फतेह लाइव, रिपोर्टर
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार, नई दिल्ली एवं झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, रांची के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. शिविर का उद्घाटन सोनम बिश्नोई, सेवानिवृत न्यायाधीश सचिंद्रनाथ पांडेय एवं पैनल अधिवक्ता के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया. इस शिविर में नालसा गठित मनोनय के अंतर्गत मानसिक रोगी एवं बौद्धिक विकलांगता के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की गई. इसका मुख्य उद्देश्य है कि प्रत्येक मनुष्य मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होकर सजगता पूर्वक अपना जीवन जी सकें.
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इस अवसर पर प्रशिक्षक द्वारा बताया गया कि वर्तमान दौर में विश्व भर में लोग मानसिक तनाव से निरंतर ग्रसित होते जा रहे हैं, जिसका विपरीत प्रभाव न सिर्फ उस व्यक्ति पर बल्कि पूरे समाज पर भी पड़ रहा है. अधिकांश लोगों को अपने मानसिक तनाव एवं मानसिक रोगों की अवस्था के बारे में पता ही नहीं रहता है. इस कारण वे समय रहते अपने स्वास्थ्य की इस समस्या का समाधान नहीं कर पाते हैं. इस कार्यक्रम के तहत आम लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाया जाता है. भारतीय संविधान एवं न्यायिक प्रक्रियाओं में भी मानसिक रोगियों के लिए विभिन्न उपबंध किए गए हैं, ताकि मानसिक रोग से ग्रसित व्यक्ति अपने कानूनी अधिकारों का लाभ ले सके. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पैनल अधिवक्ता एवं पीएलभी उपस्थित थे.