- मन्नू का पार्टनर अशोक यादव की सरगर्मी से तलाश कर रही आरपीएफ, नये कानून के तहत की गयी वीडियोग्राफी
- मुन्ना जायसवाल भी अवैध टाल खोलने की भिड़ा रहा था जुगत
- बूलेट और बोलेरो वाहन में खुलेआम पुलिस का लोगो लगाकर शहर में घूमता है मन्नू
- एक माह पूर्व सरायकेला से भी पकड़ा गया था 10 टन से अधिक का रेलवे स्क्रैप
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
फतेह लाईव ने चोरी के स्क्रैप सिंडिकेट का कोल्हान में बढ़ते व्यापार और वर्चस्व में हो रहे अपराध पर लगातार सीरिज चलाई गई थी. इसके बाद फतेह लाईव के मुख्य संपादक चरणजीत सिंह को जान से मारने की मुन्ना जायसवाल और दीपक ने धमकियां दी थी, जिसका मामला सरायकेला और जमशेदपुर एसपी के पास भी पहुंच गया था. (नीचे पढ़ें)
वैसे तो खबरों की सीरिज के बाद नवनीत तिवारी समेत कई लोगों के जमशेदपुर और सरायकेला में रेलवे और अभिजीत कंपनी से चोरी के माल को पकड़ा गया था, फिर तो कोल्हान में कहीं न कहीं छापेमारी और धंधा दोनों चलता रहा. लेकिन इधर, शुक्रवार को फतेह लाईव की खबर पर आरपीएफ ने भी मुहर लगाई है.(नीचे पढ़ें)
जब जमशेदपुर के टेल्को थाना क्षेत्र में ब्रिज के नीचे जेम्को चौंक में गुप्त सूचना पर आरपीएफ की सेंट्रल टीम ने छापेमारी कर दी. सालों से चल रहे मन्नू द रेलवे लाइजनिंग मास्टर के नाम से चर्चित व्यवसायी के टाल में चोरी का माल पकड़ लिया गया. यहां लाइजनर मन्नू समेत चार से अधिक लेागों को पकड़ा गया है. समाचार लिखे जाने तक पूरी सूचना नहीं मिली है. इसके साथ ही धवल, मुन्ना जायसवाल, दीपक समेत कई लोहा चोर आरपीएफ के बड़े अधिकारियों के रडार पर है. (नीचे पढ़ें)
आरपीएफ अधिकारी के साथ रहकर मन्नू बन गया स्क्रैप व्यवसायी
आरपीएफ के हत्थे चढ़े मन्नू की बात करें तो वह करीब 16-17 पहले यहां एक आरपीएफ के अधिकारी के साथ आया था. उक्त अधिकारी के वह गांव का था. यहां वह उनका सहयोग करता था. धीरे-धीरे वह टाटानगर में रहकर अवैध माफियाओं के साथ मिलने जुलने लगा. जब अधिकारी का यहां से तबादला हो गया तो मन्नू स्क्रैप के धंधे में उतर गया. जब मन्नू की गैर कानूनी हरकतों की जानकारी अधिकारी को लगी तो वह उससे दूर हो गए. सूत्र बताते हैं कि मन्नू के यहां विभिन्न जगहों पर आधा दर्जन टाल है. इसके अलावा अन्य माफियाओं की लाइजनिंग से भी वह मालामाल होने लगा. हाल के दिनों में स्क्रैप के अवैध धंधे में उसकी सक्रियाता काफी बढ़ गयी थी. (नीचे पढ़ें)
दीपक के साथ मिलकर वह दुर्गापूजा या अन्य मेलों में जुआ भी खिलवाता था. पिछले दिनों मन्नू ने टाटानगर स्टेशन में एक पूर्व सहायक कमांडेंट के चालक को पीट दिया था. तब उसे पोस्ट ले जाकर आरपीएसएफ के जवानों ने अच्छा सबक सिखाया था. मन्नू के संबंध आरपीएफ से जुडे़ कई लोगों के साथ थे जो उनकी लाइजनिंग में मदद करते रहे थे. पिछले दिनों एक जायसवाल नामक व्यापारी की भी पैरवी नए अधिकारी के पास की गयी थी. कैरेज कॉलोनी में मुन्ना जायसवाल भी टाल खोल रहा है. उसकी सेटिंग कराने का भी मन्नू ने वादा किया था, जो बात बाद में बिगड़ गई. स्टॉर टॉकिज के पास भी एक जवान पर टाल में हमला हुआ था. (नीचे पढ़ें)
उसमें भी संचालक को जेल भेजा गया था, लेकिन 12 दिनों में ही वह छूट गया था. तब मुन्ना का टाल खुलवाने का वादा किया गया था. टिनप्लेट में उठे एक स्क्रैप मामले में भी मुन्ना जायसवाल लाइजनर की भूमिका निभा रहा था. अपने बूलेट और बोलेरो वाहन में मन्नू खुलेआम पुलिस का लोगो लगाकर शहर में घूमता था. पिछले दिनों सीनी में भी मन्नू का करीबी रिश्तेदार स्क्रैप के खेल में पकड़ाया था. उस वक्त मन्नू ने भागकर खुद को बचाया था. (नीचे पढ़ें)
पांच टन से ज्यादा स्क्रैप होने की सूचना
बताया जाता है कि शुक्रवार की कार्रवाई गार्डेनरीच और चक्रधरपुर के वरीय अधिकारियों ने गुप्त सूचना पर यह कार्रवाई की. अभियान में स्थानीय आरपीएफ पोस्ट और सीआईबी की टीम शामिल थी. सूत्र बताते हैं कि शाम चार बजे के बाद जब जेम्को टाल में छापामारी हुई तो वहां पांच टन के आसपास रेलवे फीटिंग्स थी. हालाकि माल को टाटानगर पोस्ट में जब्त कर लाया गया है. मुन्ना को छापामारी दल ने मौके पर ही अच्छा सबक सिखाया है. इस मामले में टाटानगर पोस्ट में आरपीयूपी एक्ट की धारा थ्री ए के तहत कार्रवाई की जा रही है. आरपीएफ पोस्ट प्रभारी को इस संबंध में जानकारी लेने के लिए फोन किया गया. उन्होंने कहा कि मामला दर्ज होने की प्रक्रिया के बाद ही वह कुछ बोलेंगे. बहरहाल, यह पिछले चार पांच सालों की बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. इस कार्रवाई के बाद स्क्रैप माफियों का जगत में हड़कंप मच गया है.
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