FatehLive Desk.
ज्योतिषाचार्य पुरूषोत्तम तिवारी के अनुसार होलिका दहन को लेकर संशय की स्थित बनी है. देश के अलग-अलग हिस्सों में 6 और 7 मार्च को होलिका दहन होगा. कारण 6 की शाम से 7 मार्च की शाम तक प्रदोष व्यापिनी फाल्गुन पूर्णिमा है.
देश में कहीं 6 को कहीं 7 मार्च को होगा होलिका दहन
होलिका दहन प्रदोष व्यापिनी फाल्गुन पूर्णिमा में किया जाता है. इस साल पूर्णिमा तिथि 6 मार्च को शाम 4:17 से प्रारंभ होकर 7 मार्च की शाम को 6:09 बजे तक रहेगी. इस कारण देश के अलग-अलग हिस्सों में 6 और 7 मार्च को होलिका दहन किया जा सकता है, हालांकि होलिका दहन कब करना है, यह राज्य, स्थान विशेष के स्थानीय लोंगों की स्वेच्छा पर रहेगा.
ज्योतिषाचार्य पुरूषोत्तम तिवारी द्वारा गृह-नक्षत्रों की गणना के आधार पर जो जानकारी दी गई है, उसमें भारत में जहां सूर्यास्त 6 मार्च को 6:09 बजे शाम को होगा. वहां पर होलिका दहन 6 मार्च को और जिन प्रदेशों में सूर्यास्त शाम 6:09 से पूर्व होगा वहां पर दहन 7 मार्च को किया जाएगा. बता दें कि देश में सरकार द्वारा 7 और 8 मार्च को होलिका दहन व धुलेंडी का अवकाश घोषित किया है.
होलिका दहन के मुहूर्त को लेकर किस राज्य में क्या स्थिति रहेगी
पंडित और ज्योतिषाचार्यों के अनुसार राजस्थान सहित कई राज्यों में 7 मार्च को सूर्यास्त पूर्व ही पूर्णिमा समाप्त हो जाएगी. जिससे प्रदोषकाल में पूर्णिमा का अभाव रहेगा, जबकि 6 मार्च को पूर्णिमा सम्पूर्ण प्रदोषकाल में व्याप्त रहेगी.
6 मार्च को होलिका दहन वाले स्थान
राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल आदि राज्य शामिल हैं.
7 मार्च को होलिका दहन वाले स्थान
पूर्वी उत्तरप्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, उत्तर पूर्वी छत्तीसगढ़, *झारखंड,* बिहार, उड़ीसा, असम सहित सभी पूर्वी प्रदेश शामिल हैं.
बता दें कि जहां 6 मार्च को होलिका दहन होगा. वहां 6 मार्च सोमवार की रात यानि 7 मार्च को 1:52 बजे के बाद होलिका दहन होगा. रात्रि 2:07 बजे शुभ का चौघड़िया शुरू होगा.
पूर्णिमा को भद्रा की आगे की 20 घटी छोड़कर 3 घटी (72 मिनट) यानि रात 1:52 से 3:04 तक भद्रा पुच्छ मानी जाएगी. उसी मे होलिका दहन होगा और एक घटी का मान 24 मिनट होता है.ज बकि जहां 7 मार्च को होलिका दहन होगा वहां प्रदोष काल में होलिका दहन होगा. होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा की प्रदोष की शाम ढलने के बाद रात में किया जाता है.
इस बार होलिका दहन को लेकर हिन्दू तिथि के तहत प्रदोष फाल्गुन पूर्णिमा, छह मार्च की शाम 4 बजकर 17 मिनट से शुरू हो रही है, जो 7 मार्च की शाम 6.09 बजे तक चलेगी. हिन्दू मान्यताओं के अनुसार होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा की प्रदोष की शाम ढलने के बाद रात में किया जाता है। ऐसे में देश में जहां शाम 6 बजे के बाद सूर्यास्त होगा वहां होलिका दहन किया जा सकता है, हालांकि 7 मार्च को ही दिन ढलने के बाद होलिका दहन का मुहूर्त शुभ माना गया है. ऐसे में मध्यप्रदेश के मध्यभारत के प्रदेशों में 7 मार्च को ही होलिका दहन का शुभ मुहूर्त माना जा रहा है. 7 मार्च की शाम ढलने के बाद किया जाएगा.