ऐसी सेटिंग गेटिंग बच जाते हैं धंधेबाज फंस जाते हैं खिलाड़ी
फतेह लाइव रिपोर्टर
शहर में अवैध रूप से लॉटरी मटका सट्टा जुआ धड़ल्ले से चल रहा है. जिसमें प्रतिदिन हजारों लोग अपनी गाढ़ी कमाई लूट रहे हैं और इस धंधे में शामिल लोगों के बल्ले बल्ले हैं, जिसकी बदौलत उक्त धंधेबाजों की प्रशासनिक और पुलिस महकमा में अच्छी पकड़ की चर्चा है जिसकी बदौलत उक्त धंधेबाजों को कहे बगाहे वरीय अफसर के रेड की खबर मिल जाती है और यह अपना कारोबार समेट कर चुपचाप रह जाते हैं फिर बेखौफ धंधा को शुरू कर देते हैं.
इसका उदाहरण है पिछले दिनों परसुडीह हाट बाजार में जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के द्वारा खुद ही धावा बोल दिया गया था लेकिन धंधेबाजों को पहले ही इस बात की भनक लग गई थी और वह अपना कारोबार समेट लिए थे वरिष्ठ अफसर को आंशिक सफलता ही मिली थी। ठीक इसी प्रकार बीते वर्ष अगस्त महीने में सुंदरनगर के गोडा़डीह गांव से एक वीडियो चर्चा में आया था.जहां मेला के नाम पर अवैध धंधेबाज नशाखोरी और जुआ चलवा रहे थे.यह मामला जब फतेह लाईव और अन्य समाचार पत्रों की सुर्खियां बटोरने लगा तब संचालकों ने छापेमारी के पहले ही धंधा बंद कर दिया था.
देखें वीडियो


साक्षी पत्ता मार्केट और मुर्गा लाइन का अवैध लॉटरी के धंधे का वीडियो वायरल
अब ताजा मामला साकची के पत्ता मार्केट और मुर्गा लाईन का कथित एक ऐसा वीडियो वायरल होने से हड़कंप मच गया है. बताया जा रहा है कि किसी राकेश नाम संचालक द्वारा लॉटरी का अवैध धंधा चलाया जा रहा है.हालांकि चोरी-छिपे चल रहे इस धंधे में पुलिस की संलिप्तता से भी इंकार नहीं किया जा सकता है.
फिलहाल तो आज एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें एक रजिस्टर पर नंबर अंकित कर चार-पांच खिलाड़ियों को बैठा कर जुआ खेलाया जा रहा है.फतेह लाईव इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं कर सकता है लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं है कि पूरे कोल्हान के तीनों जिलों में ऐसे धंधों की बाढ़ आ गई है.
पुलिस की कार्यशाली पर सवाल

ऐसे मामलों में पुलिस की संलिप्तता से इंकार इसलिए भी नहीं किया जा सकता क्योंकि पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है.खुले आम जुआ चले, स्क्रैप कटे और अवैध दारू बिके जिसका पुलिस को पता न‌ चले यह तो अविश्वसनीय ही माना जाएगा.
*खबर चलने के बाद होती है खानापूर्ति और फिर धंधा शुरू

लौहनगरी समेत कोल्हान के कुछ कुछ थाना क्षेत्र को बस खानापूर्ति वाली छापेमारी के लिए ही चर्चित माना जाता है.जी हां अक्सर हम देख रहे हैं कि जहां खुलेआम बीच बाजार में कानून की धज्जियां उड़ाते हुए अवैध धंधे चलते हैं वहां खानापूर्ति वाली छापेमारी ही की जाती है.ऐसी जगहों में जमशेदपुर का कदमा,सोनारी और बिष्टुपुर में चुना बाबा का मार्केट में संचालकों को कोई भय नहीं रहता है.यहां लगभग 15-20 सालों से लॉटरी और मटका बड़े सेटिंग-गेटिंग से चल रहा है.अगर कभी खबर छापने या प्रशासनिक दबाव में छापेमारी होती भी है तो
फिर क्या बस कभी तो थाने से जमानत दे दी जाती है तो कभी कमजोर धाराएं लगने से कोर्ट से भी खड़े-खड़े जमानत मिल जाती है.परंतु जब शिकायतें और खबरों पर किसी बड़े नेता या बड़े मीडिया हाऊस की लगातार मार पड़ती है और वीडियो या फोटो वायरल होते हैं तब गंभीर धाराओं के तहत मामले दर्ज कर संचालकों को भी खिलाड़ियों के साथ येन-केन प्रकारेण जेल भेजा जाता है लेकिन ऐसा दो-चार साल में कभी एक-आध बार ही होता है बाकी धंधा तो एक दो महिने छोड़ सालों भर चलता ही रहता है.
यह सारी कहानी हम नहीं कह रहे ये बीते 15 सालों से उन घटना स्थल वाले थानों में दर्ज शिकायतें और एफआईआर ही बयां कर रही हैं जिसे पढ़ कर कोई भी वरीय अधिकारी समझ सकता है.
ऐसे होते हैं सेटिंग गेटिंग!
सेटिंग-गेटिंग का नतीजा है कि बीते कुछ माह पहले ही बिष्टुपुर में राकेश और इरफान नामक व्यक्ति के अड्डों पर शक्ति होटल के पीछे छापेमारी कर 28 हजार रुपए समेत 4-5 लोग पकड़े गए लेकिन संचालक फरार बताए गए.
बीते वर्ष भी कुछ ऐसा ही हाल सोनारी थाना क्षेत्र के कागलनगर पार्क के पास घटित हुआ था जहां छापेमारी के बाद संचालक बबलू,पंचू और‌ कमाल नामक संचालकों के अड्डों से 5 सट्टा खिलाड़ी तो पकड़ाए लेकिन संचालक फरार हो गए.आखिर संचालकों को कोई तो सूचना मिलती ही होगी ताकि वे छापेमारी से पहले ही गायब हो जाते हैं.इतना ही नहीं सट्टा में शामिल खिलाड़ियों को भी कोर्ट से खड़े खड़े जमानत मिल गई.मतलब आप समझ सकते हैं?
कुछ यही हाल कदमा के शास्त्रीनगर के भोला और बाछा खान के अड्डे का भी है जहां मेन‌ रोड पर मस्जिद के सामने ही खुलेआम घूम-घूम कर लॉटरी चलवाया जाता है और कभी-कभार खबरों के बाद खानापूर्ति वाली छापेमारी कर दी जाती है.
कुल मिलाकर देखें तो कदमा, सोनारी,बिष्टुपुर,उलिडीह,मानगो, सीतारामडेरा,सिदगोड़ा,परसुडीह और सुंदरनगर का‌ तो वर्षों से यही हाल है जहां अड्डे उजड़ते-बसते देखे जाते हैं.इसके अलावा कोल्हान के विभिन्न थाना क्षेत्रों के ग्रामीण इलाकों में मुर्गा पाड़ा और‌ हब्बा-डब्बा तो चलना तो अब आम बात हो गई है.
अवैध धंधों पर विधायक की बात भी ताक पर
अक्सर ऐसे अवैध धंधों के खिलाफ भाजमो से पूर्वी जमशेदपुर के विधायक सरयू राय अपने बयानों से आग उगलते नजर आते हैं लेकिन दो-चार दिन धंधों पर लगाम लगने के बाद फिर वही ढाक के तीन पात.
यहां तक कि अवैध धंधों पर लगाम लगाने के लिए कुछ राजनीतिक दलों ने न‌ सिर्फ पत्राचार किया बल्कि धरना प्रदर्शन भी किया है फिर भी संचालकों की क्या गजब सेटिंग रहती है कि भले महिने-दो महीने धंधा बंद हो जाए लेकिन शुरुआत तो देर सवेर हो ही जाती है.

Share.
© 2025 (ਫਤਿਹ ਲਾਈਵ) FatehLive.com. Designed by Forever Infotech.
Exit mobile version