रात को नगर परिषद ने चस्पा किया नोटिस, पार्क बंदोबस्ती के संचालक मेसर्स कैलाश स्टील को सख्त चेतावनी, क्या कागजों में रहेगा यह आदेश !
गेट बंद होने के बाद प्रेस और पुलिस को क्यों और किन कारणों से दी गई अंदर जाने की अनुमति
बड़ा सवाल – जब प्रशासन का नोटिस लग ही गया तो पूरी तरह सील हो जाना चाहिए था अवैध बाजार, सब कार्रवाई आई वाश, मालामाल हो रहें बिचौलिये और जिम्मेदार
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
जमशेदपुर में दिवाली पर्व के त्यौहार में जिला प्रशासन और सफेदपोश बिचौलियों के कारण शहरवासी रविवार रात पटाखा खरीदने को लेकर जुगसलाई पिगमेंट गेट के पास नगर परिषद के पार्क में काफी परेशान हो गए. देर रात जुगसलाई नगर परिषद की कार्रवाई ने लोगों में हड़कंप मचा दिया. लेकिन यह कार्रवाई भी एक तरह से आई वाश दिखाई दी. फतेह लाइव ने 18 अक्टूबर के अंक में प्रकाशित किया था कि जिला प्रशासन और स्थानीय विधायक में कौन जीतेगा. यह कार्रवाई एक तरह से उसी का असर दिखी, लेकिन सब मिली जुली सरकार के पहलू ही लगे. आम जनता को होने वाली परेशानी को देखने ना तो यहां कोई जिम्मेदार अधिकारी दिखा, ना स्थानीय पुलिस और बिचोलिये.

दरअसल, रविवार दिन भर पार्क में बाजार सजने के बाद एक आदेश मेन गेट में चस्पा किया गया. तब वहां हंगामा छिड़ गया. छोटे व्यापारी तो प्रशासन का आदेश मानकर वहां से चलते फिरते बन गए, लेकिन बड़े व्यापारियों की अवैध कमाई प्रशासन के गेट बंद होने के बाद भी जारी रही, जो देर रात तक चलती रही. फतेह लाइव की टीम भी हंगामे की सूचना पाकर पार्क गई. गेट में तैनात दलाल किस्म के लोगों से बातचीत हुई. वह पब्लिक को अंदर जाने से मना कर रहे थे और यह कह रहे थे कि पुलिस और प्रेस ही अंदर जा सकती है. यह बहुत बड़ा सवाल यह अवैध कारोबार पर खड़ा होता है. फतेह लाइव टीम ने उनकी बातों को सुना और जनता की परेशानी को अपने कैमरे में कैद किया. यहां जुगसलाई नगर परिषद की एकाएक पर्व की पूर्व रात्रि दिए गए आदेश और पार्क के ठेकेदार को चेतावनी भरा नोटिस बहुत सारे राज को उत्पन्न कर सकता है.

खैर आपको बता दें कि पटाखा दुकान लगाने की नगर परिषद द्वारा पहले टेंडर निकाला जाता था, परंतु 2 साल से टेंडर नगर परिषद में निकल रहा था नगर परिषद ने हाथ खड़ा किया. जहां से शुरू हुआ बिचौलियों का खेल 2023 और 24 को कालू व विनोद गुलाटी नाम के शख्स ने दुकान लगाने के नाम पर जमकर अवैध वसूली की. इस बार बिचौलियों की दूसरी टीम विनोद गुलाटी और रोशन सिंह ने जिम्मा लिया और विधायक मंगल कालिंदी के छत्र छाया में दुकान लगाने की रणनीति तैयार की. आपको बता दें कि बिनोद गुलाटी की बार भी जुगसलाई क्षेत्र में चलती है. पटाखा के कारोबार से पुराना रिश्ता है, जो अब कहां पहुंच चुका है, अगले अंक में खुलासा किया जायेगा.
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बहरहाल, इस बार रेलवे ने कड़ा रुख अपनाते हुए रेलवे मैदान में साफ तौर पर पटाखा बिक्री पर रोक लगा दी. जहां विनोद गुलाटी और रोशन सिंह ने जुगसलाई नगर परिषद पार्क को अपना केंद्र बनाते हुए ज़िला प्रशासन द्वारा निर्गत अस्थाई लाइसेंस जिसे पटेल स्कूल के लिए निर्गत किया गया था. उस लाइसेंस व जिला प्रशासन के विरुद्ध जाकर जुगसलाई नगर परिषद पार्क के अंदर अस्थाई तौर पर दुकान लगवा दिया गया. कुल 32 दुकान लगाई गई और प्रत्येक दुकान से बिचौलियों द्वारा 32-32 हज़ार की मोटी रकम वसूली गई. बिचौलिए विनोद गुलाटी द्वारा विधायक मंगल कालिंदी के नाम को लेकर दुकानदारों को बरगलाया गया. एक तरफ जिले के उपायुक्त ने आदेश जारी किया था कि पटाखों का दुकान पटेल स्कूल में ही लगेगा. उल्लंघन होने पर कार्रवाई की जाएगी. बावजूद इसके बिचौलियों का मनोबल इतना ज्यादा बढ़ गया था. सब ने उपायुक्त के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए दुकान लगा ली. लगातार मामला सुर्खियों में बना हुआ था. नगर परिषद की नींद खुली और कार्रवाई शुरू हुई. रविवार रात नगर परिषद के द्वारा मेसर्स कैलाश स्टील जो पार्क के ठेकेदार हैं,नोटिस दिया गया, और उन्हें नोटिस के माध्यम से बताया गया कि आप अवैध रूप से पार्क की जगह पटाखा दुकान लगवाएं हैं, क्यों नहीं आपका टेंडर को रद्द कर दिया जाए और नगर परिषद पार्क के मुख्य द्वार पर 18 अक्टूबर के नोटिस 19 अक्टूबर को रात 9 बजे लगाकर पार्क को बंद कर दिया गया. नगर परिषद के इस कार्रवाई से क्षेत्र में हड़कंप मच गया.
मौका देखकर बिचौलिए विनोद गुलाटी और रोशन सिंह भाग गए. वहीं पार्क की बंदोस्ती किए गए ठेकेदार विजय सिंह उर्फ पप्पू सिंह के गर्दन पर भी तलवार लटकाना शुरू हुआ है. ऐसा होता देख ठेकेदार के लोगों ने भी आम लोगों को अंदर जाने से मना किया, पर अब भी प्रेस, पुलिस और नेतागण घुस रहे हैं.
अब सवाल उठता है दुकानों को लगाते वक्त क्यों नहीं रोका गया. नगर परिषद की नींद दो दिन बाद क्यों खुली. क्या पदाधिकारी राजनीतिक दबाव के आगे नतमस्तक थे? क्या पैसों का बंदरबांट हुआ है? अब जिला के उपायुक्त देखते है क्या करते हैं? अब तक लाइसेंस के आदेश का अवहेलना सभी ने किया है. ऐसे में एसडीओ की कार्यवाही देखनी बाकी है, फिलहाल दुकान देर रात तक नहीं हटी थी. रात में भी व्यापारियों के द्वारा चोरी-छिपे पीछे के गेट से पटाखा बेचा जा है. नगर परिषद इसमें अब क्या कार्रवाई करती है की खानापूर्ति यह भी देखने वाली बात है?


