ओडिशा में चुनाव प्रचार को डेढ़ करोड़ किराया पर लिए गए थे एलईडी वाहन
कुछ लाख देकर ओडिशा प्रभारी समेत और नेताओं ने झाड़ लिया था पल्ला
व्यापारी थाना गया तो नहीं हुई सुनवाई, कोर्ट के आदेश पर शुरू हुई जाँच
रघुवर के प्रभाव क्षेत्र में चुनाव लड़ने को आतुर अजय की घेराबंदी तेज
चरणजीत सिंह.






































जमशेदपुर पूर्वी के किसी चौक चौराहे पर जाइये, चाय के स्टॉल पर मजमा लगाइये, यह सवाल सुनने को जरूर मिल जायेगा कि डॉक्टर अजय कुमार को बताना होगा कि ओडिशा के व्यापारी के डेढ़ करोड़ रुपये किसने पचाये हैं।
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दरअसल, डॉक्टर अजय कुमार बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के ओडिशा प्रभारी थे। उस वक्त चुनाव प्रचार के लिए एक कंपनी के व्यापारी से एलईडी प्रचार वाहन लिया गया। सौदा डेढ़ करोड़ में तय हुआ। एडवांस में कुछ लाख रुपये थमा दिये गए। एलईडी वाहन ओडिशा में चुनाव प्रचार के लिए घूमा भी। व्यापारी तकादा करता रहा। आचार संहिता के कारण नकद लेकर मूवमेंट नहीं हो पाने का हवाला देकर उसे टाला जाता रहा। ओडिशा के चुनाव नतीजे आये तो कांग्रेस की बुरी हार हो गई थी। व्यापारी के डेढ करोड़ देने को क़ोई तैयार नहीं था। बहुत चक्कर लगाने पर कुछेक लाख पकड़ा दिये गए। उसके बाद पैसा देना तो दूर, उस व्यापारी से बात करना बंद कर दिया गया। थक हार कर वो थाना गया। वहाँ सुनवाई नहीं हुई तो उसने कोर्ट की शरण ली। अब कोर्ट के आदेश पर केस खुल गया है। जाँच शुरू हो गई है।
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पूर्व सांसद डॉक्टर अजय कुमार को झारखंड चुनाव के पहले ओडिशा से तगड़ा दर्द मिल रहा है। महज कुछ दिन पहले कांग्रेस नेतृत्व ने बहुत उम्मीद से उन्हें बीते विधानसभा चुनाव में पंजा को मजबूत करने के लिए ओडिशा प्रभारी बनाया था। ऐसा कुछ नहीं हुआ। चुनाव में कांग्रेस की बुरी तरह हार हुई और ओडिशा में पहली बार भाजपा का उदय हो गया। अब झारखंड और ओडिशा के भाजपाई हो या कांग्रेसी, सबकी जुबान पर डेढ़ करोड़ है। इतना तय है कि डॉक्टर अजय को जमशेदपुर पूर्वी से टिकट मिले या नहीं मिले, झारखंड के विधानसभा चुनाव में डेढ़ करोड़ गूंजते जरूर रहेंगे।
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रघुवर ओडिशा के राज्यपाल, मसला शांत नहीं होगा
डॉक्टर अजय उसी जमशेदपुर पूर्वी से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं जहाँ के पूर्व विधायक रहे रघुवर दास ओडिशा के राज्यपाल है। विधानसभा चुनाव लड़ने की चाहत में डॉक्टर अजय लगातार रघुवर दास की आलोचना भी कर रहे हैं। अब ओडिशा से डेढ़ करोड़ का मसला घूमते हुए झारखंड तक पहुँच चुका है। रघुवर दास ओडिशा के राज्यपाल है। सियासी जानकार मान रहे हैं कि यह मसला ठंडा नहीं होगा। डॉक्टर अजय की छोड़िये, यह मसला पूरे झारखंड के चुनाव प्रचार में कांग्रेस को घेरता रहेगा। अब भाजपाई इस तैयारी में है कि डॉक्टर अजय को टिकट मिलता है तो व्यापारी का चेहरा सामने लाया जायेगा, उसका दर्द यहाँ की जनता को बताया जायेगा, डॉक्टर अजय से सबको सावधान किया जायेगा। एक मूवी का डायलाग है, राजनीति में मुर्दे को जिंदा रखा जाता है ताकि वो टाइम आने पर बोले। शायद झारखंड के चुनाव में भाजपाइयों के लिए वह टाइम आ चुका है।
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कर्नाटक में नौकरी के लिए झरखंडियों की पिटाई का वीडियो भी वायरल
डॉक्टर अजय कुमार कर्नाटक के रहने वाले है। यहाँ सांसद रहे हैं। इसलिए उनके बारे में यह सबको पता है। अभी जमशेदपुर में एक वीडियो खूब वायरल है। इसमें दिखाया गया कि नौकरी के लिए कर्नाटक गए लोगों को झारखंडी कह कर मारा गया है, भगाया गया है। यह वीडियो कब का है, यह साफ नहीं है। मगर इससे डॉक्टर अजय के खिलाफ माहौल जरूर बन रहा है या बनाने का प्रयास हो रहा है।