- शब्द कीर्तन, सहज पाठ और लंगर से गूंजा गुरूद्वारा, सिख पंथ की गौरवगाथा का दिखा भव्य स्वरूप
फतेह लाइव, रिपोर्टर
स्टेशन रोड स्थित गुरूद्वारा गुरू सिंह सभा में रविवार को वैशाखी पर्व और खालसा पंथ के 326वें स्थापना दिवस को लेकर विशेष भव्य आयोजन किया गया. गुरूद्वारे को रंग-बिरंगी रोशनी व फूलों से सजाया गया था. गुरू ग्रंथ साहिब को भी आकर्षक ढंग से सजाया गया. देहरादून से आए भाई हरप्रीत सिंह और उनकी टीम द्वारा प्रस्तुत किए गए शब्द कीर्तन ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया. संगत शब्दों में डूबी रही और कार्यक्रम में आस्था का उत्साह चरम पर रहा.
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गुरूद्वारे में हुआ भव्य आयोजन, भक्तिमय माहौल में गूंजे शब्द कीर्तन
कार्यक्रम के दौरान 7 अप्रैल से चल रहे सहज पाठ का समापन भी हुआ. गुरूद्वारा गुरू सिंह सभा के प्रधान डॉ गुणवंत सिंह मोंगिया ने बताया कि 13 अप्रैल 1699 को आनंदपुर साहिब में दशम गुरु, श्री गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. उन्होंने अमृत संचार कर लोगों को नया स्वरूप प्रदान किया और समाज तथा धर्म की रक्षा के लिए संगठित किया. डॉ मोंगिया ने कहा कि वैशाखी हमारे लिए सिर्फ फसल उत्सव नहीं, बल्कि नया वर्ष और खालसा सिरजना दिवस भी है.
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खालसा स्थापना की ऐतिहासिक कथा सुन भावुक हुए श्रद्धालु
गुरूद्वारे में लंगर का आयोजन किया गया जिसमें न केवल सिख समुदाय, बल्कि अन्य धर्मों के लोग भी बड़ी संख्या में शामिल हुए. गिरिडीह के विधायक व नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जिन्हें गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी द्वारा शिरोपा देकर सम्मानित किया गया. लंगर सेवा इस वर्ष भी समाजसेवी रतन गुप्ता द्वारा की गई. उन्हें भी डॉ मोंगिया द्वारा सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में गुरूद्वारा सचिव नरेंद्र सिंह सलूजा उर्फ सम्मी समेत कई प्रमुख सदस्य, महिलाएं, पुरुष और बच्चे मौजूद रहे.