे ओवरब्रिज पार कर स्कूल पढ़ने जाते हैं. जिससे कभी भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है. परंतु रेलवे विभाग द्वारा रेलवे ओवरब्रिज में अचानक से ट्रेन आ जाने पर दो ही रास्ता बच जाता है एक तो यह है कि रेलवे ओवरब्रिज से कारो नदी में छलांग लगाना या रेलवे ट्रैक पर आत्महत्या करना. इससे कुछ साल पूर्व कई दुर्घटनाएं हो भी चुकी है कईयों ने अपनी जान गवांई हैं. कईयों ने ट्रेन के नीचे आने से बचने के लिए रेलवे ओवरब्रिज से कारों नदी से छलांग लगाया और वह अपनी जान नहीं बचा पाये. अचानक आए ट्रेन से बचने के लिए लोगों के पास मौत के अलावा दुसरा कोई रास्ता ही नहीं बचता है. लोगों ने रेलवे विभाग से मांग की है कि रेलवे द्वारा बनाया गया ओवरब्रिज में जगह-जगह लोगों को अचानक से आए ट्रेन से बचने के लिए सेंटर बनाया जाए ताकि लोग वहां खड़ा होकर ट्रेन पार हो जाने के बाद रेलवे ट्रैक पार कर सकें.

Share.
© 2025 (ਫਤਿਹ ਲਾਈਵ) FatehLive.com. Designed by Forever Infotech.
Exit mobile version