फतेह लाइव, रिपोर्टर.
राज्य सरकार ने गढ़वा जिले के मझिआंव अंचल अधिकारी प्रमोद कुमार को निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही पिछले कई दिनों से सरकारी आवास में एक महिला के साथ रंगे हाथ अपनी पत्नी द्वारा पकड़े जाने पर सीओ प्रकरण का पटाक्षेप हो गया. प्रमोद कुमार, झारखंड प्रदेश सेवा (कोटि क्रमांक-99/25, षष्ठम बैच), अंचल अधिकारी, मझिआंव, गढ़वा को झारखण्ड सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली, 2016 के नियम-9(1)(क) के तहत् तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया है.
इस संबंध में कार्मिक प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग ने अधिसूचना जारी की है. विदित हो कि सीओ की पत्नी श्यामा रानी ने पिछले शनिवार को तड़के चार बजे मझिआंव आकर अपने पति के बेडरूम में आपत्तिजनक हालत में एक महिला को देखा और आवास के बाहर ताला जड़ दिया था. इसके बाद पुलिस के आने पर सीओ के बेडरूम से एक महिला को बरामद कर महिला थाना गढ़वा भेज दिया था, जिसके बाद सीओ की पत्नी ने अपने पति पर हमेशा शराब के नशे में डूबे रहने, कई महिलाओं से अवैध संबंध रहने, भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे रहने एवं बिना घुस के कोई काम नही करने तथा दहेज उत्पीड़न व साथ में रहने के लिए आने पर हमेशा मारपीट कर भगा देने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.
जबकि दूसरी ओर सीओ द्वारा भी अपनी पत्नी एवं साले पर मारपीट करने तथा जानलेवा हमला करने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. साथ ही इस मामले में उपायुक्त गढ़वा के निर्देश पर एसडीएम रंका द्वारा जांच की गई, जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें सस्पेंड कर दिया गया. इस तरह से मझिआंव अंचल से सरकार द्वारा भ्रष्टाचार का अंत किया गया, जिससे मझिआंव वासियों में खुशी का माहौल देखा जा रहा है.
सीओ के हमेशा नशे में रहने के कारण डरने लगे थे रैयत
गौरतलब हो कि पिछले कई माह से मझिआंव अंचल के रैयत सीओ प्रमोद कुमार के रवैये से तंग आ गये थे. कई बार तो ग्रामीणों को शराब के नशे में सीओ ने मारने के लिए भी दौड़ा लिया था, और कई लोगों को कार्यालय कक्ष में ही अपमानित किया था. साथ ही वे लोगों का मोबाईल फोन गेट पर ही गार्ड से रखवा लेते थे, इसलिये लोग अंचल कार्यालय में जाने से भी डरने लगे थे और उपायुक्त से कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे.
इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने पर रैयतों में रोष भी देखा जा रहा था, लेकिन भला हो सीओ की पत्नी का जिनके द्वारा सीओ की पोल खोलने के बाद सरकार द्वारा उपायुक्त के जांच प्रतिवेदन के तहत कार्रवाई की गई. इससे लोगों में काफी खुशी देखी जा रही है.
लोगों का यह भी कहना है कि देर से हुआ लेकिन अंधेर नहीं हुआ. कुछ लोगों का यह भी कहना है कि कुछ दलालों का अंचल कार्यालय एवं आवास अड्डा बन गया था, इससे भी लोगों को छुटकारा मिला. अच्छे नागरिक अंचल कार्यालय जाने से भी डर रहे थे. लोगों ने सरकार एवं उपायुक्त को धन्यवाद भी दिया.


