• समाहरणालय में आयोजित बैठक में सरकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन पर जोर

फतेह लाइव, रिपोर्टर

उपायुक्त अनन्य मित्तल के निर्देशानुसार, समाहरणालय में बैंकों की जिला परामर्शदात्री समिति (DCC) और जिला स्तरीय समीक्षा बैठक (DLRC) का आयोजन किया गया. इस बैठक की अध्यक्षता परियोजना निदेशक आईटीडीए दीपांकर चौधरी ने की. बैठक में अग्रणी जिला प्रबंधक ने वित्तीय वर्ष 2024-2025 की तृतीय तिमाही का वित्तीय लेखा जोखा प्रस्तुत किया. वार्षिक जमा ऋण अनुपात में बैंकों द्वारा समकक्ष तृतीय तिमाही में 51.62% के मुकाबले 57.96% की उपलब्धि प्राप्त की गई. इसके साथ ही, पूर्वी सिंहभूम जिले का वार्षिक जमा ऋण अनुपात 73.66% हो गया, जो पूरे झारखंड राज्य में सबसे अच्छा प्रदर्शन है. हालांकि, परियोजना निदेशक ने इस उपलब्धि से संतुष्ट न होने की बात कहते हुए और बेहतर करने की आवश्यकता पर बल दिया.

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जिले में बैंकों के प्रदर्शन पर जोर, आगामी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन पर चर्चा

बैठक में प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत कुल 8,87,368 खातों में से 63,389 खाते शून्य राशि के पाए गए. आधार सीडिंग का प्रतिशत 89.38% रहा. परियोजना निदेशक ने सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए बैंकों को परस्पर सहयोग करने का निर्देश दिया. प्राथमिकता क्षेत्र में कृषि ऋण में सुधार, मुद्रा योजना, PMEGP और PMFME योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत आवेदनों का शीघ्र ऋण वितरण सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी चर्चा की गई. साथ ही, PMFME महोत्सव का आयोजन 23 मार्च 2025 को गोपाल मैदान में किया जाएगा, जिसमें झारखंड के उद्योग मंत्री भी शिरकत करेंगे. परियोजना निदेशक ने बैंकों के अधिकारियों से कहा कि वे सरकारी योजनाओं के आवेदन को शीघ्र निष्पादित करें और समाज के अंतिम छोर पर बैठे लोगों के लिए संवेदनशीलता से काम करें.

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सरकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन का निर्देश

बैठक में अग्रणी जिला प्रबंधक श्री संतोष कुमार ने कुछ बैंकों के प्रायोरिटी सेक्टर ऋण वितरण की कमी को स्वीकार किया और वार्षिक साख लक्ष्य को तर्कसंगत वितरण के आधार पर तय करने की आवश्यकता बताई. उन्होंने बैंकों को पंचायत स्तरीय सभी कार्यक्रमों में भागीदारी सुनिश्चित करने और ग्रामीण लोगों की समस्याओं का समाधान त्वरित रूप से करने का निर्देश दिया. साथ ही, केसीसी ऋण धारकों के लाभ का दायरा बढ़ाने पर जोर दिया, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका फायदा उठा सकें. परियोजना निदेशक ने डीडीएम नाबार्ड, अग्रणी जिला प्रबंधक, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, कृषि एवं संबद्ध विभाग, सहकारिता विभाग और जेएसएलपीएस की एक सामूहिक बैठक आयोजित करने की सलाह दी, ताकि जिले में उद्योग, कृषि और लघु उद्योगों को बढ़ावा दिया जा सके, जिससे लोगों को रोजगार और आमदनी के अवसर प्राप्त होंगे.

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