धमकी देने वाले गोविंदा पति ने खुद को भाजयुमो नेता बताया, जिला के बड़े नेताओं ने कहा निष्क्रिय
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
पत्रकार का सबसे बड़ा दुश्मन पत्रकार होता है, ये तो बहुत पुरानी कहावत थी लेकिन पत्रकार के साथ जुए का संचालक और कुछ तथाकथित पत्रकार भी दुश्मनी मोल लेंगे,अब ये बात भी समझ में आ ही गई है.खैर यह बात आप भी समझ लीजिएगा, विशेषकर खोजी पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों के हित में ही यह खबर प्रमाणित होती है.
हमने जुए के अड्डों के लगातार वीडियो फुटेज वायरल किए हैं और सूत्रों के हवाले से अड्डों के संचालक व लोकेशन भी अक्सर दर्शाएं हैं. गत् रविवार को भी लॉटरी-मटका के साथ हब्बा-डब्बा को भी मिला अघोषित लाईसेंस के शीर्षक पर एमजीएम थाना क्षेत्र का वीडियो व संचालक के नामों के साथ परसुडीह व सुंदरनगर थाना क्षेत्र के भी अड्डों का जिक्र किया था. खबर के वायरल लिंक को पढ़ कर धंधेबाज से ज्यादा तथाकथित पत्रकारों में हलचल मच गई और फिर क्या फतेह लाईव के संपादक चरणजीत सिंह को बारी-बारी से पत्रकारों व तथाकथित पत्रकारों के फोन आने लगे.
इसी बीच कल सोमवार को जुगसलाई के पुरानी बस्ती रोड निवासी सरकारी राशन दुकान चलाने वाले स्वघोषित पत्रकार मधुरेश बाजपेई का भी फोन आया. उसने पहला फोन 25/5/25 की दोपहर में किया और फतेह लाईव की खूब सराहना करते हुए चरणजीत को कहा कि एक तुम ही हो जो बिकाऊ नहीं हो, बाकी सभी मैनेज हैं. इसी बातचीत के दौरान जमशेदपुर अंचल क्षेत्र के कई पत्रकारों के उसने नाम भी ले लिए.
तारीफ के साथ कहा कि मैंने इस खबर को कुछ लोगों को भेजा है.
फिर वही मधुरेश बाजपेई देर रात लगभग 11.30 में फोन करता है. जहां उसके साथ रडार न्यूज का संपादक सुनील पांडेय और हब्बा-डब्बा का संचालक गोविंदा पति भी मौजूद रहता है. ये सभी लोग चरणजीत के फ़ोन पर मधुरेश के नंबर से टाटानगर स्टेशन के पास पुलिस की टीओपी में बैठकर बातें करते हैं जैसा कि सूत्रों ने बताया.
पहले तो मधुरेश और सुनील ने प्यार से कहा कि ये खबर अब आगे नहीं चलाई जाए और मामले को मैनेज किया जाए, क्योंकि अब तुम्हारे ऊपर हमला हो सकता है. इसी बीच जब चरणजीत ने कहा कि ठीक है बाद में बात करेंगे. तब गोविन्दा पति ने मधुरेश के फोन को पकड़ लिया और मां-बहन की गालियां देकर कहा कि मैं भाजयुमो का नेता हूं. तुम मुझे जानते हो और अब हमलोग तुम्हारे घर पर चढ़ाई करने जा रहे हैं. काफी गाली-गलौज के बाद मधुरेश ने फोन ले लिया और फिर चरणजीत ने कहा कि दोबारा फोन मत करना.
इस घटना के बाद चरणजीत सिंह के साथ मौजूद एक वरीय पत्रकार भी मौजूद थे और फिर उसको खुद परसुडीह थाना प्रभारी फ़ैज़ अहमद स्टेशन से लेकर घर तक छोड़ने आए. इस बात की पूरी जानकारी गोविंदा को भी थी, क्योंकि कुछ देर में सब वहां से रफू-चक्कर हो गये. चरणजीत के घर के पास सुनील पांडेय भी रात के 12.30 के आस-पास पहुंचे और चरणजीत को काफी समझाया कि इसकी लिखित शिकायत नहीं करना है, क्योंकि हम लोग बदनाम हो जाएंगे.
आज ऑल इंडिया स्मॉल एंड मीडियम जर्नलिस्ट वैलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों को जैसे ही इस मामले में पूरी जानकारी मिली वैसी ही तुरंत परसुडीह थाना में शिकायत दर्ज कराई गई है. ऐसोसिएशन इस मामले को उच्च अधिकारियों तक लेकर जाएगा, ताकि पत्रकार की सुरक्षा और सम्मान बरकरार रहे. परसुडीह थाना प्रभारी फैज अहमद ने भी लिखित शिकायत लेते हुए मामले को गंभीरतापूर्वक जांच शुरू कर दी है.