- कार्यशाला में स्वच्छता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए योजनाबद्ध रणनीतियों पर हुई विस्तार से चर्चा
फतेह लाइव, रिपोर्टर
गिरिडीह समाहरणालय सभागार में उप विकास आयुक्त स्मृता कुमारी की अध्यक्षता में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण – 2025 की जिला स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य जिले को स्वच्छता रैंकिंग में शीर्ष स्थान दिलाने हेतु सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को एक मंच पर लाकर योजनाबद्ध रणनीति बनाना था. उप विकास आयुक्त ने कहा कि “एक कदम स्वच्छता” के संकल्प को पूरा करने के लिए सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी और कर्मचारी अपने दायित्वों को समझें और स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों को प्राप्त करें. उन्होंने हर नागरिक की भागीदारी को भी आवश्यक बताया और कहा कि स्वच्छता सिर्फ जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हमारा कर्तव्य है. तकनीक, जनसहभागिता और नियमित निगरानी से इस अभियान को प्रभावी बनाया जाएगा.
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कार्यशाला में उप विकास आयुक्त ने तरल एवं ठोस अवशिष्ट प्रबंधन, ओडीएफ और ग्रे वाटर मैनेजमेंट के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारियों और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को समन्वय से काम करने और निर्धारित मानकों के अनुसार लक्ष्य हासिल करने के निर्देश दिए. स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2025 के अंतर्गत हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सर्वेक्षण किया जाएगा, जिसे स्वतंत्र एजेंसी Academy of Management Studies (AMS) द्वारा जून से अगस्त 2025 तक संपादित किया जाएगा. इस सर्वेक्षण में कुल 1000 अंक निर्धारित हैं, जिनमें नागरिक फीडबैक के 100 अंक, सेवा स्तर की प्रगति के 240 अंक, प्रत्यक्ष अवलोकन के 540 अंक और संयंत्र निरीक्षण के 120 अंक शामिल हैं.
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स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2025 के घटकों पर विस्तार से चर्चा की गई, जिसमें एसएसजी 2025 पोर्टल, जिला एवं प्रखंड स्तर पर ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्रों का सर्वेक्षण, लक्षित आईईसी योजनाओं द्वारा अभियान को लोकप्रिय बनाना, तथा डेटा की सत्यापन प्रक्रिया शामिल है. प्रत्यक्ष अवलोकन और हितधारकों के संवाद के माध्यम से गांवों और सार्वजनिक स्थलों की ओडीएफ प्लस स्थिति का भी क्षेत्रीय सत्यापन किया जाएगा. नागरिक प्रतिक्रिया को बढ़ावा देने हेतु मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग किया जाएगा. ODF प्लस गांवों का सत्यापन, पंचायत स्तर पर डैशबोर्ड अपडेट और जन सहभागिता की गतिविधियों पर भी जोर दिया गया.
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कार्यशाला में “नागरिक फीडबैक टूल” की महत्ता पर विशेष चर्चा हुई. यह टूल स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2025 का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसके माध्यम से आम जनता अपनी पंचायत की स्वच्छता स्थिति पर ऑनलाइन फीडबैक दे सकती है. नागरिक मोबाइल ऐप (SSG-2025 App) डाउनलोड कर स्वच्छता से संबंधित प्रतिक्रिया दे सकते हैं. इसमें शौचालय की उपलब्धता, उपयोग, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, स्वच्छता कार्यों में पंचायत की भूमिका, एवं जन जागरूकता से जुड़े प्रश्न शामिल हैं. इस फीडबैक को 100 अंक दिया गया है, जो यह दर्शाता है कि जनता स्वच्छता कार्यों से कितनी संतुष्ट है. सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों को अधिक से अधिक ग्रामीणों को ऐप डाउनलोड कर फीडबैक देने के लिए जागरूक करने का निर्देश दिया गया.
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कार्यशाला में ठोस एवं तरल अवशिष्ट प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने के साथ ग्रे वाटर के उपयोग की तकनीकों की जानकारी दी गई. सिविल सर्जन, कार्यपालक अभियंता PHED, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, कृषि पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, सहायक अभियंता, जिला समन्वयक (SBM-G), UNICEF टीम सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे. सभी प्रतिभागियों से आग्रह किया गया कि वे अपने क्षेत्र में स्वच्छता कार्यों को गति दें और स्वच्छता मिशन के लक्ष्यों को सफल बनाएं.