- बरसमिया स्थित अस्पताल में चिकित्सक की लापरवाही से हुई मौत, परिजनों ने किया हंगामा
फतेह लाइव, रिपोर्टर
गिरिडीह शहरी क्षेत्र के बरसमिया स्थित विश्वनाथ नर्सिंग होम में चिकित्सक की लापरवाही से एक व्यक्ति की मौत हो गई. मृतक की पहचान पाण्डेयडीह निवासी संतोष शर्मा के रूप में की गई. संतोष शर्मा झामुमो के एक नेता के बड़े भाई थे. इस घटना के बाद मृतक के परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. सूचना मिलने पर नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू, नगर थाना प्रभारी शैलेश प्रसाद और महिला थाना प्रभारी दीपमाला कुमारी समेत भारी संख्या में पुलिस के जवान मौके पर पहुंचे. मंत्री ने परिजनों को ढांढस बंधाया और अस्पताल के डॉक्टर से बातचीत की. मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य के किसी भी अस्पताल को मरीजों के साथ व्यापार करने की इजाजत नहीं दी जाएगी और इस घटना की जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
इसे भी पढ़ें : Jamshedpur Police : मानगो में 30 पुड़िया ब्राउन शुगर के साथ तीन गिरफ्तार
मंत्री ने मामले पर गंभीरता से लिया एक्शन, कड़ी जांच की घोषणा
मृतक के भाई प्रदोष शर्मा ने बताया कि उनके भाई संतोष शर्मा की तबियत दो दिन से खराब थी. उन्हें इलाज के लिए विश्वनाथ नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था. भर्ती के समय उनके भाई की स्थिति ठीक थी, लेकिन रात करीब दो बजे अस्पताल से फोन आया कि ब्लड की जरूरत है. प्रदोष शर्मा ने तुरंत ब्लड उपलब्ध कराया, लेकिन कुछ समय बाद उन्हें यह जानकारी मिली कि उनके भाई को आईसीयू में भर्ती कर दिया गया है. जब परिजनों ने और जानकारी प्राप्त की तो पता चला कि संतोष शर्मा की मौत हो गई थी. डॉक्टर से इस पर सवाल पूछा गया, लेकिन डॉक्टर मौके से फरार हो गए.
इसे भी पढ़ें : Jamshedpur : तीन दिवसीय ‘रेडियंट झारखंड’ मेगा प्रदर्शनी का समापन
मृतक के परिवार ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया
मृतक के परिजनों का गुस्सा बढ़ गया और उन्होंने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया. मौके पर पुलिस के जवान पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया. नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने आश्वासन दिया कि अस्पताल के खिलाफ जांच की जाएगी और लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य में मरीजों की देखभाल के साथ किसी भी प्रकार की लापरवाही या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मंत्री के आश्वासन के बाद मामले में जल्द कार्रवाई करने का भरोसा परिजनों को दिया गया.