टेंट डीलर्स वेलफेयर आर्गेनाइजेशन का आरोप, टुन्नू खुद कह रहे हैं कि अपने लोगों का टेंट लगवाएंगे
टेंट संचालकों की संस्था ने दावा किया कि संचालन समिति के लोग कमीशन लेते, घर में खस्सी मंगवा रहे
चरणजीत सिंह.
टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष सह टाटा स्टील द्वारा निर्मित क्लब हाउस के चेयरमैन संजीव कुमार चौधरी उर्फ टुन्नू चौधरी पर आरोप है कि उनके संरक्षण में शहर के क्लब हाउसों में कमीशनखोरी हो रही है। टुन्नू चौधरी ने जिन लोगों को क्लब हाउस की संचालन समिति की जवाबदेही दी है, वे लोग खुल कर कमीशन ले रहे हैं, अपने घर खस्सी मंगवाते हैं, तरह तरह की डिमांड करते हैं। जाहिर है कि टेंट के संचालक अपनी जेब से कमीशन की राशि नहीं दे सकते।
टाटा स्टील के कर्मचारी क्लब हाउस में किसी तरह का आयोजन करते हैं तो कमीशन की राशि उनकी जेब से निकलती है। जमशेदपुर टेंट डीलर्स वेलफेयर आर्गेनाइजेशन ने भुइयांडीह के मिष्टी इन होटल में बाकायदा संवाददाता सम्मेलन कर सार्वजनिक तौर पर टुन्नू चौधरी पर इतने गंभीर आरोप लगाए हैं। आर्गनाइजेशन के प्रतिनिधियों का दावा है कि टाटा स्टील के क्लब हाउस में खास टेंट हाउस को काम करने का जिम्मा इसलिए दिया गया है कि उनसे कमीशन लेना आसान हो। साथ ही वह कमेटी मेंबरों को इसलिए भी क्लब हाउस संचालन की जिम्मेदारी दे रहे हैं कि वह दोबारा फिर यूनियन का चुनाव जीत सकें। टुन्नू चौधरी का यह बखूबी जानते हैं।
टेंट डीलर्स वेलफेयर आर्गेनाइजेशन के प्रतिनिधि टुन्नू चौधरी से मिलने गए थे। उन्हें बताया गया कि क्लब हाउस में टेंट हाउस को फिक्स किया जा रहा है। दूसरे टेंट हाउस को वहां काम करने नहीं दिया जा रहा है। इस कारण टेंट की दर को लेकर स्पर्धा नहीं हो रही है, कर्मचारियों को नुकसान हो रहा है। यह सब सुनने के बाद टुन्नू चौधरी ने साफ तौर पर कहा कि हम लोगों का क्लब हाउस है। अपने लोगों को ही टेंट हाउस चलाने देंगे।
दरअसल, विवाह, मंगनी, सालगिरह, जन्मदिन, पारिवारिक भोज जैसे आयोजन के लिए टाटा स्टील द्वारा पूरे जमशेदपुर शहर में क्लब हाउस बनाए गए हैं। उसके संचालन की जवाबदेही टाटा वर्कर्स यूनियन को दी गई है। टाटा स्टील प्रबंधन की सोच रही है कि क्लब हाउस के संचालन का जिम्मा टाटा वर्कर्स यूनियन के पास रहेगा तो किसी तरह की गड़बड़ी नहीं होगी। टाटा वर्कर्स यूनियन खुद कर्मचारियों का प्रतिनिधि संगठन है। इसलिए क्लब हाउस के संचालन में गोलमाल नहीं होगा, कमीशनखोरी नहीं की जाएगी।
क्लब हाउस का जिम्मा लेने के बाद टाटा वर्कर्स यूनियन ने यह व्यवस्था की हुई है कि जो भी सस्ती दर पर दे, टाटा स्टील के कर्मचारियों द्वारा उससे पंडाल, बिजली सज्जा या केटरिंग का काम कराया जा सकता है। क्लब हाउस के चेयरमैन टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष होते हैं। उनके द्वारा हरेक क्लब हाउस में संचालन समिति बनाई हुई है। यूनियन अध्यक्ष को देखना है कि क्लब हाउस की संचालन समिति किसी तरह की गड़बड़ी नहीं करे। संचालन समिति की छोड़िए, अब खुद वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव कुमार चौधरी उर्फ टुन्नू चौधरी ही कमीशनखोरी के आरोपों के कटघरे में दिख रहे हैं।
रोना रोया कि इसी वजह से टेंट हाउस संचालकों को कमीशन की राशि टाटा स्टील के कर्मचारियों से वसूलनी पड़ रही
जमशेदपुर टेंट डीलर्स वेलफेयर आर्गेनाइजेशन के सरदार बलजीत सिंह और ओमप्रकाश सिंह ने आरोप लगाया कि टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव चौधरी अपने खास लोगों से क्लब हाउसों में टेंट हाउस का संचालन करा रहे हैं। इस वजह से सस्ती दर पर टाटा स्टील के कर्मचारियों को टेंट हाउस की सुविधा देने के इच्छुक लोगों को अवसर नहीं मिल रहा है। जो व्यवस्था पहले से बनी हुई थी, उसे लागू करना चाहिए। नेताद्वय ने कहा कि टाटा स्टील द्वारा जबसे क्लब हाउस बनाया गया तबसे वहां के संचालन की व्यवस्था इतनी बुरी नहीं थी कि सार्वजनिक तौर पर मुंह खोलना पड़े। क्लब हाउस में किसी तरह के आयोजन में टेंट, बिजली सज्जा और केटरिंग की जरूरत होती है। पहले की व्यवस्था में इच्छुक सभी टेंट हाउस संचालकों को वहां काम मिल जाता था।
जो कर्मचारी कोई आयोजन करते हैं, उन पर भी आर्थिक दवाब नहीं पड़ता था। एक टेंट हाउस को क्लब हाउस के लिए निर्धारित कर दिया जाय तो टाटा स्टील के कर्मचारियों को मोल भाव का मौका नहीं मिलेगा। टेंट हाउस वाले जो राशि कहेंगे, मजबूरी में कर्मचारियों को वही रकम देनी होगी। तुरंत आयोजन स्थल तो नहीं बदल सकते। इस मामले में टुन्नू चौधरी का पक्ष लेने के लिए उनके मोबाइल नंबर पर कॉल किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया. बात होने पर उनका भी पक्ष जोड़ दिया जाएगा.
::: यह मांग उठाई गई :::
जमशेदपुर टेंट डीलर्स वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन 50 साल पुरानी संस्था है। इससे जमशेदपुर शहर के तकरीबन 12 सौ टेंट हाउस संचालक जुड़े हुए हैं। टाटा स्टील के क्लब हाउस में पूर्व की भांति सभी टेंट हाउस संचालकों को काम करना का समान अवसर मिलना चाहिए।
किसी क्लब हाउस में टेंट हाउस संचालक का एकाधिकार कायम किया जाता है, तो यूनियन के लोगों को जरूर कमीशन मिल सकता है। कर्मचारियों पर आर्थिक बोझ बढ़ता है। टाटा स्टील के कर्मचारियों पर अतिरिक्त बोझ नहीं डाला जाना चाहिए।
टाटा स्टील के क्लब हाउस की संचालन समिति इस मसले पर जमशेदपुर टेंट हाउस डीलर्स वेलफेयर आर्गेनाइजेशन के साथ खुला संवाद करे ताकि भविष्य में भी पारदर्शी व्यवस्था बनी रहे।
पहली बार टाटा वर्कर्स यूनियन के किसी अध्यक्ष पर लगा भ्रष्टाचार का सीधा आरोप
टाटा वर्कर्स यूनियन राष्ट्रीय स्तर पर गौरवशाली संस्था रही है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस, वीजी गोपाल जैसे स्वनामधन्य व्यक्तित्व इस यूनियन का नेतृत्व कर चुके हैं। गुलामी काल से आजाद भारत तक टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष पर किसी संस्था ने प्रत्यक्ष तौर पर भ्रष्टाचार करने का सीधा आरोप नहीं लगाया है। पहली बार टाटा वर्कर्स यूनियन के वर्तमान अध्यक्ष संजीव कुमार चौधरी उर्फ टुन्नू पर पैसे की लेनदेन का आरोप लगा है। टाटा स्टील प्रबंधन भी वैश्विक स्तर पर अपनी ट्रेड यूनियन टाटा वर्कर्स यूनियन को सहयोगात्मक भूमिका और बेहतरीन इतिहास के लिए पेश करता रहा है। जाहिर है, यूनियन अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार का आरोप लग रहा है तो यह टाटा स्टील प्रबंधन के लिए भी आदर्श स्थिति नहीं कहा जा सकता।
मेरा इस मामले से कोई लेना देना नहीं
मेरा इस मामले से कोई लेना देना नहीं है. हम लोग मजदूरों का काम देखते हैं. मजदूर से जुड़े मामले की बात करते हैं. बाहर का कौन व्यक्ति क्या बोल रहा है. इससे मुझे कोई मतलब नहीं है. टेंट वालों की निजी संस्था है. उसका यूनियन से सीधा कोई संपर्क नहीं है. शैलेश सिंह, डिप्टी प्रेसीडेंट, टाटा वर्कर्स यूनियन.
गंभीर मसला, यूनियन अध्यक्ष से बात करेंगे
क्लब हाउस के चेयरमैन यूनियन अध्यक्ष होते हैं. किस परिस्थिति में यह गंभीर आरोप लगाये हैं. इसे देखने और समझने की जरुरत है. पूरा मसला यूनियन अध्यक्ष के संज्ञान में लाएंगे.उनसे व्यक्तिगत तौर पर भी बात करेंगे. सतीश सिंह, महामंत्री, टाटा वर्कर्स यूनियन