फतेह लाइव, रिपोर्टर.
झारखंड अलग राज्य की मांग को लेकर जिस परिवार ने संघर्ष किया, बलिदान दिया और झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाया।झारखंड आंदोलन के जननी स्वरूप माने जाने वाली (89वर्ष) की मंदाकिनी महतो का स्वर्गवास रविवार को हो गया था. उनके सुपुत्र झारखंड आंदोलनकारी सह जमशेदपुर के जाने-माने समाजसेवी आस्तिक महतो (बाबू दा) ने मुखाग्नि देखकर उनका अंतिम संस्कार संपन्न किया.
विधानसभा चुनाव के प्रचार के अंतिम दिन यह दुखद समाचार सुनते ही सोनारी थाना शांति समिति के सचिव सह अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू, जमशेदपुर पश्चिम की निर्दलीय विधायक प्रत्याशी अन्नी अमृता, सोनारी थाना शांति समिति के सदस्य राहुल भट्टाचार्जी, अरुण सिंह और प्रदीप श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु आस्तिक महत्व के घर उपस्थित हुए. और सभी ने मंदाकिनी माता जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर अगरबत्ती जलाकर ईश्वर से दिवंगत आत्मा की मोक्ष की कामना की.