- मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के बाद भी पिता शरीर गरम था, उंगलियां फूट रही थी – राजू माहली
फतेह लाइव, रिपोर्टर






































घाटशिला के लालडीह निवासी व पूर्व सैनिक गोपीनाथ माहली के कुछ खाद्य पदार्थ खाया. इसी क्रम में वह खाद्य पदार्थ गोपानाथ माहली के गले में फंस गया जिससे वह अचेत हो गए. परिजन गोपीनाथ को अनुमंडल अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया. इस संबंध में घाटशिला अनुमंडल के स्वास्थ्य प्रभारी राजेंद्र नाथ सोरेन ने बताया कि मरीज पूर्व सैनिक गोपीनाथ माहली को अस्पताल लाया गया था जिसे पूरे चेकअप के बाद मृत घोषित किया गया था. लेकिन मृतक के पुत्र राजू माहली का कहना है कि जब उनके पिता को अनुमंडल अस्पताल द्वारा मृत घोषित कर सर्टिफिकेट जारी किया गया उस समय उसके पिता का शरीर गरम था और हाथ की उंगलियां भी फूट (हिल) रही थी.
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मृत्यु के बाद हाथ की उंगलियां किसी कीमत नहीं फुट सकती – मेडिकल के जानकार
इसके बाद वह इसकी पुष्टि करने के लिए स्थानीय नर्सिंग होम ले गये लेकिन यहां डॉक्टर ने अस्पताल के मृत्यु प्रमाण पत्र को देखकर उनका चेकअप नहीं किया. उसके बाद परिजन गोपीनाथ माहली को जमशेदपुर ले गए जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. इस मामले में फतेह लाइव न्यूज़ किसी प्रकार की पुष्टि नहीं करता है. इस मामले में अनुमंडल अस्पताल के प्रभारी और मृतक के परिजन के बयान के आधार पर यह खबर बनाई गई है. इस संबंध में मेडिकल फील्ड के जानकारों का कहना है की मृत्यु की पुष्टि होने के बाद शरीर ठंडा होना शुरू हो जाता है और हाथ की उंगलियां किसी कीमत पर फुट नहीं सकती है. सच्चाई क्या है यह या तो मृतक गोपीनाथ माहली के परिजन जानते हैं या फिर अनुमंडल अस्पताल. मामला जो भी हो इसकी जांच होनी चाहिए.