- समाज ने पहचान संरक्षण के लिए सामूहिक शुद्धिकरण की तैयारी की
फतेह लाइव, रिपोर्टर
पोटका के कोवाली पंचायत अंतर्गत कूटसुरी गांव में आदिवासी भूमिज समाज ने ठेकेदार द्वारा हास्ताक़िली उकशासन पत्थर पर छेड़छाड़ के मामले को लेकर एक महत्वपूर्ण सामाजिक बैठक आयोजित की. हास्ताक़िली, डोड़ा किली और साड़ी किली में स्थित उकशासन (हाड़साली) भूमिज समाज की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक हैं. बैठक में बड़ी संख्या में आदिवासी भूमिज समाज के लोग मौजूद थे. ठेकेदार द्वारा सड़क निर्माण के दौरान उकशासन पत्थर को उखाड़े जाने की जानकारी मिलने पर गांव के लोगों ने मेट, मजदूर और मुंशी से पूछताछ कर सटीक तथ्य जुटाने का निर्णय लिया. बैठक में तय हुआ कि यदि छेड़छाड़ की पुष्टि होती है, तो शासन व्यवस्था को शुद्धिकरण हेतु सुझाव प्रस्तुत किए जाएंगे. आदिवासी समाज ने यह भी स्पष्ट किया कि पहचान और सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा के लिए वे किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं करेंगे.
इसे भी पढ़ें : Giridih : उपायुक्त रामनिवास यादव ने सतत् विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए कार्य योजना बैठक की अध्यक्षता की
भूमिज समाज ने सांस्कृतिक पहचान के संरक्षण पर जोर दिया
बैठक में सिद्धेश्वर सरदार ने कहा कि विकास आवश्यक है, लेकिन विकास के नाम पर समाज की अस्मिता और पहचान को नष्ट करना कतई स्वीकार्य नहीं है. यदि उकशासन पत्थर की छेड़छाड़ स्वीकार्य नहीं हुई, तो आगामी बैठक में सभी किली कूपुल मिलकर सामूहिक शुद्धिकरण करने का निर्णय लेंगे, जिससे भविष्य में भूमिज बहुल क्षेत्रों में निशान पत्थर, बोंगा दीरी, शासन दीरी, मसान दिरी आदि पर छेड़छाड़ न हो सके. बैठक में आदिवासी भूमिज समाज के सहलाकर समिति के सदस्य सिद्धेश्वर सरदार, जयपाल सिंह सरदार, मानिक सरदार, सृपति सरदार, गणेश सरदार, देवसरी सरदार, बीरो सरदार, अंजलि सरदार, सत्यवती सरदार, बसंती सरदार, बालेश्वर सरदार, हरिपद सरदार, राजेश सरदार, मानसिंह सरदार, दुबराज सरदार समेत अन्य समाजजन उपस्थित थे.