फतेह लाइव, रिपोर्टर
माले के नेतृत्व में असंगठित मजदूर मोर्चा के सचिव और प्रतिनिधियों ने वन प्रमंडल पदाधिकारी मनीष तिवारी से मुलाकात की और वन विभाग की भूमि पर अवैध रूप से स्थापित फैक्ट्रियों के खिलाफ एक लिखित आवेदन दिया. इसमें, उन्होंने हरसिंहरायडीह पंचायत, मौजा हरसिंहरायडीह, उद्नबाद पंचायत, श्रीरामपुर, मझलाडीह, महुआटांड़ सहित अन्य इलाकों में वन विभाग की भूमि पर फैक्ट्रियां बनाए जाने की जांच की मांग की. असंगठित मजदूर मोर्चा के सचिव कन्हाई पांडेय ने बताया कि लंगटा बाबा कारखाना, कस्तूरी राइस मिल, चिप्स प्लांट, तार और काटी प्लांट जैसे कई कारखाने अवैध रूप से वन विभाग की भूमि पर बने हुए हैं.
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उन्होंने महुआटांड़ में वेंकटेश्वर स्पंज आयरन और निरंजन हाईटेक कारखानों की जांच की मांग की और कहा कि इन कारखानों के कारण जंगल में प्रदूषण बढ़ गया है, जिससे कई जीव-जंतु मारे गए हैं या जंगल छोड़ने को मजबूर हुए हैं. माले नेता राजेश सिन्हा ने कहा कि इस आवेदन में जंगल का नक्शा भी दिया गया है, और अंचल अधिकारी द्वारा वन विभाग को दिए गए आवेदन की भी जानकारी दी गई. उन्होंने कहा कि यदि जांच में सही पाया जाता है तो तत्काल कार्रवाई की जाए, अन्यथा ग्रामीणों को संगठित कर बड़े आंदोलन का सामना करना पड़ेगा.
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सिन्हा ने यह भी कहा कि फैक्ट्रियों द्वारा किए जा रहे प्रदूषण से भूमि बंजर हो रही है और इसके खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की जानी चाहिए. इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि फैक्ट्री मालिकों को सीएसआर फंड के तहत स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क, सुरक्षा और शिक्षा जैसी सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए, अन्यथा यह आंदोलन और तेज किया जाएगा. माले नेता शंकर पांडेय ने भी कहा कि कागजात से स्पष्ट है कि गड़बड़ी हुई है, लेकिन वे वन विभाग और उपायुक्त कार्यालय से जांच के बाद कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं. यदि आवश्यक कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन की योजना बनाएंगे. इस बैठक में माले के अन्य नेता जैसे मजहर, नौशाद राजा, सुमन और नरेश गोस्वामी भी उपस्थित थे.