- सदर अस्पताल और विभिन्न प्रखंडों में धूम्रपान के खतरे और तंबाकू निषेध पर व्यापक जागरूकता अभियान
फतेह लाइव, रिपोर्टर
गिरिडीह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार और माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आदेशानुसार आज 31 मई 2025 को सदर अस्पताल और जिले के विभिन्न प्रखंडों व पंचायतों में विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किए गए. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैरा लीगल वॉलिंटियर्स ने भी प्रतिनियुक्ति के माध्यम से लोगों को तंबाकू के सेवन से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों से अवगत कराया. सिविल सर्जन ने बताया कि यह दिवस पहली बार 1988 में विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्यों द्वारा स्थापित किया गया था, जिसका उद्देश्य तंबाकू के सेवन को कम करना और स्वास्थ्य सुधार को बढ़ावा देना है. इस अवसर पर तंबाकू उद्योग के खिलाफ कानूनी, न्यायिक और प्रशासनिक कदमों की समीक्षा की गई ताकि धूम्रपान के हानिकारक प्रभावों को कम किया जा सके.
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विश्व तंबाकू निषेध दिवस के महत्व और स्वास्थ्य पर प्रभाव
कार्यक्रम में पैनल अधिवक्ता विपिन कुमार यादव और गीतेश चंद्रा ने भी तंबाकू के सेवन के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि भारत में सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर पाबंदी है और तंबाकू नियंत्रण कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए यह जागरूकता अभियान आवश्यक है. तंबाकू में कैंसरजनक तत्व होते हैं और तंबाकू का सेवन मुंह के कैंसर सहित अनेक बीमारियों का कारण बनता है. इस दिन तंबाकू के हानिकारक प्रभावों को रोकने तथा लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. लीगल एंड डिफेंस काउंसिल के सदस्यों ने भी इस अभियान में भाग लिया और अपनी सोच साझा की.
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तंबाकू निषेध कानून और सामाजिक जिम्मेदारियां
जिले के विभिन्न विधिक सहायता केंद्रों में भी धूम्रपान निषेध संबंधी कार्यक्रम आयोजित किए गए, जहां मजदूरों को तंबाकू से होने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी दी गई. कार्यक्रम के सफल आयोजन में पी एल बी दिलीप कुमार, अशोक कुमार वर्मा, कामेश्वर कुमार, शालिनी प्रिया, संतोष कुमार, सुनील कुमार और जूही जूली सोरेन की महत्वपूर्ण भूमिका रही. इस पहल से जिले में तंबाकू सेवन के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने में मदद मिलेगी और तंबाकू के नुकसान को कम करने की दिशा में कार्य किया जाएगा.